राजनीति

शायद झारखण्ड देश का पहला राज्य है जहां की पुलिस CM और गवर्नर तक की नहीं सुनती – सुबोध

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने रघुवर सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस राज्य में कानून व्यवस्था चौपट है, अपराधी मस्त हैं, जनता त्रस्त हैं और पुलिस पस्त है। उन्होंने कहा कि शायद देश में झारखण्ड पहला राज्य है, जहां न तो पुलिस राज्यपाल की सुनती है और न तो मुख्यमंत्री की सुनती है, ऐसे में राज्य की जनता, अपना फरियाद किसे सुनाएं। गत 3 अप्रैल को राज्यपाल ने डीजीपी को बुलाकर कड़ी फटकार लगाई और राज्य में कानून का शासन स्थापित करने को कहा था, इसके बावजूद पुलिसिया तंत्र अपनी नाकामी से नहीं उबर पा रहा।

सुबोध कांत सहाय का कहना था कि मुख्यमंत्री की बात छोड़िये, जब कोई घटना घटती है, तब वह फटकार लगाने की बात करते हैं, डीजीपी अपराध पर नियंत्रण लगाने के बजाय जीडीपी बढ़ाने को लेकर बयानबाजी करते हैं, ऐसे में अपराधियों का हौसला बुलंद नहीं होगा तो क्या होगा? जब अपराधी पुलिस पीसीआर वैन के सामने अपराधिक वारदातों को अंजाम देकर आराम से निकल जाते हो, वहां अब कहने में क्या दिक्कत है कि राज्य में पुलिस प्रशासन का इकबाल ही समाप्त हो गया। कमाल है, जनता त्राहिमाम कर रही है और जनाब मुख्यमंत्री अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि क्या ये सही नहीं है कि वर्तमान सरकार आम नागरिकों को न्यूनतम सुरक्षा की गारंटी मुहैया कराने में नाकाम सिद्ध हो रही हैं। उन्होंने कहा कि क्या ये सही नहीं कि झारखण्ड की राजधानी रांची क्राइम कैपिटल में तब्दील हो गई है, कल ही 24 अक्टूबर को महज दो घंटे के भीतर तीन-तीन पेट्रोल पम्प पर हुई लूट की घटनाएं, क्या ये साबित नही करती कि यहां की पुलिस अपराधियों के आगे नतमस्तक हो गई है। जब राजधानी रांची की ये हाल हैं तो अन्य जिलों की क्या हाल होती होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हत्या, लूट, दुष्कर्म, छिनतई की घटनाएं तो रांची में आम बात हो गई, इससे पूरा जनमानस हतप्रभ है। मुख्यमंत्री, विधानसभाध्यक्ष, मुख्य न्यायाधीश एवं मुख्य सचिव के आवास के 500 मीटर के अंदर हत्या, राइफल छिनतई, जहरीली शराब कांड, गिरती हुई कानून व्यवस्था, यहां की हालत बयां कर रही है।

उन्होंने कहा कि स्वयं पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी अंतिम आंकड़े राज्य के हालात को बयां कर रहे हैं और वह भी तब, जब राज्य पुलिस को मिलनेवाली सुविधाओं में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि अकेले रांची में 1 सितम्बर को बेड़ो में पुजारी की हत्या कर दी गई। 3 सितम्बर को पिठौरिया में एक की ह्त्या कर दी गई। 5 सितम्बर को नगड़ी में 20 वर्षीय अकमूल की हत्या कर दी गई। 5 सितम्बर को ही रातू के हुरहुरी में दिव्यांग युवती के साथ दुष्कर्म की घटना घट गई। 5 सितम्बर को ही रांची के सदर थाना क्षेत्र में शिवाजी नगर में छह वर्षीया बच्ची के साथ दुष्कर्म हो गया।

6 सितम्बर को को 60 वर्षीय दिव्यांग रेलकर्मी महिला से हटिया में दुष्कर्म हो गया। 7 सितम्बर को सीएम आवास के समक्ष वैद्यनाथ दास को गोली मारकर हत्या कर दी गई। 8 सितम्बर को डोरंडा में 13 वर्षीया बालिका के साथ दुष्कर्म हो गया। 10 सितम्बर को लालपुर के भीड़भाड़ वाले इलाके में फायरिंग हो गई। 12 सितम्बर को बुंडू में एक युवती के साथ गैंगरेप हो गया। 12 सितम्बर को धुर्वा सेक्टर 2 में पांच लाख रुपये की लूट हो गई। 14 सितम्बर को धुर्वा के बाल विकास परियोजना में फायरिंग हो गई। 14 सितम्बर को हटिया में एक महिला की हत्या कर शव को दफना दिया गया।

15 सितम्बर को पिठौरिया के कुम्हरिया गांव में राजकुमार सिंह के घर में दिन-दहाड़े डकैती हो गई। 16 सितम्बर को रवि स्टील के समीप भाजपा नेता को गोली मार दी गई। 16 सितम्बर को लोअर बाजार थाना के तबरेज अंसारी उर्फ छोटू राजा को गोली मार कर हत्या कर दी गई। 3 अक्टूबर को अपराधियों ने शाहिना बीबी के हाथ से एक लाख 70 हजार रुपये छीन लिये। 5 अक्टूबर को चावल व्यवसायी नरेन्द्र सिंह होरा को अपराधियों ने हत्या कर दिया। 22 अक्टूबर को खेलगांव स्थित लाल गंज में अपराधियों ने एक विवाहित महिला को पत्थर से कुचकर हत्या कर दी। 24 अक्टूबर को दिनदहाड़े रांची में अपराधियों ने तीन बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर, 6 लाख 35 हजार रुपये लूटकर, रांची में कोहराम मचा दिया।

24 अक्टूबर को ही फिल्म आर्टिस्ट नवीन केरकेट्टा के चुटिया स्थित अयोध्यापुरी एलए गार्डेन रोड नंबर पांच स्थित आवास सह टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी के कार्यालय में बदमाशों ने घुसकर मारपीट की और पांच लाख रुपये लूट लिये। 24 अक्टूबर को लालपुर थाना स्थित एक ज्वेलर्स के शो रुम मैनेजर और महिलाकर्मियों के साथ गाली-गलौज किया गया और जान से मारने की धमकी दे दी गई। 24 अक्टूबर को ही लालपुर थाना स्थित महेन्द्र प्रसाद महिला कॉलेज से रात आठ बजे स्कूटी सवार दो अपराधियों ने छात्र मोहित कुमार ठाकुर का अपहरण कर लिया। क्या ये सारी घटनाएं नहीं बताती कि राजधानी रांची को इस सरकार और इनकी पुलिस ने किस बदतर हालत में लाकर रख दिया।