भगवान जगन्नाथ के शरण में पहुंचे रघुवर, हेमन्त और सुबोध, किया भक्ति निवेदित, मांगा आशीर्वाद
रांची की अतिप्रतिष्ठित भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने, उनका विशेष अनुग्रह प्राप्त करने, भगवान जगन्नाथ के दर्शन व पूजन के लिए, राज्य की तीन प्रमुख राजनीतिक हस्तियां एक ही मंच पर, वह भी एक साथ दिखाई पड़ी, ये हस्तियां थी – राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास, नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय।
आम दिनों में जो मुख्यमंत्री रघुवर दास, अपने विरोधियों को देखना तक पसन्द नहीं करते, हमेशा उनके खिलाफ विषवमन करने से नहीं चूकते। नेता प्रतिपक्ष जो सरकार की खामियों को जनता के बीच रखने में एक भी मौका नहीं चूकते। आज सभी एक साथ, एक ही मंच पर उपस्थित थे। भगवान जगन्नाथ ने शायद यह मौका दिया था, इन्हें एक साथ अपने दरबार में खड़ा होने का।
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा रांचीवासियों के लिए बड़ा ही महत्वपूर्ण रथयात्रा माना जाता है, 1691 ई. में बनी जगन्नाथ मंदिर और इस मंदिर के नाम से ही यहां का एक बहुत बड़ा इलाका जगन्नाथपुर के नाम से जाना जाता है, जहां बड़ी संख्या में रांचीवासी और झारखण्ड के अन्य इलाकों से लोग आषाढ़ शुक्लपक्ष द्वितीया तिथि को आते हैं, और भगवान जगन्नाथ का रथ खीचते हैं।
शायद यहीं कारण रहा है कि यहां के जितने भी राजनीतिक दल हैं या जो सरकारे यहां रही हैं, उसके मुखिया इस जगन्नाथपुर की रथयात्रा में शामिल होना नहीं भूलते। दस दिनों तक यहां खूब चहल-पहल रहती है, भारी मेला लगता है, और इस मेले में बड़ी संख्या में लोग अपनी जरुरतों की चीजों को खरीदने के लिए टूट पड़ते हैं। राज्य सरकार इस मेले पर विशेष ध्यान रखती हैं, ताकि लोगों को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सकें, इस बार भी यहां वह, अच्छी व्यवस्था देखने को मिल रही हैं।
इधर इन तीन महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्तियों को रथपर आरुढ़ देख, कई लोगों ने चुटकियां ली, कि क्या आनेवाले दिसम्बर 2019 में भगवान जगन्नाथ रघुवर दास को फिर एक और मौका देंगे, या हेमन्त और सुबोध कांत की जोड़ी कमाल दिखायेंगी, क्योंकि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में आकाश-जमीन का फर्क होता है, अब तो दिसम्बर 2019 को ही पता चलेगा कि इस बार भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद सही मायनों में किसको प्राप्त हुआ और सही मायनों में किसकी भक्ति को भगवान जगन्नाथ ने स्वीकार किया।