जमशेदपुर में पं. दीनदयाल उपाध्याय की मनी जयंती गुटबाजी की शिकार, बैकड्राप में झारखण्ड से सिर्फ रघुवर दास की फोटो, बाकी प्रदेश नेता हुए गायब, सोशल साइट पर भड़के भाजपा कार्यकर्ता
मैं रघुवर दास हूं। मैं ही हूं तो झारखण्ड में भाजपा है, अगर मैं नहीं तो झारखण्ड में भाजपा को पूछता कौन है? इसलिए ध्यान रहे, पं. दीन दयाल उपाध्याय की विशेष जयंती जो जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के बर्मामाइन्स मंडल में मनेगी, उसमें बैक ड्राप जो बनेगा, उस बैकड्राप में झारखण्ड के नेता के रुप में सिर्फ और सिर्फ उनका ही फोटो रहेगा, बाकी किसी दूसरे को स्थान नहीं देना है।
शायद कल बर्मामाइन्स मंडल में पं. दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर मंच के पीछे लगा बैनर चीख-चीखकर यही कह रहा था। साथ ही यह बैकड्राप यह भी बता रहा था कि झारखण्ड में भाजपा के नेताओं में आपस में कितना प्रेम व सहअस्तित्व की भावना काम कर रही है? कमाल है, बैकड्राप में एक ओर पं. दीन दयाल उपाध्याय की फोटो है और दूसरी तरफ नरेन्द्र मोदी, जेपी नड्डा और झारखण्ड से सिर्फ रघुवर दास का फोटो ही दिख रहा है।
इस बैक ड्राप में न तो केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को स्थान दिया गया है, न ही प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को स्थान दिया गया है। आश्चर्य है कि पूरे कोल्हान में भाजपा की ओर से कोई सांसद है तो वे एकमात्र है जमशेदपुर से ही भाजपा सांसद विद्युत वरण महतो। भाजपा सांसद विद्युत वरण महतो कल जमशेदपुर में ही थे, पर उन्हें तो मंच पर स्थान ही नहीं मिला, मंच पर स्थान मिलेगा भी कैसे? उन्हें निमंत्रित किया जाता तभी न, लेकिन उन्हें निमंत्रण तो दिया नहीं गया, इसलिए वे जमशेदपुर में रहते हुए भी मंच पर नहीं दिखे।
हालांकि कल के बर्मामाइन्स मंडल के इस कार्यक्रम में अच्छी खासी भीड़ दिखी, पर यह भीड़ यह भी बताने के लिए काफी थी कि भाजपा में व्यक्तिवाद कितना हावी है। एक व्यक्ति की महात्वाकांक्षा कैसे पार्टी को अंधकार में ले जाने के लिए उद्यत है। साथ ही कल के इस कार्यक्रम ने यह भी बता दिया कि पार्टी में बड़े नेताओं के स्तर पर एक दूसरे को नीचा गिराने की किस प्रकार की प्रवृत्ति काम कर रही है। जमशेदपुर के नाम पर कार्यक्रम, पर यह कार्यक्रम जमशेदपुर पूर्वी विधानसभास्तरीय सिर्फ बनकर रह गया। खुद वहां के मीडिया प्रभारी ने भी ताल ठोककर इसे पूर्वी विधानसभास्तरीय ही करार दिया।
जिस पं. दीन दयाल उपाध्याय ने जिन आदर्शों के लिए संपूर्ण जीवन संघर्ष किये, उनके ही आदर्शों को उनके ही जयंती के दिन, उनके ही तथाकथित लोगों ने हर प्रकार से गला घोटने का काम किया। दरअसल रघुवर दास पार्टी के कहने को तो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है। लेकिन सच्चाई यह है कि उनकी राष्ट्रीयता, क्षेत्रीयता, समाजिकता जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा से शुरु होता है और यही पर आकर खत्म भी हो जाता है। इससे आगे और पीछे की उन्होंने सोच भी नहीं रखी और अगर संयोग से किसी ने उन्हें आइना दिखाने की कोशिश की, तो वे जिस प्रकार सरयू राय को सबक सिखाना शुरु किये थे, वैसे ही सबक सिखाना आइना दिखानेवालों के साथ करना शुरु कर देते हैं, जिसका नतीजा ये निकलता है कि वे खुद तो समस्याओं से घिरते ही हैं, पार्टी को भी नुकसान पहुंचावा देते हैं।
राजनीतिक पंडित कहते है कि एक ही जमशेदपुर में दो जगहों पर कार्यक्रम होता है। एक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास है तो दूसरे में भाजपा सांसद विद्युत वरण महतो। आश्चर्य है कि जिस संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह पर पार्टी को संगठित करने का जिम्मा है, वे फिलहाल जमशेदपुर में किंकर्तव्यविमूढ़ है। ऐसे भी उनकी हैसियत भी नहीं कि यहां कुछ बोल या कर सकें। उनकी सारी बुद्धि रांची तक में ही सिमटी है।
राजनीतिक पंडित तो यह भी कहते है कि इसी व्यक्तिवादी राजनीति व आपसी कटुता के कारण 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा कोल्हान की सारी 14 विधानसभा सीटें गंवा बैठी। लेकिन इसके बावजूद पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के नेता खुद को कहनेवाले अपनी व्यक्तिवादी राजनीति व आपसी कटुता को दूर नहीं कर पाये, वो व्यक्तिवादी राजनीति व आपसी कटुता आज भी दिख रही हैं, जो भाजपा के लिए ही आनेवाले समय में फिर भारी पड़ेगी।
रघुवर दास के कल के कार्यक्रम को लेकर सोशल साइट पर खूब चर्चा है। नरेन्द्र मोदी यूथ ब्रिगेड नामक व्हाट्सएप ग्रुप पर एक भाजपा कार्यकर्ता लिखता है कि जिला के कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष का फोटो गायब। दूसरा इसके जवाब में लिखता है कि आप फोटो गायब होने की बात करते हैं यहां तो भाजपा संगठन का विचारधारा, नीति, सिद्धांत, भरोसा, विश्वास सब गायब हो गया है तो फोटो क्या चीज है। संगठन का इस्तेमाल केवल माल कमाने के लिये कीजिये, बाकी सब झोलझाल है। आगे यही व्यक्ति फिर लिखता है – पूरा कोल्हान से संगठन गायब हो गया, उसी से समझ जाइये कि दल की स्थिति क्या है?