अपनी बात

एक बार फिर दैनिक भास्कर ने झूठी खबर छापकर अपने पाठकों के आंखों में धूल झोंका, काशी विश्वनाथ मंदिर के श्रीदेव मिश्र नहीं थे रांची में, फिर भी उन्हें रांची में आया हुआ दिखा दिया

एक बार फिर रांची से प्रकाशित दैनिक भास्कर ने झूठी खबर छापकर अपने पाठकों के आंखों में धूल झोंकने में कामयाब रहा। जिसकी चर्चा पूरे रांची में हैं। दरअसल दैनिक भास्कर जैसे अखबारों को यह भ्रम हो जाता है कि वो अपने अखबारों में झूठ छापे या सच, जनता को उनका स्वाद लग चुका है, तो वे तो पढ़ेंगे ही, चाहे वे कुछ भी छाप दें। इसलिए वे बराबर गलत व झूठी खबरें छापकर गलत कार्यों में संलिप्त लोगों को बढ़ावा देते हैं।

यहीं कारण है कि वे सत्य का पता नहीं लगाते, कहीं से भी कुछ मिल गया, कोई भी कुछ दे गया, बस वे अपने यहां प्रकाशित कर देते हैं, जिसका खामियाजा समाज को भुगतना पड़ता है और गलत लोग अपने मकसद में कामयाब हो जाते हैं, तथा वे इसका भरपूर फायदा अपने हित में समय-समय पर उठाते रहते हैं। जैसे आज के ही दैनिक भास्कर में छपे समाचार को देख लीजिये।

सबसे पहले रांची से प्रकाशित आज का दैनिक भास्कर अपने हाथ मे लीजिये। पेज नंबर सात जो इनका धर्म-समाज-संस्था से जुड़ा होता है। उसमें का फ्रंट न्यूज है देखिये, जिसका हेडिंग है –  मां अन्नपूर्णा जयंती उत्सव मना, गंगा आरती हुई। जिसमें इस अखबार ने लिखा है कि बनारस के पंडितों द्वारा सुबह 9.30 बजे मां की विधि-विधान के साथ पूजा की गई।

जबकि सच्चाई यह है कि जहां की बात की जा रही है। वहां कोई बनारस का पंडित उपलब्ध नहीं था। जो भी पंडित है, वो रांची का ही हैं। इस अखबार ने आगे लिखा है कि मुख्य अतिथि अर्चक काशीविश्वनाथ मंदिर बनारस के गुरुदेव डा. श्रीदेव मिश्र थे। सच्चाई यह है कि काशीविश्वनाथ मंदिर के अर्चक डा. श्रीदेव मिश्र कल रांची में थे ही नहीं। वे कल बनारस में ही थे। उनका रांची आगमन हुआ ही नहीं, तो फिर दैनिक भास्कर को रांची में कैसे दिख गये?

अखबार ने रोटी बैंक के फाउंडर विजय पाठक को बता दिया। जबकि रोटी बैंक का फाउंडर पं. रामदेव पांडेय रहे हैं। बाद में इस व्यक्ति विजय पाठक ने उनके द्वारा चलाये जा रहे रोटी बैंक को लोक लिया। अखबार ने लिखा कि शाम पांच बजे गंगा यात्री पीयूष व टीम के द्वारा बनारस की तर्ज पर मां अन्नपूर्णा की गंगा आरती की गई।

सच्चाई यह है कि पीयूष कोई गंगायात्री नहीं हैं। वो रांची के रातू रोड स्थित इन्द्रपुरी इलाके में रहता है। वो संभवतः मारवाड़ी कॉलेज में इंटर का छात्र है। चूंकि वो जान चुका है कि जनता की भावनाओं को गंगा के नाम पर भंजाया जा सकता है। वो और उसका पिता विजय पाठक हर चीज में गंगा आरती को जोड़ देता हैं। जिससे उसे माइलेज भी मिल जाता है। धार्मिक भावनाओं से जुड़े लोग उससे बिना सच्चाई जाने जुड़ जाते हैं। इस प्रकार उसके कार्यों से सामान्य जन के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे, इससे उसको कोई मतलब नहीं हैं।

इधर दैनिक भास्कर जैसे अखबार वाले लोग ऐसे लोगों की झूठी खबरें छापकर समाज में भ्रम फैलाते रहते हैं। अब जरा आप ही सोचिये कि मां अन्नपूर्णा की पूजा में, मां अन्नपूर्णा की आरती होगी या गंगाजी की आरती। लेकिन कहा जाता है न कि जहां लालची लोग रहते हैं, वहां ठग कभी भूखों नहीं मरता। यही लोकोक्ति यहां भी लागू हैं और दैनिक भास्कर जैसे अखबार ऐसे लोगों की झूठी खबरें छापकर ऐसे लोगों का मनोबल बढ़ाते रहते हैं।