शायद IAS साहिबा पूजा सिंहल को किसी ने बताया नहीं होगा कि ज्यादा खा लेने से अनपच, खट्टी डकार व उल्टी होने का खतरा बढ़ जाता है
चाहे रघुवर की सत्ता हो या हेमन्त की सत्ता, सभी की सत्ता में मलाईदार विभाग पानेवाली और उस विभाग का रक्त तक निकाल लेनेवाली, नाना प्रकार के सुखों को प्राप्त करनेवाली व भ्रष्टाचार में रिकार्ड तोड़कर उस रिकार्ड को अपने नाम करा लेनेवाली आइएएस अधिकारी पूजा सिंहल आज विभिन्न सोशल साइट पर धड़ल्ले से वायरल हो रही हैं। सभी खुलकर उनका यशोगान गा रहे हैं। उनकी पूर्व की कीर्तियों का बखानकर परम आनन्द की प्राप्ति कर रहे हैं।
आश्चर्य इस बात की है, कि जैसे ही ED ने उनके रांची स्थित सरकारी आवास समेत देश के विभिन्न नगरों के कई ठिकानों पर एक साथ छापे मारे, बिहार-झारखण्ड में खुशी की लहर दौड़ गई, वहीं कई नेताओं-पत्रकारो के चेहरे पर हवाइयां भी उड़ने लगी कि कही उनका नाम भी न इस प्रकरण में आ जाये, क्योंकि ED जब छापेमारी करेगी तो कुछ नाम व डायरियां उसके हाथ लगने का भी खतरा था।
आम आदमी तो इस बात को लेकर हैरान था कि भला पूजा सिंहल जैसी आइएएस ED के चक्कर में कैसे आ गई, क्योंकि कई आइएएस ने भ्रष्टाचार के कई रिकार्ड बनाये, खूब झारखण्ड को लूटा और उसके बाद अवकाश प्राप्त कर परम आनन्द ही नहीं, बल्कि ब्रह्मानन्द की प्राप्ति कर रहे हैं। कई जगहों पर तो बाजियां लगनी शुरु हो गई।
कुछ लोग कह रहे थे कि पूजा सिंहल का अब जाना तय है, वो जेल जायेगी, जबकि कुछ लोग कह रहे थे कि भ्रष्टाचार युग हैं, जैसे ही वह नोटों के बंडल हर जगह रखनी शुरु करेगी, वह फिर से दागमुक्त हो जायेगी, लेकिन ज्यादातर लोगों का कहना था कि ऐसा नहीं हैं, केन्द्र में चूंकि मोदी जी की सरकार हैं, अमित शाह विराजमान है, अब ऐसा संभव नहीं हैं।
इधर पूरे सोशल साइट पर खासकर फेसबुक में पूजा सिंहल का यशोगान जारी हैं, लोग खुब मजे ले रहे हैं, रस ले-लेकर पूजा सिंहल को दिये जा रहे हैं, पुरानी फाइलों को खंगाला जा रहा हैं, फोटो तक निकाले जा रहे हैं, और उसे सोशल साइट पर डाला जा रहा है। जरा देखिये, फेसबुक पर क्या हो रहा है। लोग क्या कह रहे हैं, क्या लिख रहे हैं? कुमार कमल लिखते हैं – सत्तावाले नेता चुप हैं, पर विपक्ष के रघुवर, सुदेश, मरांडी, मुंडा सब शांत है। वे ये भी लिखते है 1932 लागू हो न हो पर इतना लूटेंगे की झारखण्ड 1932 में पहुंच जायेगा।
जितेन्द्र पाठक लिखते है – बिना एक उद्योग लगे, उद्योग सचिव खुद ही उद्योग पति बन गई। ये यह भी लिखते है कि भ्रष्टाचारियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं हैं झारखण्ड, चाहे सरकार किसी की भी रही हो। विनय मिश्रा लिखते है कि आइएएस के घर से अगर 25 करोड़ न बरामद हुए तो वो आइएएस कैसा/कैसी? प्रवीण प्रियदर्शी लिखते है कि मैडम जी उन दोनों विभागों की सचिव हैं, जिनके मंत्री हिम्मत वाले भैया जी है।
वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत भगत मिले नोट का फोटो डालकर लिखते है, पूजा सिंहल को मिली दक्षिणा। पोस्टर ब्वाय आदित्य स्वरुप साहू लिखते है कि क्या खूब चली है हुक्मरानों ने, भाषा और खतियान के नाम पर युवाओं को उलझाकर लूट लिया झारखण्ड को। पत्रकार नेहा असरफ पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के शासनकाल में हुई वाकया का हवाला देते हुए लिखती है कि एक बार जनसंवाद कार्यक्रम में धनबाद से एक फरियादी आया। उसने बताया कि उसका दुकान धनबाद मार्केटिंग बोर्ड में हैं, अधिकारी उससे पैसे मांगते हैं, बोलते हैं कि उपर तक देना पड़ता है, कोई मैडम है पूजा सिंहल, जिनको पैसे पहुंचाना पड़ता हैं, उस वक्त पूजा सिंहल कृषि विभाग की सचिव थी, और उस फरियादी की बगल में बैठी थी, सारा हाउस ठहाके से गूंज उठा। पूजा सिंहल फर्श पर इस कदर देख रही थी, मानो धरती फट जाये और उसमें वे समा जाये।
वरिष्ठ पत्रकार सुशील सिंह मंटू लिखते हैं – नोट गिननेवाले मशीन का नाश हो, नोट गिनने के बहाने दो-तीन दिन का रोमांच दो-चार घंटे में ही खत्म कर दिया। वे आगे लिखते है – इडी महिला विरोधी बुझा रहा है जी, सिंह जी, कुमार जी, के जी, रंजन जी समेत कई पुरुषार्थी मैदान में हैं, फिर भी…। इन्होंने एक पोर्टल की भी क्लास ले ली, पोर्टल ने अपने पोर्टल में समाचार लिखा था कम और दैनिक भास्कर के पोर्टल से कट-पेस्ट करने में बुद्धिमता दिखा दी थी, जिसमें वो पूजा सिंहल की तरह खुद फंस गया। सुशील सिंह मंटू यह भी लिखते है कि 25 करोड़ रुपये की बरामदगी के बाद झारखण्ड के कई आइएएस लो बीपी की चपेट में, इडी की लू से बचने को बीजेपी ब्रांड सत्तू की तलाश में जूटे।
वरीय अधिवक्ता राजीव कुमार के अनुसार ये कुछ नहीं हैं, बस केवल आशा रखिये, ऐसा 100 सीन देखने को मिलेगा। आर्य कुमार रौशन लिखते है – हाय हाय पैसा, मौत की गाड़ी में जिस दिन सोना होगा, न तकिया होगा, न बिछौना होगा। रवीन्द्र विश्वकर्मा लिखते है कि हमारे झारखण्ड में ऐसे भी आईएएस अफसर है, जिनके घर में नगद 25 करोड़ रुपये मिले। पत्रकार सूरज ठाकुर लिखते है – ज्यादा खा लेने से पचाना मुश्किल हो जाता है। बदहजमी, खट्टी डकार और उल्टी जैसी शिकायत आम है, लगता है आइएएस साहिबा को किसी ने बताया नहीं था।
वरिष्ठ पत्रकार संजय कृष्ण लिखते है – मरीजो की सेवा के लिए अस्पताल खोला था पर कुछ लोगों को रास नहीं आया, लगता है कुछ पूजा में कमी रह गई थी। वरिष्ठ पत्रकार कैलाश साहू लिखते है – आइएएस पूजा सिंहल के यहां इडी की छापेमारी की खबर फैलते ही कई लालची लोग छापेमारी हो रही परिसर के चहारदिवारी के आसपास खड़े दिख रहे हैं, शायद अंदर से कुछ कचड़ा बाहर फेंका जाये।