झारखण्ड के विकास की फिक्र छोड़िये, अपनी जाति की जनसंख्या बढ़ाइये, मिलेगा लाभ
झारखण्ड के सीएम हैं – रघुवर दास। भगवान ने इन्हें शायद बड़ी फुर्सत में बनाया है, तभी तो अपनी जाति के सम्मेलन में जनसंख्या के आधार पर, आरक्षण देने पर विचार की बातें करते हैं, और दूसरे लोगों को कहते है कि केला बेचने व स्कुटर दुकान में काम करने के लिए जनसंख्या नहीं बढ़ाएं। एक ही दिन में, खुद ही के बयान को एकसिरे से नकार देने की कला, अगर किसी को सीखना हो तो मुख्यमंत्री रघुवर दास से सीखे।
अब जब बात आती है, रघुवर दास से सीखने की, तो हम आरक्षण प्राप्त कर रहे सभी जातियों के लोगों को आह्वान करेंगे, कि वे रघुवर दास के इस वक्तव्य से सीख लें तथा अपनी जनसंख्या को जितना हो सके बढ़ाएं, क्योंकि सरकार आनेवाले दिनों में जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने पर विचार कर रही हैं। ऐसे में भारत की जनसंख्या 125 करोड़ से 600 करोड़ हो जाये, विकास बाधित हो जाये, चारों ओर नरमुंड़ ही नरमुंड दिखाई पड़े, इसकी चिंता आप मत करिये, बस चिंता इस बात की करिये कि हमें रघुवर दास के सपनों का झारखण्ड बनाना है, जहां पर जाति होगी, जहां जाति आधारित जनसंख्या होगी, जहां जातिगत आधार की जनसंख्या पर आरक्षण होगा।
जरा सोचिये अगर आप आरक्षण की सूची में है, और आपकी जनसंख्या नहीं है, तो इसका लाभ कैसे उठायेंगे? इसलिए आज से ही सभी जाति के लोगों से अनुरोध है कि रघुवर दास के पदचिन्हों पर चलें, खूब बच्चे पैदा करें, गांव-टोला-मुहल्ला-शहर में ढोल पिटवाये, सरकार जातिगत जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने पर विचार कर रही हैं, इसलिए सभी लोग जो आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं, चालाकी दिखाये, अपनी जनसंख्या बढ़ाएं, नहीं तो जनसंख्या के आधार पर अगर पीछे रह गये तो बहुत पीछे छुट जायेंगे।
रही बात, जिनके लिए, मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह कहा कि केला बेचने व स्कूटर दुकान में काम करने के लिए जनसंख्या नहीं बढाए, उनके लिए बस एक ही बात, आप उनकी बातों में न आये, क्योंकि उन्होंने तेली समाज की रैली में कहा है कि जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने पर विचार हो रहा है, तो आप भी जनसंख्या और तेजी से बढ़ाएं, क्योंकि जब जनसंख्या आपकी रहेगी तो किसी की हिम्मत ही नहीं होगी कि आपकी तरफ आंख उठाकर देखे। हां केला बेचना और स्कुटर दुकान में काम करना कोई गुनाह नहीं है।
एक बात और जिस मुख्यमंत्री ने आपको केला बेचना और स्कुटर दुकान में काम करने की बात कहकर आपको नीचा दिखाने की कोशिश की है, उन्हें कहिये कि हम केला बेचने और स्कुटर दुकान में काम करने में ही शान समझते हैं, आपके जैसा झूठ बोलकर, सपने बेचकर, हाथी उड़ाकर, किसी जाति को बेटी-रोटी कहकर, सदन में विपक्षी दलों के नेताओं को गाली देकर, उसे अपमानित नहीं करते, इसलिए हमें क्या करना है? कोई न बताएं, अपना देखे।
जातीय रैली में भाग लेकर, जातीयता को उभारकर, जिस प्रकार से मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखण्ड को आग में झोंकने का काम प्रारम्भ किया है, यह भाजपा और सीएम को बहुत भारी पड़ेगा, यहीं आग इन दोनों को जलाकर भस्म कर देगी, ऐसे में कौन केला बेचेगा और कौन स्कूटर बनायेगा या बनाने के लायक भी नहीं रहेगा, इसके लिए अब समय की जरुरत नहीं, समय आ चुका है, बस माचिस की तीली को जलाना बाकी है, और इसका श्रेय अगर किसी को जायेगा तो वह होगी भाजपा और सीएम रघुवर दास।