रघुवर सरकार की गलत नीतियों से आहत छात्रों के रांची बंद का मिला-जुला असर
झारखण्ड लोक सेवा आयोग, जेएसएससी एवं अन्य परीक्षाओं में आरक्षण खत्म करने के विरोध में आज रांची बंद का मिला जुला असर राजधानी में दीख रहा है। आज के रांची बंद में आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच, केन्द्रीय सरना समिति, आदिवासी छात्र संघ विश्वविद्यालय समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद्, केन्द्रीय प्रार्थना सभा, आदिवासी युवा मोर्चा, मूलनिवासी छात्र संघ, छात्र लोक समता, झारखण्ड आदिवासी विकास समिति, आदिवासी सेंगेल आंदोलन समेत कई छात्र संगठनों ने भाग लिया।
रांची के विभिन्न चौकों पर बंद का मिला जुला असर दीख रहा है। बंद को देखते हुए जिला प्रशासन ने हिंसक घटना न घटे, इसको लेकर व्यापक तैयारियां की थी। कई स्थानों से विभिन्न संस्थानों-संगठनों से जुड़े छात्र नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आदिवासी-मूलवासी छात्रों में राजू महतो, गणेश दास, निर्मल कुमार, धुरण महतो, निशांत तिर्की के नाम शामिल है।
आदिवासी हास्टल के पास से बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को रांची पुलिस ने गिरफ्तार कर उन्हें कैंप जेल भेज दिया। बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम को फिलहाल कैंप जेल बनाया गया है। आज सबेरे से कई स्थानों पर विभिन्न संगठनों के छात्रों-युवाओं ने सड़कों पर निकलकर आगजनी की, तथा अपना आक्रोश व्यक्त किया तथा सरकार विरोधी नारे लगाये, मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ आक्रोश जताया, उनका कहना था कि राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण राज्य के आदिवासी-मूलवासी छात्रों एवं युवाओं को भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिसके खिलाफ अब लंबी लड़ाई लड़नी होगी।
इन युवाओं ने कहा कि आज के रांची बंद से यहां की सरकार को सबक लेनी चाहिए और अपनी गलत नीतियों को सुधारने तथा युवाओं और छात्रों के हित में कार्य करना चाहिए, नहीं तो ये आंदोलन एक ट्रेलर है, इसकी आग और भड़केगी।
इधर विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी रघुवर सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की तथा बताया कि यहां सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं, भ्रष्टाचार ने यहां के युवाओं और छात्रो का भविष्य अंधकारमय कर दिया है।