अपनी बात

रांची जं. की साफ-सफाई देखकर आश्चर्यचकित हो रहे रेलयात्री, कह रहे लव यू रांची

राजधानी एक्सप्रेस से अनुपमा अभी-अभी रांची जंक्शन उतरी है, वह प्लेटफार्म पर उतरते ही, साफ-सफाई देखकर, आश्चर्य में डूब गई और अपनी मां से कहा – ओ मां, देखो तो ये स्टेशन कितना साफ-सुथड़ा हैं, इतनी साफ-सफाई तो अपने नई दिल्ली जंक्शन पर भी नहीं हैं, नई दिल्ली क्या? दिल्ली के किसी भी स्टेशन पर चाहे सब्जी मंडी हो, या हजरत निजामुद्दीन, या सराय रोहिल्ला, या दिल्ली कैंट या आनन्द विहार, कहीं भी इतनी साफ-सफाई नहीं, और ये तो हद हो गई, पटरियों पर न तो मल-मूत्र दिखाई पड़ रहे हैं और न ही कोई कचरा, यहां ये सब कैसे संभव हैं, रियली रांची जंक्शन यू आर डिफरेंट, आई लव यू रांची, अनुपमा के होठों से ये शब्द निकल गये।

सचमुच अनुपमा के होठों से निकले ये शब्द, सत्य प्रतीत होते हैं, रांची जंक्शन में पांच प्लेटफार्म हैं, यहां साफ-सफाई इतने अच्छे ढंग से हो रहे है कि आपके मुख से ये शब्द निकल ही जायेंगे, हालांकि यहां साफ-सफाई के लिए सफाईकर्मी जी-जान से लगे रहते है, जहां किसी ने कचरा फेका नहीं, कि उसकी सफाई में जूट जाते हैं, फिर भी इन्हें यहां लोगों का सहयोग नहीं मिलता, सफाईकर्मियों के कथनानुसार, अगर हम सफाई करते हैं, तो लोगों का भी सहयोग मिलना चाहिए, उन्हें सोचना चाहिए कि कोई कितनी मेहनत से सफाई करता है, पर क्या बोले, किसे बोले, कुछ लोग आज भी ऐसे है कि गंदगी फैलाने से बाज नहीं आते, फिर भी अब काफी बदलाव आया हैं, लोग सफाई को लेकर जागरुक हो रहे हैं।

स्टेशन प्रबंधक ध्रुव कुमार बताते है कि रांची जंक्शन से प्रतिदिन लगभग 40 से 50 हजार यात्रियों का प्रतिदिन आवागमन होता हैं, जबकि प्रतिदिन लगभग एक ट्रेक्टर कचरे यहां जमा हो जाते है, जिसका निष्पादन भी अच्छे ढंग से हो जा रहा हैं, लोगों में सफाई के प्रति जागरुकता आई हैं, पर उतना नहीं, जितना होना चाहिए, वे कहते है कि आखिर हम गंदगी फैलाए ही क्यों? जब हर जगह कचरा पेटी रखा हुआ हैं, आप कचरे को कचरे पेटी में डाले, पर क्या करें, कितने को समझाएं, जो समझ रहे हैं ठीक हैं, जो नहीं समझ रहे, उसे तो भगवान भी नहीं समझा सकते।

स्टेशन प्रबंधक ध्रुव कुमार के अनुसार, हालांकि गंदगी फैलानेवालों पर कठोरता बरती जा रही हैं, लगभग हर महीने कम से कम दस से बारह लोगों से फाइन वसूले जा रहे हैं, ताकि स्वच्छता के प्रति जागरुकता बढ़े, कभी – कभी किसी महीने में ये संख्या 30 तक पहुंच जाती है। कभी-कभी नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से भी स्वच्छता के प्रति रेलयात्रियों को जागरुक करने का काम लिया जाता है, रांची रेल मंडल के स्वच्छता से जुड़े वरीय अधिकारियों का बराबर दौरा भी रांची जंक्शन को स्वच्छ रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभा देता है।