राजनीति

राजधानी यादव ने भाजपा के प्रदेशस्तरीय नेताओं के हाथ-पांव फूलाएं, सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा प्रदेश कार्यालय का किया घेराव, भाजपा के लक्षण ठीक नहीं दिख रहे

अपने पूर्व किये गये वायदे के अनुसार लातेहार के भाजपा नेता राजधानी यादव ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा प्रदेश कार्यालय आ धमके और अपनी धमक से भाजपा के प्रदेशस्तरीय नेताओं के हाथ-पांव फूला दिये। उनके सैकड़ों समर्थकों का साफ कहना था कि चतरा में अगर कोई पार्टी का उम्मीदवार बनने लायक हैं तो वे सिर्फ और सिर्फ राजधानी यादव हैं।

लेकिन भाजपा के प्रदेशस्तरीय नेताओं ने राजधानी यादव को प्रत्याशी न बनाकर ऐसे व्यक्ति को चतरा में खड़ा कर दिया, जिसने हमेशा पार्टी के खिलाफ ही काम करता रहा, भाजपा को गरियाता रहा। ऐसे में प्रदेश कार्यालय का घेराव नहीं करें तो क्या करें? उनके पास दूसरा विकल्प क्या है? दूसरा विकल्प तो यही हैं कि चुपचाप घर जाये और मतदान के दिन भाजपा के उस प्रत्याशी को सबक सिखा दें, जिससे भाजपा का बेड़ा ही गर्क हो जाये।

जिस समय राजधानी यादव और उनके समर्थक भाजपा कार्यालय का घेराव कर रहे थे। उस समय भाजपा प्रदेश कार्यालय में भाजपा के कथित बड़े-बड़े पदाधिकारी जिनकी प्रदेश की जनता और भाजपा कार्यकर्ताओं पर कोई पकड़ ही नहीं हैं। राजग के सभी 14 प्रत्याशियों की जीत के लिए रणनीति पर चर्चा कर रहे थे। जैसे ही राजधानी यादव और उनके समर्थकों की पार्टी कार्यालय की घेराव की सूचना उन्हें मिली।

सबके कान खड़े हो गये। सभी इस समस्या को निबटाने में लग गये। आनन-फानन में प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी और प्रदेश संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह ने राजधानी यादव से बात करने का दिमाग लगाया। राजधानी यादव उनसे मिलने भी पहुंचे और अपनी बाते बताई। राजधानी यादव ने विद्रोही24 को बताया कि उन्होंने वहीं बाते बताई जो होली के समय धरना देने के दौरान उन्होंने कही थी कि वे चतरा के भाजपा प्रत्याशी के रुप में चतरा से लड़ना चाहते थे, इसके लिए कई बार तैयारियां की।

लेकिन पार्टी के इन नेताओं ने ऐन मौके पर हर बार टिकट कटवा दिया और इस बार भी ऐसी ही घटना उनके साथ घटवा दी। ऐसे में इनके खिलाफ प्रदर्शन नहीं करें तो और क्या करें, लोकतांत्रिक तरीके से वे अपनी बातें रख रहे हैं। अगर उनकी बातें नहीं मानी गई तो स्वाभाविक हैं कि उनके समर्थक नाराज होंगे और नाराजगी कब और क्या करवट लेगी। वे इस पर कुछ भी नहीं कह सकते। इसी बीच राजनीतिक पंडितों का कहना है कि वर्तमान लोकसभा 2024 के चुनाव में भाजपा के लक्षण ठीक नहीं दिख रहे, अगर इन नेताओं ने अपना लक्षण और चाल-चलन नहीं सुधारा तो भाजपा अपनी मिट्टी पलीद करवाने के लिए इस बार तैयार रहे।