PMO ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को CS के खिलाफ उचित कार्रवाई करने को कहा
जैसे-जैसे झारखण्ड के मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के अवकाश प्राप्त होने के दिन नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे उनकी मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं, एक समय ऐसा लग रहा था कि राज्य सरकार उन्हें एक्सटेंशन देगी अथवा अवकाश प्राप्त करने के बाद उन्हें कुछ महत्वपूर्ण पद देकर उन्हें सम्मान के साथ अपने साथ रखेगी, वह भी मौका अब राजबाला वर्मा के लिए धीरे-धीरे समाप्त होता जा रहा हैं, क्योंकि अब नई खबर यह है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी झारखण्ड के मुख्य सचिव राजबाला वर्मा पर अपनी नजर टेढ़ी कर दी है।
प्रधानमंत्री कार्यालय से झारखण्ड के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को पत्र संप्रेषित की गई है, जिसमें मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और एक अन्य भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ए पी सिंह के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की बात कही गई है, यह पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली में कार्यरत भारत सरकार के अवर सचिव के सी राजू ने संप्रेषित की है। ज्ञातव्य है कि झारखण्ड विकास मोर्चा के नेता दिलीप मिश्र ने इन दोनों के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय में पांच-छः महीने पहले शिकायत दर्ज कराई थी।
दिलीप मिश्र ने शिकायत में इस बात का जिक्र किया था कि राज्य की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और ए पी सिंह ने पलामू की तत्कालीन उपायुक्त पूजा सिंघल को बचाने के लिए गलत तरीका अपनाया और उन्हें पूरी तरह दोष मुक्त करार दिया, जबकि पलामू आयुक्त एन के मिश्र द्वारा जांचोपरांत पाया गया कि पलामू, खूंटी और चतरा में पूजा सिंघल के उपायुक्त पद पर रहते हुए कई भ्रष्टाचार के मामले आये। इस भ्रष्टाचार की रिपोर्ट आने के बाद मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने एक जांच समिति का गठन किया और समिति का प्रमुख ए पी सिंह को बना दिया। ए पी सिंह ने ऐसी रिपोर्ट बना दी, जिसमें पूजा सिंघल सभी आरोपों से मुक्त हो गई, जबकि इन्हीं मामलों में जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप है, कई जूनियर अभियंता और कई सहायक अभियंता जेल की शोभा बढ़ा रहे है।
इधर झाविमो नेता दिलीप मिश्र ने इस पूरे मामले को पार्टी फोरम ही नहीं बल्कि अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष रखा, पर इनकी किसी ने नहीं सुनी। इसके बाद दिलीप मिश्र ने सूचना के अधिकार के तहत इस संबंध में सूचनाएं एकत्रित की और इन सूचनाओं के आधार पर प्रधानमंत्री कार्यालय को अपनी शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को इन दोनों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आदेश देते हुए पत्र निर्गत कर दिया।
अब सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय से आये इस आदेश का मुख्यमंत्री कार्यालय पालन करेगा, या यह पत्र तब तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहेगा, जब तक मुख्य सचिव राजबाला वर्मा अवकाश प्राप्त नहीं कर लेती।
दूसरे पर उंगली उठाने वाले पर उंगलियां उठ रही है..और नैतिकता का ढोल पीटने वाली भाजपा ..अब मूक रूप से अनैतिकता की शिक्षा एवम उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।।