रघुवर की सीधी बात, फरियादी दुखड़ा सुना रहे थें, अधिकारियों का दल उनकी मजाक उड़ा रहा था
याद करिये, 26 जुलाई 2016, रांची का सूचना भवन, जहां हो रहा हैं मुख्यमंत्री रघुवर दास का कार्यक्रम “सीधी बात”। जहां मुख्यमंत्री रघुवर दास के समक्ष गिरिडीह की शोभा शिवानी अपना दुखड़ा रो रही है। वह कह रही है कि उसका 85 प्रतिशत शरीर जल चुका है। इलाज में उसके सात लाख रुपये खर्च हो चुके है। उसके उपर काफी कर्ज हो चुका है।
इस पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने राहत कोष से पचास हजार रुपये देने का आदेश दिया था। साथ ही एनएनएम की ट्रेनिंग कराकर, उस वक्त उसे रोजगार से जोड़ने का भरोसा दिलाया था। वहीं गिरिडीह के उपायुक्त ने उस वक्त उसे ढाई लाख रुपये देने की घोषणा मुख्यमंत्री रघुवर दास से की थी। इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार ने शोभा शिवानी को तत्काल 50 हजार रुपये का चेक दिया था।
पर आज सवा साल होने को आये। शोभा शिवानी फिर कल मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिली है और पता चला कि अब तक मुख्यमंत्री के कृपापात्र अधिकारियों ने, उस वक्त उसे जो तीन लाख रुपये देने की घोषणा की थी, उस तीन लाख में से उसे सिर्फ अब तक सवा लाख रुपये ही मिले है। ये हैं “मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र” और सीएम के “सीधी बात” का हाल।
और अब देखिये, कल एक बार फिर सीएम रघुवर दास ने अपने मुख्यमंत्री विवेकाधीन मद से, शोभा शिवानी को डेढ़ लाख रुपये देने की घोषणा की है, देखते है कि उसे कब तक डेढ़ लाख रुपये मिलते है। जहां मुख्यमंत्री के सामने, उसके अधिकारी झूठ बोलते हो, अपने दायित्वों का निर्वहण नहीं करते हो, वहां की क्या स्थिति हैं? हमें लगता है कि यह बताने की जरुरत नहीं है।
कल की ही बात है जब 90 वर्षीय भगरु वृद्धापेंशन के लिए अपना दुखड़ा सुना रहा था, तो वहां बैठे मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार बर्णवाल को हंसी छूट रही थी, यहीं नहीं जब भी आप “मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र” के कार्यक्रम अथवा सीएम के “सीधी बात” कार्यक्रम में शामिल होंगे तो आप पायेंगे कि यहां के आईएएस अधिकारी फरियादियों के हाल पर हंसते हुए नजर आ रहे हैं। शायद वे इसलिए हंसते हो कि वे इस हंसी के माध्यम से कहना चाहते हो कि “अरे फरियादियों, तुम चाहे कितना भी फरियाद कर लो, तुम्हारा हम शोषण करते ही रहेंगे, क्योंकि तुम पैदा ही हुए हो, शोषण करने के लिए और हम पैदा हुए हैं, राज करने के लिए, तुम्हारे पैसों से विदेश घुमने के लिए”।
कल सीएम के सचिव सुनील कुमार बर्णवाल ने कहा था कि इस मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र में अब तक 83 प्रतिशत मामलों का निबटारा हो चुका है। भाई तुम्हारा “मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र” और तुम्हारा ही “सीधी बात” तुम्हें ही सब कुछ करना और देखना है। जो बोल दो, तुम तो शत प्रतिशत मामले के निबटारे का दावा भी कर सकते हो, पर वृद्धावस्था पेंशन के लिए तुम्हारे सामने नाक रगड़ता भगरु और अपने इलाज के लिए करीब डेढ़ साल से तुम्हारे चौखट पर आर्थिक मदद के लिए गुहार लगाती शोभा शिवानी, तुम्हारे सारे दावे का पोल खोलकर रख दी है। काश तुम्हें थोड़ी सी भी शर्म होती और इन गरीबों पर हंसने के बजाय, तुम इनकी मदद के लिए सही में कुछ काम करते, तो तुम्हें भी इनकी दुआं मिलती और तुम इनकी दुआओं से परलोक भी सुधार लेते, पर तुम्हें इससे क्या मतलब?, तुम तो स्वयं को भगवान से कम समझते नहीं हो, अखबार और चैनलों को तुम पहले ही खरीद चुके हो, बाकी रहे ये फरियादी तो मारते रहो इन्हें ठोकर, जब तक तुम्हारी सरकार है, लेकिन तुम्हें नहीं पता कि गरीबों के आह से बड़े-बड़े महलों की दीवारें धराशायी हो जाते हैं। शायद तुम्हें कबीर के वे दोहे नहीं मालूम –
निर्बल को न सताइये, जाकी मोटी हाय।
मरे मृग के छाल से, लौह भस्म हो जाय।।
मजाक मजाक में ही सरकार ली लुटिया गई।।
Salute to your writing brother.