राजनीति

बजट सत्र के चौथे दिन स्वास्थ्य से जुड़े मामले पर सदन में दिखा तनाव, मंत्री इरफान और भाजपा के प्रदीप प्रसाद के बीच दिखी गरमाहट, स्टीफन मरांडी ने पाकुड़ से डायेरक्ट रांची एबुलेंस नहीं मिलने पर जताई चिन्ता

झारखण्ड विधानसभा के बजट सत्र का आज चौथा दिन सात मिनट विलम्ब से शुरू हुआ। प्रश्नकाल में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित ज्यादा प्रश्न थे। माननीयों ने भी जनहित से जुड़े कई सवाल संबंधित मंत्री से पूछे, जिसके कारण कई बार सदन में तनाव भी दिखा। अमित कुमार यादव के सवाल कि क्या सरकार व्यापक लोकहित में राज्य के वैसे जिले जहां मेडिकल कॉलेज स्वीकृत नहीं हैं, वहां अविलम्ब मेडिकल कॉलेज की स्थापना करना चाहती है?

मंत्री इरफान अंसारी ने जवाब दिया कि कोडरमा जिले में वर्तमान जिला अस्पताल को 300 शय्या वाले अस्पताल में उत्क्रमित करते हुए करमा (कोडरमा) में नया मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए झारखण्ड भवन निर्माण निगम लिमिटेड रांची हेतु भवन का निर्माण किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा धनबाद, देवघर, खूंटी, गिरिडीह, जामताड़ा एवं पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर को चिह्नित कर वीजीएफ स्कीम के अंतर्गत पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया की जा रही है। शेष जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव नहीं हैं।

दूसरी ओर राजेश कच्छप के सवाल पर कि राज्य में कोविड 19 के समय कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर की नियुक्ति गृह जिला में अनुबंध पर किया गया था, जिनका कार्यक्षेत्र पंचायत स्तर पर था, तो क्या सरकार सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों को गृह जिला में पदस्थापन करने तथा पदाधिकारी स्तर पर अनियमितताओं पर कार्रवाई करने का विचार रखती है। मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि वे सारे त्रुटियों को स्वास्थ्य सचिव के साथ बैठकर दिखलवा लेते हैं और जल्द ही इसका कोई रास्ता निकालेंगे।

इसी बीच वरिष्ठ नेता स्टीफन मरांडी द्वारा ये सवाल खड़े कर दिये जाने कि पाकुड़ से डायरेक्ट रिम्स आने के लिए 108 एम्बुलेंस को भाया धनबाद होते हुए आना पड़ता है, इसे डायरेक्ट रिम्स किया जाये, ताकि पाकुड़ के मरीजों को असुविधा का सामना करना न पड़े। जैसे ही स्टीफन मरांडी ने ये सवाल दागे, कई माननीयों को याद पड़ा कि ये समस्या तो उनके इलाकों की भी हैं।

कई विधायकों ने स्पीकर के समक्ष यह बात रखी कि उनके इलाके में भी एबुंलेंस बाईपास होकर आता हैं, उसे बंद किया जाय। जिस पर मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि ऐसी कोई बात ही नहीं। दरअसल होता यह है कि कही भी डाक्टर किसी मरीज का इलाज कर रहा होता हैं तो वह सबसे पहले नजदीक के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसे रेफर करता है। जब उक्त मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में उसकी इलाज की संभावना नहीं रहती, तब उसे अन्य अस्पताल में रेफर किया जाता हैं। ये प्रबंध पूर्व से ही हैं।

अगर कोई इसमें बदलाव हो तभी कुछ किया जा सकता है। यहीं कारण है कि पाकुड़ के मरीज को पहले धनबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेजा जाता है, फिर उसे अन्य जगहों पर। अगर कोई डाक्टर डायरेक्ट रिम्स रेफर करता है तो उसके लिए भी व्यवस्था है। मंत्री इरफान अंसारी ने यह भी कहा कि आनेवाले समय में वे एंबुलेंस की संख्या बढ़ा रहे हैं, क्योंकि अभी इसकी संख्या कम है।

जैसे ही हमारे पास इसकी संख्या बढ़ेगी, ये समस्या भी समाप्त हो जायेगी। उधर मंत्री इरफान अंसारी, भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद पर बिफर पड़े। उन्होंने आरोप लगाया कि वे स्वास्थ्य सेवा की जगह पर भाजपा का झंडा लगाकर काम करते हैं। जिसे वे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। जिस पर प्रदीप प्रसाद ने कहा कि अगर ये सिद्ध हो जायेगा तो वे तत्काल इस्तीफा दे देंगे। प्रदीप प्रसाद ने मंत्री इरफान अंसारी को कहा कि वे पेशेन्स के साथ काम करें। ज्यादा अकबकाये नहीं, ज्यादा बोले मत। ये स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है। ये किसी की जिंदगी और मौत से जुड़ा मामला है। ये कोई सामान्य मामला नहीं। आप एक बहुत ही महत्वपूर्ण विभाग संभाल रहे हैं। इसका ख्याल रखें।