PMO का कमाल, पत्र देना था झारखण्ड के CS को, भेज दिया उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को
नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय का कमाल देखिये। शिकायत झारखण्ड की, और जवाब मांगा जा रहा हैं उत्तर प्रदेश से। दरअसल रांची के सुमित कुमार को, प्रधानमंत्री कार्यालय से एक पत्र आया है, जिसमें उन्हें सूचना उपलब्ध कराई गयी है कि उनके पत्र को मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश को भेज दिया गया है, तथा मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश को कहा गया है कि वे जल्द इस संबंध में क्या एक्शन लिया गया, उसकी सूचना सुमित कुमार तथा प्रधानमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराये।
आश्चर्य इस बात की है, कि रांची के सुमित कुमार ने जिस समस्या के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखा है, उस समस्या का उत्तर प्रदेश से कोई लेना-देना नहीं है। यह पुरा मामला झारखण्ड सरकार से जुड़ा है, जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय ने झारखण्ड सरकार को न भेजकर उत्तर प्रदेश को भेज दिया। अब इसी से समझा जा सकता है कि देश का क्या हाल है? जब प्रधानमंत्री कार्यालय का ये हाल है, जहां समस्या कहीं और की, और निदान किसी ओर से मांगा जाता है, तो अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री कार्यालयों की क्या हाल होती होगी? आप समझ सकते है।
हालांकि जिन समस्याओं को प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष सुमित ने उठाई है, उस समस्या की जांच कराने में झारखण्ड सरकार और उनके अधिकारियों ने खुब आना-कानी की है। यहीं नहीं इस पूरे मामले को दबाने में मुख्यमंत्री सचिवालय ने एड़ी-चोटी एक कर दी, पर सुमित ने अपनी ओर से कोई प्रयास नहीं छोड़ा, पर अब चूंकि प्रधानमंत्री कार्यालय से न्याय मांगने पर, प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा उसे झारखण्ड के मुख्य सचिव को न भेज कर, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को भेज दिया गया, तो उससे उसे लगता है कि अब उसे न्याय नहीं मिलेगा।
ऐसे भी वह न्याय अपने लिए नहीं मांग रहा, न उसका संघर्ष उसके खुद के लिए है, वह तो उनके लिए न्याय की मांग कर रहा हैं, जिनके सपने बहुत उंचे हैं, पर वे इतने गरीब और लाचार है, कि वे चाहकर भी अपने शोषणकर्ताओं के खिलाफ मुंह नहीं खोल सकते। सुमित की लड़ाई जारी है, उसका संघर्ष जारी है, प्रधानमंत्री कार्यालय ने बहुत बड़ी गड़बड़ियां की है। प्रधानमंत्री कार्यालय अपनी गलती सुधारेगा, इस पर ध्यान देगा या नहीं। यह सवाल भविष्य के गर्भ में हैं, पर सुमित का ये संघर्ष अवश्य रंग लायेगा। हमें आशा नहीं, बल्कि इसका पूर्ण विश्वास है।