राजधानी यादव ने भाजपा मुख्यालय में धरने पर बैठकर भाजपा का कर्मकूटने वाले भाजपाइयों की होली की खराब, दी धमकी अगर उनकी बात नहीं मानी तो रविवार को वे फिर से बैठेंगे धरने पर
लातेहार निवासी पुराने भाजपा कार्यकर्ता राजधानी यादव ने भाजपा के प्रदेश स्तर के उन नेताओं की नींद हराम कर दी है, जिन्होंने भाजपा का कर्म कूटने के लिए संकल्प कर रखा है और इस दिशा में वे मनोयोग से बढ़ भी रहे हैं। उन्हें सफलता भी मिल रही है। राजधानी यादव का कहना है कि जो व्यक्ति भाजपा को पिछले पन्द्रह साल से कोसता रहा, उलटा-पुलटा बकता रहा और कुछ महीने पहले ही आकर भाजपा का टिकट लेकर चलता बना, उस व्यक्ति काली चरण सिंह को हमलोग कैसे पचा लें।
ये संभव नहीं है। अगर भाजपा ने इस पर पुनर्विचार नहीं किया तो वे सदल-बल के साथ आगामी रविवार यानी 31 मार्च को फिर से भाजपा प्रदेश मुख्यालय में धरना पर बैठेंगे, कल का धरना तो मात्र एक प्रकार का ट्रेलर था। राजधानी यादव कल ही दिल्ली से लौटे और प्रदेश मुख्यालय में जब सारा प्रदेश और भाजपा के कार्यकर्ता और प्रदेश के नेता जो है तो कुछ नहीं, लेकिन अपने को तोप से कम नहीं समझते हैं, ले-दे संस्कृति के तहत भाजपा के प्रमुख पदों पर बैठ कर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं और लाभान्वित भी हो रहे हैं, साथ ही भाजपा का कर्म भी कूट रहे हैं, होली मना रहे थे, तभी राजधानी यादव ने इनकी होली में खलल डाल दी और एक तरह से कह दिया कि जैसे हम होली नहीं मना रहे, तुम्हारी भी होली हम बर्बाद कर देंगे और एक तरह से उनकी होली बर्बाद कर दी।
जैसे ही राजधानी यादव के प्रदेश मुख्यालय पर वो भी होली के दिन धरना देने की खबर आई। तीन तल्ले पर विराजमान प्रदेश के सर्वाधिक विवादस्पद व्यक्ति यानी भाजपा संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह ने राजधानी यादव को धरने से उठवाने का काम किया और राजधानी यादव से बातचीत की। राजधानी यादव का कहना था कि उन्होंने भाजपा की निस्वार्थ भाव से सेवा की।
वे चाहते थे कि चतरा से उन्हें टिकट मिले। इसके लिए उन्होंने सारी शर्तें भी पूरी की। चालीस साल तक भाजपा की सेवा की। लेकिन उसके बाद भी उन पर कोई दाग नहीं। भाजपा ने जो कार्य दिये, उसे ईमानदारी से पूरा किया। 2014, 2019 के बाद 2024 में भी उनके साथ अन्याय कर दिया गया और चतरा से ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया, जो पिछले पन्द्रह साल तक भाजपा को मिट्टी में मिलाने की ही बात की। आखिर भाजपा में यही सब होता रहेगा, तो हमलोग चुप नहीं बैठेंगे इसलिए प्रतिक्रियास्वरुप उन्होंने कल होली के दिन प्रदेश मुख्यालय पर धरने पर बैठ गया। अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो रविवार यानी 31 मार्च को फिर धरने पर बैठेंगे और उस वक्त अकेले नहीं, बल्कि सदल-बल के साथ बैठेंगे।
राजधानी यादव ने विद्रोही24 से बातचीत में कहा कि फिलहाल वे उस विद्यार्थी की तरह धरने पर बैठे हैं, जो परीक्षा तो बहुत अच्छे ढंग से देता है। लेकिन कॉपी जांचनेवाले उसे अनुतीर्ण घोषित कर देते हैं। जिस पर परीक्षार्थी अपनी बात रखने के लिए फिर से कॉपी जांचने की बात बोर्ड से करता है। उन्होंने भी काली चरण और अपनी प्रतिभा का आकलन करने के लिए भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं से सिर्फ अनुरोध किया है। अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो फिर वे शांत नहीं बैंठेंगे।