अपनी बात

तरस गये धनबाद के पुराने नेता-कार्यकर्ता, प्रदेश के बड़े नेताओं ने उन्हें लगा दिये ठिकाने, पीएम मोदी से उन्हें मिलाया जिनके घर पड़े थे, इनकम टैक्स के छापे

ये आधुनिक भाजपा है और ये हैं आधुनिक भाजपा के आधुनिक नेता। ये अपने पुराने नेता व कार्यकर्ताओं को सम्मान देना नहीं जानते, वे तो समय आने पर उन्हें ठिकाने लगाना, उनके सम्मान से खेलना और उनकी छाती पर कील ठोकने में ज्यादा आनन्द लेते हैं। ऐसा करने के बाद वे उन पुराने नेता व कार्यकर्ता को ऐहसास भी दिलाते हैं कि देखों हमारी ताकत, तुम्हारे ही जिले में, तुम्हारे ही नाक के नीचे, तुम्हारे सम्मान की ऐसी की तैसी कर दी।

बेचारे पुराने नेता व कार्यकर्ता क्या करेंगे? कभी अपनी पार्टी के साथ गद्दारी नहीं की तो आज गद्दारी कैसे कर दें। शायद इसी भाव का आज के भाजपा के आधुनिक नेता फायदा उठा रहे हैं। उसका सबसे सुंदर उदाहरण है कल की धनबाद की घटना। जहां प्रदेश व धनबाद के एक-दो नेताओं ने यहां के समर्पित नेताओं के खिलाफ ऐसी चाल चली, कि जिसकी चर्चा पूरे कोयलांचल में हैं।

उदाहरण नंबर एक – सत्येन्द्र कुमार भाजपा के अति समर्पित कार्यकर्ता है। ये अभी धनबाद लोकसभा के संयोजक है। पूर्व जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य भी है। दुमका-जमशेदपुर के प्रभारी भी रह चुके हैं और वर्तमान में देवघर के प्रभारी भी है। लेकिन जानते हैं, भाजपा के आधुनिक प्रदेशस्तरीय नेताओं ने इनके साथ क्या किया? जो पीएम मोदी से मिलनेवालों की सूची थी, उसमें से इनका नाम ही उड़ा दिया। जब भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं और नेताओं ने सूची बनानेवाले नेताओं से पूछा कि इनका नाम क्यों नहीं था। तो इसका जवाब उन नेताओं के पास नहीं था।

उदाहरण नंबर दो -हरि प्रकाश लाटा। कट्टर भाजपाई। धनबाद के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं में अतिप्रिय। पूर्व जिलाध्यक्ष। प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य। प्रदेश अनुशासन समिति के भी सदस्य। इनका भी नाम पीएम मोदी से मिलनेवालों की सूची से उड़ा दिया गया। जवाब मांगा गया तो इसका भी जवाब किसी के पास नहीं था।

अब हम इसी प्रकार सूची बनाना शुरु करें तो एक लंबी सूची तैयार हो जायेगी। इसलिए मैंने धनबाद के दो प्रतिबद्ध नेताओं को यहां रखा है। लेकिन पीएम मोदी से मिलनेवालों की सूची में नाम किसका था। उनका नाम था, जिनके घर पर हाल ही में करीब पांच-छह महीने पहले इनकम टैक्स ने छापे मारे थे। वहीं इनकम टैक्स जिसके बारे में पीएम मोदी जगह-जगह पर बड़ाई करते हैं। धनबाद में भी इनकम टैक्स का नाम लिया था कि कैसे यहां से इनकम टैक्स विभाग के लोगों ने नोटों की जखीरा निकाला था।

लेकिन भाजपा के प्रदेश व धनबाद के मूर्धन्य नेताओं जैसे आदित्य साहू, जैसे सरोज सिंह, जैसे राज सिन्हा आदि नेताओं ने पीएम मोदी को किस-किससे मिलाया। आप इसी आर्टिकल में फोटो दिया हुआ है। आप देखें और धनबाद में घूम कर आ जाये और इनके बारे में सभी से जान लें कि ये कितने भाजपाई है, किस प्रकार के भाजपाई है, कितना भाजपा से प्रेम करते हैं? लोग बता देंगे।

लोग बताते हैं कि नंद लाल अग्रवाल उर्फ नंदू अग्रवाल, जिनके घर में हाल ही में इनकम टैक्स का छापा पड़ा था। भाजपाइयों ने पीएम मोदी से इन्हें बड़े प्रेम से मिलवाया। बाम्बे स्वीट्स के मालिक महेश बजानियां से मिलवाया। मनोज महतो से मिलवाया। आलोक जैन से मिलवाया। हालांकि कहने को तो ये भी ये भाजपाई कह सकते हैं कि पीएम मोदी से धनबाद के उद्योगपतियों-शिक्षाविदों तथा समाज के अन्य लोगों से भी मिलवाने की योजना थी। तो क्या जिन लोगों को पास दिया गया और मिलवाया गया। क्या वे सचमुच धनबाद के टॉप के उद्योगपति, शिक्षाविद् और समाज के मूर्धन्य लोग थे? उत्तर होगा – नहीं।

तो फिर पीएम मोदी से मिलनेवाले लोग कौन होंगे, इसका आधार क्या था? आखिर पीएम मोदी से मिलने-मिलाने में एक आधार क्यों नहीं रखा गया। ये क्या खुला खेल फर्रुखाबादी की तरह पास रेवड़ियों की तरह बांट दिया गया और पीएम मोदी से कौन मिले, इसका निर्धारण ऐसे लोगों ने किया, जिनकी भाजपा के प्रति प्रेम को हमेशा संदेह की नजरों से देखा जायेगा। हालांकि कहनेवाले तो बहुत कुछ कह रहे हैं। हम उस पर नहीं जायेंगे।

लेकिन इतना तय है कि जो दिल्ली में बैठे लोग सोच रहे हैं कि वे झारखण्ड में बेहतर स्थिति में हैं। विद्रोही24 आगाह कर रहा है कि आपकी स्थिति बहुत ही खराब है। आपके प्रदेश स्तर के कुछ नेताओं और धनबाद के कुछ नेताओं ने बेड़ा गर्क कर रखा हैं। संभलिये, नहीं तो दूसरे पार्टी के हाथ में भाजपा को यह सीट विवाह के समय होनेवाले कन्यादान की तरह सीटदान करने के लिये तैयार रहिये।