दीपक प्रकाश द्वारा राज्यसभा में पेश अनिवार्य मतदान विधेयक, 2022 पर राष्ट्रपति ने की विचार करने की सिफारिश
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश के द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए अनिवार्य मतदान विधेयक, 2022 पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 117 के खंड 3 के अंतर्गत विचार करने की सिफारिश की है। इस आशय की जानकारी राज्यसभा सचिवालय के अवर सचिव आशीष देश राज द्वारा प्रदेश अध्यक्ष, सांसद दीपक प्रकाश को एक पत्र प्रेषित कर उपलब्ध कराई गई है।
उल्लेखनीय है कि इस विधेयक को इसी वर्ष 22 जुलाई, 2022 को राज्यसभा में दीपक प्रकाश द्वारा पेश किया गया था। इस बाबत श्री प्रकाश ने कहा कि देश में अनिवार्य मतदान समय की मांग है। अमूमन देखा जाता है कि देश में होने वाले विभिन्न चुनावों में मतदान का प्रतिशत अपेक्षित नहीं होता है। सरकार के तमाम और हरसंभव कोशिश के बावजूद बमुश्किल औसतन 60 फीसदी तक मतदान होता है।
ऐसी परिस्थिति में देश के सभी नागरिकों के लिए मतदान करने की अनिवार्यता को लेकर ऐसे विधेयक की जरूरत है। कई ऐसे देश मसलन अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, चिली, फिजी, बुल्गारिया, साइप्रस, ग्रीस, मैक्सिको, उरुग्वे, तुर्की आदि हैं जहां सभी मतदाताओं के लिए मतदान अनिवार्य हैं। मतदान को अनिवार्य बनाने के लिए मतदान नहीं करने वालों के लिए सजा तो विषम परिस्थिति में भी मतदान करने वालों के लिए प्रोत्साहन का प्रावधान विधेयक में है।
मतदान नहीं करने वाले मतदाता को जुर्माना के तौर पर 500 रुपये या दो दिन कारावास राशनकार्ड की जब्ती की बात है। वहीं सरकारी कर्मियों द्वारा अकारण मतदान में शामिल नहीं होने पर 10 दिन के वेतन पर रोक अथवा पदोन्नति में 2 वर्ष के विलंब की सजा के प्रावधान का उल्लेख किया गया है। प्रोत्साहन के रूप में बीमारी अशक्तता के बावजूद मतदान में शामिल होने पर एक नागरिक के रूप में संबंधित मतदाता को नौकरियों आदि में विशेष छूट की बात उल्लेखित है।