जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट पर शिव शंकर सिंह के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पर्चा दाखिल करने के दौरान उमड़ी भीड़ से रघुवर दास की नींद उड़ी, इधर बहू पूर्णिमा पहुंची भाजपा से निलंबित अमरप्रीत सिंह काले के घर
जमशेदपुर पूर्व विधानसभा से आज शिव शंकर सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन का पर्चा भरकर जमा कर दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे। जो राष्ट्रीय ध्वज हाथ में लेकर भीड़ के साथ चल रहे थे। ढोल-नगाड़े की गूंज भी इस दौरान खुब सुनाई दी। आज की शिव शंकर सिंह के नामांकन के दौरान जमा हुई उनके समर्थकों की भीड़ पूरे जमशेदपुर में चर्चा का विषय बन गई। आज की इस भीड़ को देखकर भाजपा के बड़े नेताओं का दिमाग चकरा गया, क्योंकि जो भीड़ थी, वो किसी अन्य लोगों की नहीं थी। उसमें सभी भाजपा समर्थक ही थे, क्योंकि शिव शंकर सिंह स्वयं भाजपा के बड़े नेताओं में अब भी गिने जाते हैं।
लेकिन जमशेदपुर पूर्व से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू को भाजपा का टिकट दिये जाने के विरोध में भाजपा के कई बड़े व समर्पित नेताओं व कार्यकर्ताओं ने शिव शंकर सिंह को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भाजपा के विरोध में खड़ा होने का अनुरोध किया। जिसे जनता का आशीर्वाद मानकर शिव शंकर सिंह ने नामांकन का पर्चा भी दाखिल कर दिया। बताया जाता है कि आज के इस भीड़ को देखकर भाजपा के बड़े नेताओं की नींद उड़ गई हैं और अपनी रही-सही ताकत को फिर से बटोरने का काम शुरु कर दिया है।
इसी क्रम में छः साल से पार्टी से निलंबित चल रहे भाजपा नेता अमरप्रीत सिंह काले के घर आज रघुवर दास की बहू व भाजपा प्रत्याशी पूर्णिमा साहू दास भी पहुंच गई। जो पूरे शहर में चर्चा का विषय रहा। राजनीतिक पंडित कहते है कि आज क्या हो गया कि जिस अमरप्रीत सिंह काले को रघुवर दास देखना पसन्द नहीं करते थे। आज उनके घर उनकी बहू पहुंच गई। शायद इसी को राजनीति कहते हैं।
राजनीतिक पंडितों का यह भी कहना है कि जमशेदपुर पूर्व में अब लड़ाई त्रिकोणात्मक हो चली है। एक ओर भाजपा प्रत्याशी व ओड़िशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के अजय कुमार है और शिव शंकर सिंह के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े हो जाने के कारण अब स्थिति त्रिकोणीय हो गई हैं।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो 2024 में भी 2019 की पुनरावृति हो जाये तो यह कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि सारी संभावनाएं 2019 जैसी ही बनती दिख रही हैं। रघुवर दास की बहू के साथ भले ही उपरि मन से बड़े-बड़े नेता दिख जाये। लेकिन सभी के मन में रघुवर दास के द्वारा पूर्व में किये गये उनके व्यवहार आज भी कौंध रहे हैं। जो कही न कही भाजपा के प्रति दूरियां बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बताया यह भी जा रहा है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा कल जमशेदपुर में रहेंगे और अमरप्रीत सिंह काले के यहां भी जायेंगे। संभावना है कि वे भोजन भी उन्हीं के घर में करें। मतलब भाजपा की स्थिति इतनी खराब है कि उसे अभी कोई भी कुछ कहें तो वो कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाये।