झारखण्ड की जनता बिजली न मिलने से हलकान और राज्य के CM को PM मोदी के कार्यक्रम की चिन्ता
मानना पड़ेगा, झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और यहां के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की सोच को। राज्य की जनता बिजली न मिलने से हलकान है, भीषण गर्मी और बिजली गायब रहने से पूरे झारखण्ड में कोहराम मच हुआ है, पर राज्य के मुख्यमंत्री को इसकी चिन्ता नहीं हैं, फिलहाल उनका सारा फोकस राज्य की राजधानी रांची में 21 जून को होनेवाले अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस तथा उसमें भाग ले रहे पीएम मोदी के कार्यक्रम पर केन्द्रित है।
राज्य के सभी प्रमुख अधिकारी फिलहाल सारे कार्यक्रम को छोड़कर पीएम मोदी के कार्यक्रम को सफल बनाने में लग गये हैं, पूरी राजधानी को बड़े-बड़े बैनर-पोस्टरों से रंग दिया गया है। राज्य की जनता को इस योग दिवस पर भले ही दिलचस्पी न हो, पर राजधानी के प्रमुख सड़कों को देखे तो उसे फिर मोमेंटम झारखण्ड की तरह सजाने की कोशिश की जा रही है। बड़े पैमाने पर पैसों को पानी की तरह बहाया जा रहा है। शायद राज्य सरकार को लगता है कि 21 जून को योग दिवस की सफलता से राज्य का सारा संकट दूर हो जायेगा।
इधर जो जनता लोकसभा चुनाव में भारी मतों से भाजपा को मोदी के नाम पर जिताई, उसका भी सुर बदल रहा है, और खुलकर वे कहने लगे है कि भाई अब तो चुनाव भी खत्म हो गया, अब तो जनता के संकटों के निबटारे पर ध्यान हो, पर क्या मजाल राज्य की जनता की समस्याएं हल हो, पूरे प्रदेश में बिजली के लिए हाहाकार है, कब बिजली चली जायेगी और कब आयेगी, इनके अधिकारी कहने की स्थिति में नहीं हैं, हालांकि जनता को झूठे आश्वासन के हैवी डोज देकर उन्हें बरगलाने का कार्यक्रम जारी है।
पूरे राज्य में बिजली के नहीं रहने के कारण कृषि कार्य ठप है, सिंचाई खत्म हैं, उद्योग-धंधे चौपट हैं, पर राज्य के मुख्यमंत्री को इसकी चिन्ता नहीं, पर अगर पीएम मोदी की बात हो, उनके कार्यक्रम की बात हो, तो फिर देख लीजिये क्या स्थिति है, अब सवाल उठता है कि मोदी जी के 21 जून को रांची में योग कर लेने से राज्य की बिजली समस्या खत्म हो जायेगी?
राजनैतिक पंडितों का समूह स्पष्ट कहता है कि पीएम मोदी रांची आये, जाये। उनके इस कार्यक्रम से आम जनता को क्या मतलब। जो रोज मेहनत करता है, जो रोज श्रम कर अपने जीवन की प्रतिदिन शुरुआत करता हैं, जो प्रतिदिन सत्य और ईमानदारी से जीवन को ले चलता है, उसका योग ऐसे ही संपन्न हो जाता है, बाकी जो चीजें यहां हो रही हैं, वो सिर्फ और सिर्फ बनावटी और दिखावटी है, क्योंकि यहां मतलब तो विधानसभा चुनाव के लिए अपना वोट बैंक को मजबूती प्रदान करना है, चाहे बिजली संकट से यहां की जनता बुरी तरह त्रस्त ही क्यों न हो।
राजनैतिक पंडित तो यह भी कहते है कि यह ध्रुव सत्य है कि 21 जून के रांची के प्रभात तारा मैदान में पीएम मोदी के कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं और अधिकारियों का समूह होगा, पर जनता नहीं होगी, क्योंकि जनता को फिलहाल योग से ज्यादा बिजली की आवश्यकता है, जिससे वह आराम से जिंदगी जी सकें, क्योंकि योग से बिजली नहीं मिलती और न ही योग से उद्योग चलता है, हां इस प्रकार के दिखावटी योग से नेताओं के वोट बैंक बनते या बिगड़ते जरुर हैं।