पलामू SP ने DC को लिखा, PM की सभा में भीड़ जुटाइये, पर ध्यान दें, भीड़ काला जूता भी पहनकर न आएं
पलामू के पुलिस अधीक्षक ने चतरा, गढ़वा, लातेहार और पलामू के उपायुक्तों को एक पत्र भेजा है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पलामू में प्रस्तावित परिभ्रमण कार्यक्रम को लेकर, सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर, सभास्थल पर जिला से आनेवाले विभिन्न विभागों के कर्मियों/लोगों को काला रंग के वस्त्र एवं काला रंग का सामान लेकर नहीं आने से संबंधित है।
पत्र में पुलिस अधीक्षक ने साफ लिखा है कि पांच जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पलामू जिला में परिभ्रमण कार्यक्रम प्रस्तावित है। इसलिए जिले के विभिन्न विभागों के कर्मियों के माध्यम से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जो लोग लाये जा रहे हैं, उन्हें पूर्व से ही निर्देशित कर दिया जाय कि वे काले रंग का पोशाक जैसे काले रंग का चादर, पैंट, शर्ट, कोर्ट, स्वेटर, मफलर, टाई, जूता, मोजा आदि पहनकर या काला रंग का बैग, पर्स, कपड़ा आदि लेकर सभास्थल पर न आये तथा सभी कर्मी/लोग अपने साथ कोई भी पहचान पत्र अवश्य लावे।
इस पत्र की प्रतिलिपि पलामू और हजारीबाग के मंडलीय आयुक्तों तथा पलामू क्षेत्र के डीआईजी को भी सूचनार्थ प्रेषित कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक के इस पत्र ने दो बातों को रेखांकित कर दिया हैं, कि प्रधानमंत्री की प्रस्तावित परिभ्रमण यात्रा में भीड़ जुटाने का काम, इन जिलों के विभिन्न विभागीय अधिकारियों ने संभाल लिया हैं, यानी पूर्व में जो भीड़ जुटाने का काम पार्टी या प्रधानमंत्री का पर्सनाल्टी संभालता था, अब भीड़ जुटाने का काम भाजपा शासित राज्यों में विभागीय अधिकारी संभालने लगे हैं।
दूसरा यह कि भले ही प्रधानमंत्री को किसी से डर न लगता हो, पर पुलिस अधीक्षक तथा राज्य के अन्य विभागीय अधिकारियों को इस बात का जरुर भय है कि अगर काला रंग का मामला, येन-केन प्रकारेण भी उठ गया तो उनका कैरियर चौपट करने में भाजपा शासित राज्य के नेता कोई कसर नहीं छोडेंगे, तभी तो काले रंग का भय, इन्हें इतना सताने लगा है कि पैर में पहननेवाला आम तौर पर काले रंग का जूता भी इस परिभ्रमण कार्यक्रम में प्रतिबंधित कर दिया गया हैं।
हद हो गई, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को सुचारु रुप से चलाने के लिए जो इतना लाम-काम बांधा जा रहा हैं, यहीं लाम-काम कहीं पार्टी और भाजपा के लिए जी का जंजाल न बन जाये, अब सामान्य आदमी, जिसके पास काले रंग का ही आम तौर पर जूता होता है, अब आप उसे यह कह दें कि काले रंग का जूता पहनकर, उसे जाना नहीं हैं, तो वो तो ऐसे ही प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से दूरी बना लेगा, चाहे वह प्रधानमंत्री को दिलों-जां से ही क्यों न चाहता हो, अब समझ में ये नहीं आ रहा कि भाजपावालों को, अपने वोटरों पर भी भरोसा नहीं रहा क्या?