प्रेस क्लब को हथियाने के लिए एक ने हथकंडे अपनाने शुरु किये, प्रमुख पत्रकारों ने जताया विरोध
प्रेस क्लब बनकर तैयार हैं, बस उद्घाटन शेष मात्र हैं। सरकार के आलाधिकारियों ने रांची के कुछ पत्रकारों को हरी झंडी क्या दी? कुछ धूर्त, सरकार की पिछलग्गू तथा राज्य सरकार की कृपा पर जिंदा रहनेवाले पत्रकारों की एक टीम ने बड़ी ही चालाकी से पीटीआई कार्यालय में रविवार को एक गोपणीय मीटिंग रख दी, तथा प्रेस क्लब को अपने कब्जे में करने के लिए रणनीति बनानी शुरु कर दी।
आनन-फानन में दिमाग लगाकर रांची के कुछ प्रमुख अखबारों व चैनलों में कार्यरत मठाधीशों, विभिन्न शिक्षण संस्थानों में पत्रकारिता विभाग में कार्यरत कथित महान आत्माओं तथा अपने प्रिय मित्रों को पीटीआई कार्यालय में बुलाया गया और जल्द से एक कमेटी भी बना दी गयी, यहीं नहीं रांची प्रेस क्लब के बायलॉज तैयार करने के लिए नौ सदस्यीय ड्राफ्ट कमेटी भी बना ली गयी। जिसके संयोजक कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रवक्ता रह चुके बी पी शरण को बना दिया गया। बड़ी ही चालाकी से वह सारे काम निबटा दिये गये, जो आनेवाले समय में बाधक होने का अंदेशा था। इस मीटिंग में उनलोगों को नहीं बुलाया गया, जो कभी इनलोगों के प्रतिद्वंदी रहे थे। शायद उन्हें लगता था कि इससे उनकी चालाकी में बाधाएं उत्पन्न होती।
बड़ी चालाकी से इन लोगों ने पदमश्री बलबीर दत्त को आगे कर, अध्यक्ष बना दिया कि आनेवाले समय में इनके नाम को लेकर कोई आपत्ति न दर्ज कर सकें, और उनकी चाल भी कामयाब हो जाये। राज्य सरकार का महिमामंडन गाने के लिए प्रतिबद्ध हरि नारायण सिंह को उपाध्यक्ष, कभी हर बार भाजपा को कटघरे में रखने के लिए प्रख्यात कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता बी पी शरण उपाध्यक्ष बना दिये गये। इसी प्रकार अन्य लोगों को प्रमुख पद दे दिये गये, जब ये सारे काम निबटाये जा रहे थे, तब रांची के अन्य प्रमुख पत्रकारों को पता ही नहीं था, जिसकी कई लोगों ने कड़ी आलोचना भी की और कहा कि पत्रकारों की बैठक और पत्रकारों को ही पता नहीं।
इसी बीच आज रांची के अलबर्ट एक्का चौक पर रांची प्रेस क्लब के सदस्यों की एक आपात बैठक एएनआई के ब्यूरो चीफ गिरिजा शंकर ओझा की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें सौ से भी अधिक पत्रकारों ने भाग लिया और 44 नये सदस्यों ने सदस्यता ग्रहण की। सभी ने एक स्वर में गिरिजा शंकर ओझा, वरिष्ठ पत्रकार, एएनआई की अध्यक्षता में रांची प्रेस क्लब के सम्मान की रक्षा तथा अस्मिता की लड़ाई लड़ने का वचन दोहराया। अब रांची प्रेस क्लब की अगली बैठक 28 अगस्त को अपराह्ण 1 बजे सूचना भवन में होगी। जल्द ही रांची प्रेस क्लब की एक टीम सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों से मिलकर सूचना भवन का सभागार उपलब्ध कराने के लिए आग्रह करेगी।
कमाल है, अभी रांची प्रेस क्लब हस्तातंरित नहीं हुआ हैं, पर इसे अपनी ओर करने के लिए धूर्त लोगों ने एक पक्ष को नजरंदाज कर, कब्जा जमाने की जो प्रपंच रची है, उससे साफ लगता है कि कल की बैठक आयोजित करनेवाले लोगों के मंशे ठीक नहीं है, वे पदमश्री बलबीर दत्त का नाम भंजाकर, राज्य सरकार की आंखों में धूल झोंकने की तैयारी कर चुके हैं, ताकि उनकी आड़ में वे, वह कार्य कर सकें, जिसकी इजाजत न तो धर्म देता हैं और न ही पत्रकारिता। कल पीटीआई कार्यालय में हुई बैठक से यह भी स्पष्ट हो गया कि रांची प्रेस क्लब को अनैतिक तरीके से हथियाने के लिए सारे हथकंडे अपनाने उन लोगों ने शुरु कर दिये है, इधर आज की अलबर्ट एक्का चौक में सपन्न बैठक ने बता दिया कि अगर किसी ने गलत तरीके से कार्य करना प्रारँभ किया, तो ये लोग भी प्रजातांत्रिक तरीके से अपनी बात रखेंगे और गलत का विरोध करेंगे।
सटीक ,
पैरोकार क्लब
पद्मश्री,बलबीर दत्त को सचेत रहना चाहिए,अन्यथा उनके गरिमा को कलंकित कर देगा,अपनी बिरादरी से छद्म प्रपंच।