अपनी बात

ऐसा कुकर्म भाजपाई ही कर सकते हैं, दूसरा कोई नहीं कर सकता, अपने ही भारतीय मजदूर संघ से संबंद्ध कार्यालय पर किया अवैध कब्जा

ऐसा कुकर्म भाजपा कार्यकर्ता ही कर सकते हैं, दूसरा कोई नहीं कर सकता। घटना धनबाद के कतरास स्थित सलानपुर कोलियरी तीन नंबर सीम की है। वही कतरास जहां भाजपा का दबंग विधायक ढुलू महतो का साम्राज्य चलता है। जिसके खिलाफ किसी की हिम्मत नहीं की खोख दें। उसी इलाके में ढुलू के लोगों ने भारतीय मजदूर संघ से संबंद्ध धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ एवं सर्व पंथ समादर मंच के कार्यालय पर जबरन कब्जा कर लिया।

बीस वर्षों से चले आ रहे इस कार्यालय पर जबरन कब्जा ही नहीं किया, बल्कि संघ कार्यालय के नाम को मिटाकर उस पर बड़े-बड़े अक्षरों में भाजपा कार्यालय, टाइगर फोर्स जिन्दाबाद, भारतीय जनता पार्टी टाईगर ढुल्लू महतो जिन्दाबाद (सलानपुर कोलियरी) तक लिख दिया।आश्चर्य है कि उस संघ कार्यालय पर इन भाजपाइयों ने, तथाकथित टाइगरों ने कब्जा किया जो भारतीय मजदूर संघ से संबंद्ध है।

वह भारतीय मजदूर संघ जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक मजदूरों से संबंधित इकाई है, जो भारतीय जनता पार्टी की समर्थक मानी जाती है, आज उस कार्यालय की ये स्थिति हैं, उसके ही लोगों ने उस पर जबरन कब्जा कर लिया और वहां के श्रमिक नेता मुंह देखते रह गये। इधर इस घटना के विरोध में धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ सलानपुर शाखा के सचिव दिलीप कुमार सिन्हा एवं सर्व पंथ समादर मंच के झारखण्ड प्रदेश महामंत्री मुबारक हुसैन ने रामकनाली थाना में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है।

पत्र में यूनियन नेताओं ने लिखा है कि 19 अगस्त को सुबह 11 बजे आसपास के सैकड़ों की संख्या में लोग धर्मेन्द्र गुप्ता के नेतृत्व में आये और सलानपुर कोलियरी पहुंचकर 20 वर्षों से स्थापित संघ कार्यालय पर अवैध रुप से कब्जा जमा लिया। यही नहीं इन लोगों ने कार्यालय में रखे संघ के झंडे, बैनर आदि को फाड़कर फेंक दिया तथा कार्यालय में रखे कुर्सी, टेबुल को क्षतिग्रस्त कर दिया।

धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ पर भाजपाइयों द्वारा किये गये कब्जे से आहत संघ के नेताओं ने इस संबंद्ध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ट्वीट भी किया है, ट्वीट में इन लोगों ने पीएम मोदी से अपने कार्यालय को कब्जामुक्त कराने की अपील की है, पर उस ट्वीट से भी इन्हें कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही।

इधर हर बात में सीएम हेमन्त सोरेन को एक लेटर डिलीवर करनेवाले, कभी झाविमो तो कभी भाजपा में चले जानेवाले, झारखण्ड के तथाकथित महान नेता बाबू लाल मरांडी ने भी चुप्पी साध ली है, क्योंकि उनका प्रिय ढुलू और ढुलू के लोगों ने ही ऐसा किया तो भला वे उसका विरोध कैसे कर सकते हैं? आश्चर्य है कि बराबर बाबू लाल मरांडी को सलाह पर सलाह देनेवाले महान पत्रकारों ने भी इस पर लिखना कुछ जरुरी नहीं समझा, क्यों नहीं समझा, आप खुद समझ सकते हैं।