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मादक पदार्थों के विरुद्ध अभियान हेतु ओरिएंटेशन प्रोग्राम, विभागीय पदाधिकारियों के साथ कई स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि हुए शामिल, 19-26 जून तक मादक पदार्थों के विरुद्ध चलेगा अभियान

झारखंड सरकार के सभी विभाग राज्य में मादक पदार्थों के उत्पादन एवम् सेवन की रोकथाम हेतु तैयार है। इस दिशा में कार्य करने हेतु आज ओरिएंटेशन प्रोग्राम रखा गया है। इस प्रोग्राम में संबंधित विभाग मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम हेतु अपनी कार्य योजना के बारे में जानकारी दे रहे हैं। उक्त बातें राज्य के मुख्य सचिव एल खियांगते ने प्रोजेक्ट भवन सभागार  में मादक पदार्थों के विरुद्ध अभियान हेतु आयोजित ओरिएंटेशन प्रोग्राम में कहीं।

मुख्य सचिव एल खियांगते ने कहा कि राज्य में मादक पदार्थों का उत्पादन एवम् इसका सेवन एक कलंक है। हमें इस कलंक को मिटाना है। स्कूलों, कॉलेजों पर फ़ोकस करने की ज़रूरत है। समाज के प्रत्येक व्यक्तियों को भी इसके रोकथाम की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। प्रधान सचिव गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड हमेशा अफीम उत्पादन को लेकर सवालों के घेरे में रहा है। इसके उत्पादन और उपभोग में वृद्धि देखी गई है।

कई बार तो उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई के निदेश दिए हैं। झारखंड पुलिस के मुताबिक बीते पांच सालों में करीब 2,024 कांड प्रतिवेदित हुए हैं जबकि उक्त कांडों में करीब 4,949 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के माध्यम से कार्रवाई की जा रही है। अफीम उत्पादन और उपभोग  सबसे ज्यादा  चतरा, पलामू, लातेहार और रांची में दर्ज किया गया है।

इस समस्या के निवारण हेतु दीर्घकालीन योजना तैयार की गई हैं । उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है जिसके तहत सभी स्कूलों कॉलेजों को ड्रग्स फ्री जोन बनाना है। वहीं समाज कल्याण विभाग को रिहैबिलिटेशन के लिए काम करना है साथ ही काउंसलिंग सेंटर बनाने की जरूरत है।

डीजीपी अजय कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड में कुछ ज़िलों में बड़े पैमाने पर अफ़ीम उत्पादन किए जाने की सूचना मिलती रहती है। उन ज़िलों में अफ़ीम उत्पादन की रोकथाम की दिशा में प्रयास किए जा रहें हैं। NCB और अपराध अनुसंधान विभाग साथ मिलकर इस दिशा में कम कर रहे हैं।प्रधान सचिव , स्वास्थ्य विभाग अजय कुमार ने कहा कि राज्य में मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। सभी विभागों के साथ समन्वय बनाते हुए इस दिशा में कार्य किए जाएंगे।

उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल पुरवार ने कहा कि विद्यार्थियों के बीच ड्रग्स के दुष्प्रभाव  को रोकने के लिए काम किया जा रहा है। शिक्षण संस्थाओं के आसपास अवेयरनेस को लेकर एक्शन प्लान तैयार किया गया है। लॉ स्टूडेंट के साथ मिलकर जागरूकता प्रोग्राम चलाया जाएगा। मनोज कुमार, सचिव, स्कूली शिक्षा एवम साक्षरता विभाग ने कहा कि मादक पदार्थ की उपलब्धता और जागरूकता की कमी के कारण स्कूल, कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों में ड्रग्स एडिक्ट में मामले देखे जा रहे हैं।

इस दिशा में अवेयरनेस प्रोग्राम चलाने की ज़रूरत है। इसलिए 19 जून से 26 जून तक विभिन्न एक्टिविटी के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम चलाया जायेगा और 26 जून को विश्व मादक निषेध दिवस के दिन कई कार्यक्रम किए जाएँगे। महिला बाल विकास एवम् सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव मनोज कुमार ने कहा कि मादक पदार्थों के उपभोग के मामले राज्य के लिए चिंताजनक हैं और इसके निवारण हेतु विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है। प्रत्येक जिला में जिला स्टार पर NCORD कमेटी तथा राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के ज़ोनल डायरेक्टर अभिषेक आनंद ने प्रेंटेशन के माध्यम से नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में विभिन्न NGO के प्रतिनिधिगण ने अपने विचार रखें साथ ही ड्रग्स की रोकथाम के लिए सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइज़ेशन की ज़रूरत को महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम में डीजी सीआईडी अनुराग गुप्ता, पुलिस विभाग के कई पदाधिकारी, विभिन्न विभागों के कई पदाधिकारी, कई स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधिगण सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।