अपराध

बाघमारा अंचल में धरने पर बैठे रैयत पहुंचे रांची स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय, सीओ बाल किशोर महतो व भू-माफिया भाजपा समर्थक अशोक चौरसिया की कारगुजारियों से मुक्ति दिलाने का सीएम हेमन्त सोरेन से की फरियाद

हम तो आज मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के द्वार तक आ पहुंचे हैं। शायद यहां आकर कुछ न्याय मिले, क्योंकि हम तो न्याय मांगने जहां पहुंच रहे हैं। वहां से न्याय तो नहीं मिल रहा, उलटे धमकी यह मिल रही हैं कि ज्यादा बोलोगे तो जेल की हवा खिला देंगे। सरकार कहती है कि हमारी सरकार ‘आपकी सरकार, आपके द्वार’ चलाती है, ताकि जनता की समस्या हल हो सकें। लेकिन सरकार की योजनाओं का लाभ तो आज तक हमें नहीं मिला। अब, हम तो अपनी ही सरकार के पास, अपना दुखड़ा लेकर पहुंचे हैं। शायद न्याय मिले, मतलब जब तक सांस है, आस नहीं छूटनी चाहिए।

ये सारी बातें कहनेवाले धनबाद के कतरास में रहनेवाले लोग हैं। ये लोग आज मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के आवास पहुंचे थे। जहां मुख्यमंत्री सचिवालय में इनलोगों ने आवेदन दिया है। आवेदन की रिसीविंग भी ये सब को दिखा रहे हैं, शायद इन्हें भरोसा है कि अब न्याय मिल जायेगा। विद्रोही24 को भी भरोसा है, शायद इन्हें इस बार न्याय मिल जाये। आश्चर्य तो यह भी है कि कुछ मामलों में तो न्यायालय भी इनके साथ हैं। न्यायालय द्वारा न्याय मिलने के बावजूद यहां के अधिकारी इतने ढीठ हैं कि ये गरीबों की सुनते ही नहीं।

कतरास बाजार, राजा तालाब के सामने रहनेवाले अरविन्द कुमार सिन्हा बताते हैं कि उनका बाघमारा अंचल के कतरास मौजा 239, खाता 67, प्लॉट 1987 के कुल 37 डिसमिल में से 18 डिसमिल जमीन उनकी पुश्तैनी रैयती है। उस पर भाजपा समर्थक भू-माफिया अशोक चौरसिया ने कब्जा कर रखा है, तथा उस पर अवैध रुप से जबरन निर्माण भी किये जा रहा है। वे अपनी जमीन की मापी कराने के लिए दिनांक 11 जुलाई 2024 को राज्य सरकार को 1000 रुपये का भुगतान भी किये हैं।

तत्पश्चात् अंचल के अमीन जमीन मापने के लिए दो बार उक्त जमीन पर गये, लेकिन भू-माफिया ने अमीन को जमीन मापने नहीं दिया। अमीन को भगा दिया। इस बात से अंचलाधिकारी बाल किशोर महतो व कतरास थाना प्रभारी भलीभांति परिचित हैं। परन्तु उसके बावजूद भी ये दोनों उक्त भू-माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। अरविन्द कुमार सिन्हा का कहना है कि बाल किशोर महतो के संरक्षण में ही उक्त भू-माफिया अशोक चौरसिया उनके जमीन को हड़पे जा रहा है। लेकिन कोई सुन नहीं रहा। अंत में वे मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का दरवाजा खटखटा रहे हैं। देखते हैं, अब क्या होता हैं?

ऐसा ही दुखड़ा तीता कुमारी का है। तीता कुमारी का कहना है कि उनका बरमसिया मौजा, हल्का 12, खाता संख्या 61, प्लाट संख्या 702, रकवा 33 डिसमिल खरीदी गई जमीन का ऑनलाइन प्रविष्टिकरण करते हुए हाल रसीद निर्गत करने/कटाने का वो आवेदन दी है। परन्तु अंचल अधिकारी बाल किशोर महतो द्वारा उनका काम नहीं करने के कारण वो रैयतों के साथ दिनांक 10 दिसम्बर 2024 से अंचल कार्यालय में धरना पर बैठी हैं। लेकिन उसके बावजूद किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा।

इसी प्रकार दिलीप कुमार महतो, जयराम शंकर साव, मुसीब अख्तर खान, प्रदीप रजवार, गीता देवी, जोसना देवी, मनिलाल, राजा राम सिंह, रुपेश रवानी, काजल देवी और बिन्देश्वर नापित ने भी धनबाद जिले के बाघमारा अंचल में धरने पर बैठे रैयतों के जमीन से संबंधित समस्याओं को जल्द सुलझाने के लिए आज मुख्यमंत्री सचिवालय को अपनी-अपनी समस्याओं से संबंधित एक संयुक्त प्रपत्र सौंप दिया।

इन सभी का कहना है कि उन्हें अपने जमीन का ऑनलाइन करने, लगान कटवाने, नापी/सीमांकन करवाने, त्रुटियों की सुधार करने के लिए अंचल कार्यालय एवं सरकार आपके द्वार शिविर में आवेदन देते आ रहे, परन्तु अंचल कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार व बिचौलियों के हावी होने से उनका जमीन संबंधी कार्य नहीं हो पा रहा है। बाध्य होकर वे 10 दिसम्बर 2024 से बाघमारा अंचल में धरने पर बैठे हैं। लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा, अब उलटे उन सभी को धमकी दी जा रही है कि अगर धरना नहीं उठाया, तो सभी को जेल भेज देंगे। इधर मुख्यमंत्री सचिवालय को इस प्रकार के पत्र सौंप जाने के बाद, इन गरीबों को आस बंधी है कि उन्हें न्याय मिलेगा।

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