PM गरीबों की सुन रहे, PM एक पैसे की पेट्रोल में छूट देंगे, PM को उपरवाला दस लाख देगा
हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने देश की जनता का कितना ख्याल रखते हैं, वह इसी से पता लग जाता है कि उन्होंने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम को देखते हुए, आज जनता पर बहुत बड़ी कृपा करते हुए दया दिखा दी और पेट्रोल की कीमत में एक पैसे की कमी कर दी, हालांकि पेट्रोल की कीमत में इतनी भारी कमी करने के बावजूद, कुछ लोग अपनी आदत अनुसार प्रधानमंत्री की आलोचना करने से नहीं चूक रहे, उनका कहना है कि एक पैसे की कमी कर देने से क्या होगा?
शायद नरेन्द्र मोदी की आलोचना करनेवालों को ये पता नहीं कि बूंद-बूंद से तालाब भरता है, अगर हमारे प्रधानमंत्री प्रत्येक महीने में अगर एक-एक पैसे की कमी करते हैं, तो एक साल में बारह पैसे की कमी आ जायेगी और इस प्रकार अगर एक साल में हम 100 लीटर तेल का उपयोग करते हैं, तो हम 12 रुपये की बचत कर लेंगे और इन बारह रुपये से एक समोसा और एक चाय के साथ नाश्ता तो कर ही सकते है, अब जरा सोचिये, इतनी बुद्धिमानी से देश को नई दिशा देनेवाला प्रधानमंत्री आज तक अपने देश में हुआ।
कभी रेल मंत्रालय संभाल रहे लालू यादव भी तो एक रुपये के महत्व को समझते हुए साल में एक बार रेलवे बजट पेश करने के दौरान साधारण रेल किराये में एक रुपये की कमी कर देते थे, लालू यादव से प्रेरणा लेते हुए हमारे प्रधानमंत्री ने एक पैसे के महत्व को समझा, क्या ये कम है? आज भी अगर आप पुराने गानों को सुने तो उसमें भी एक पैसे के महत्व को बार-बार समझाते हुए, हमारे गीतकारों-संगीतकारों ने गीत तैयार किये।
जरा याद करिये, फिल्म – ‘गंगा की लहरें’ का वह गीत, ‘एक पैसे का है सवाल, जिये तेरे बच्चे माई, जिये तेरे बच्चे बाबा’ और फिल्म ‘दस लाख’ का वह गीत – ‘गरीबों की सुनो, वो तुम्हारी सुनेगा, तुम एक पैसा दोगे, वह दस लाख देगा, गरीबों की सुनो’, इसलिए हमारे प्रधानमंत्री ने इस गाने से प्रभावित होकर अगर एक पैसे की कमी पेट्रोल की कीमतों पर कर दी तो क्या गलत किया? आज ही हमें चाहिए कि अपने प्रधानमंत्री की इस दूरदर्शिता का अभिनन्दन करते हुए, पेट्रोल की घटी कीमत का स्वागत करें, चाहे वह एक पैसे की ही कमी क्यों न हो?