केन्द्र पर एक लाख छत्तीस हजार करोड़ रुपये बकाया हमारा अधिकार है, झारखण्ड विशेष राज्य, विशेष बजट नहीं मांग रहा, हम बस अपना हक मांग रहे हैं, जिसे हम हर परिस्थिति में लेकर रहेंगेः हेमन्त सोरेन
केन्द्र पर एक लाख छत्तीस हजार करोड़ रुपये बकाया हमारा अधिकार है, झारखण्ड विशेष राज्य, विशेष बजट नहीं मांग रहा। हम बस अपना हक मांग रहे हैं। जिसे हम हर परिस्थिति में लेकर रहेंगे। ये कहना हैं, झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का। उन्होंने आज सोशल साइट के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुला पत्र संप्रेषित किया और अपनी बातें जनता के समक्ष रख दी। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का पत्र इस प्रकार है –
माननीय प्रधानमंत्री जी,
जोहार
मैं, हेमन्त सोरेन, झारखण्ड का मुख्यमंत्री, आपका ध्यान राज्य के समक्ष आ रही एक गंभीर समस्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। यह समस्या कोयला कंपनियों द्वारा राज्य के बकाया का भुगतान न करने से संबंधित है, जो हमारे राज्य के विकास में बाधक बन रही है।
बकाया राशि का विवरणः कुल बकाया राशि लगभग 1,36,042 करोड़ रुपये हैं। इसमें शामिल है वॉश्ड कोयला रॉयल्टी के रूप में 2900 करोड़ रुपये, पर्यावरण मंजूरी सीमा के उल्लंघन के लिए 32,000 करोड़ रुपये, भूमि अधिग्रहण मुआवजे के रूप में 41,142 करोड़ रुपये (38,460 करोड़ रुपये जीएम भूमि और 2,682 करोड़ रुपये जीएमजेजे भूमि के लिए) इस पर लगी सूद की रकम 60000 करोड़ रुपये, कुल – 1,36,042 करोड़ रुपये।
विकास पर प्रभावः इस बकाया राशि के कारण, हमारे राज्य में अनेक महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला और बाल विकास, स्वच्छ पेयजल एवं मंईयां, बच्चों, युवा, वृद्ध, किसान, मजदूर, आदिवासी-मूलवासी, दलित, अल्पसंख्यक, विस्थापित एवं समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों तक योजनाओं को लागू करने में कठिनाई हो रही है। झारखण्ड, एक अल्प विकसित राज्य है, जो संसाधनों की कमी से गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। संसाधनों की कमी को पूर्ण करने के लिए उपरोक्त राशि अत्यंत आवश्यक है।
न्यायिक निर्णयः सर्वोच्च न्यायालय की नौ सदस्यीय पीठ ने राज्य के पक्ष में फैसला दिया है। माननीय न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि खनन और रॉयल्टी शुल्क वसूलने का अधिकार राज्य को है। यह भी कहा गया है कि रॉयल्टी एक कर नहीं हैं और इसलिए इस पर कोई सीमा नहीं लगाई जा सकती।
हमारा अनुरोधः मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप इस मामले में हस्तक्षेप करें और कोयला कंपनियों को बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दें। जब तक पूरी राशि का भुगतान नहीं हो जाता, कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों को ब्याज राशि का भुगतान करना चाहिए या कोल इंडिया के खाते से राज्य के खाते में सीधे क्रेडिट किया जाना चाहिए। यह राशि झारखण्ड के लोगों के कल्याण और राज्य के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
समाधान का आग्रहः हम आपसे आग्रह करते हैं कि इस मुद्दे का शीघ्र समाधान किया जाए ताकि झारखण्ड के लोग विभिन्न सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं का लाभ उठा सकें। यह न केवल राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि गरीबी उन्मूलन और लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए भी आवश्यक है। हम आपके सकारात्मक हस्तक्षेप और त्वरित कार्रवाई की आशा करते हैं। इसके लिए झारखण्ड के लोगों की ओर से, मैं आपका सदैव आभारी रहुंगा।
पुनः जोहार
हेमन्त सोरेन,
मुख्यमंत्री, झारखण्ड सह कार्यकारी अध्यक्ष, झामुमो।