अपनी बात

राजकुमार पाहन का बयान ईडीवाले डालते हैं दबाव बोलो हेमन्त सोरेन का जमीन है, जिसको वो जानते ही नहीं और न कभी देखा, उसका नाम कैसे ले ले? जमीन मेरी है, हेमन्त को फंसाया गया

“हमलोग चाहते हैं कि ईडी से हमलोग दूर रहे। वे बड़ा परेशान करते है। जब चाहते हैं तब समन भेज देते हैं। एक ही सवाल बार-बार करते हैं। किसका जमीन है बोलो। हेमन्त सोरेन का जमीन है बताओ। हमलोग तो उसको जनवो नहीं करते हैं और न कभी देखे हैं। खाली नाम सुने हैं कि हेमन्त सोरेन है। इस जमीन से उसका कोई रिश्ता ही नहीं है।” यह वक्तव्य है राजकुमार पाहन का, जिन्होंने आज विद्रोही24 से बातचीत में कही।

ये वहीं राजकुमार पाहन है कि जिनकी साढ़े आठ एकड़ जमीन ने पूरे देश में बवाल कर दिया है। जिस जमीन को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को अपनी सत्ता गंवानी पड़ी और वे आज जेल में है। राज कुमार पाहन से बातचीत में यही पता चला कि वे डरते नहीं है। वे साफ कहते है कि बरियातू में साढ़े आठ एकड़ जमीन है। इसी में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को फंसाया गया है। वे कहते है कि हमलोग शुरु से वहां खेती बाड़ी करते आ रहे हैं। उस जमीन पर आज भी हमारा दखल कब्जा है। उस जमीन से उसका (हेमन्त सोरेन का) कोई लेना-देना नहीं है।

राज कुमार पाहन के कथनानुसार ईडी 8 फरवरी को समन दिया था। तो वे लोग सारा डाक्यूमेंट्स लेकर ईडी ऑफिस गये और उन डाक्यूमेंट्सों को दिखाया था और कहा था कि ये सारा जमीन हमलोगों का है। राज कुमार पाहन विद्रोही24 से बातचीत में कहते हैं कि हमलोग शुरु से खेती बाड़ी करते आ रहे हैं। उस जमीन पर हमारे बाप-दादा खेती-बाड़ी करते आये हैं। उस जमीन को न तो हमारे बाप-दादा और न ही हमलोग आज तक बिक्री किये हैं।

राज कुमार पाहन ने कहा कि ईडी ने प्रेशर डालते हुए कहा था कि तुमलोग झूठ बोलते हो, तुमलोग इ करते हो, वो करते हो। बाप-दादा जमीन दिया, उसको बेच देते हो। वे दबाव डालते थे कि हेमन्त सोरेन का जमीन है तो हमलोग कहते थे कि नहीं। राजकुमार पाहन कहते है कि अभी सामान्य स्थिति है। हमलोग उस जमीन पर खेती बाड़ी कर रहे हैं। कल भी ईडीवाला आया था। समन देकर गया। आज भी ईडी आफिस जायेंगे।

वे कहते है कि ईडी द्वारा बार-बार बुलाने से दिक्कत आती है। आने-जाने में दिक्कत होती है। यहां काम-धंधा प्रभावित होता है। हमलोग चाहते है कि ईडी से हमलोग दूर रहे। वे बड़ा परेशान करते हैं। जब चाहते हैं तब समन भेज देते है। एक ही सवाल बार-बार करते है। किसका जमीन है बोलो। हेमन्त सोरेन का जमीन है बताओ। हमलोग तो उसको जनवो नहीं करते है और न कभी देखे हैं। खाली नाम सुने हैं कि हेमन्त सोरेन है। जमीन से उसका कोई रिश्ता नहीं है।

राजकुमार पाहन बताते है कि मीडिया के लोग एक सप्ताह पूर्व उनके पास आये थे। उनको भी यही बताया, जो सबको बताये। पर आश्चर्य है कि राजकुमार पाहन का स्टेटमेंट्स किसी चैनल में या किसी अखबार में आज तक नहीं देखा गया। आखिर ये क्या वजह हो सकती है? ये समझ से बाहर है। कुल मिलाकर राजकुमार पाहन का यह स्टेटमेंट्स एक बड़े दुष्चक्र से पर्दा उठाने के लिए काफी है।