रांची पुलिस द्वारा सरला बिरला स्कूल में अवैध पैसे रखे जाने की सूचना पर की गई छापेमारी, पैसे नहीं मिले, पर सरला बिरला संस्थान के माथे पर सदा के लिए दाग लगा ही दिया, लोग कह रहे हैं, कुछ तो बात होगी, तभी तो…
रांची के टाटीसिलवे स्थित सरला बिरला स्कूल में आज रांची पुलिस ने छापेमारी की है। यह छापेमारी चुनाव में खर्च होने के लिए अवैध पैसे रखे जाने की सूचना पर की गई। लेकिन छापेमारी समाप्त हो जाने के बाद रांची पुलिस को कोई सफलता हाथ नही लगी। लेकिन रांची पुलिस के सरला बिरला स्कूल आ धमकने की खबर मात्र ने ही सरला बिरला संस्थान पर एक तरह से गहरा और कभी न छूटनेवाला दाग तो लगा ही दिया। अब इस दाग को छुड़ाने का कितना भी प्रयास सरला बिरला संस्थान से जुड़े लोग कर लें, ये दाग अमिट हैं और नहीं छूटनेवाला है। अब यह दाग सरला बिरला संस्थान पर किसने लगाया। ये तो सरला बिरला संस्थान से जुड़े लोग जानते ही होंगे। ऐसा थोड़े ही हैं कि उन्हें इस बात का पता न हो।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि रांची पुलिस ने जो छापेमारी की है। ऐसे में उसे इस बात की तो जरुर सूचना होगी कि वहां अवैध पैसे रखे जा रहे हैं, तभी ही छापेमारी की होगी। ऐसे तो वो किसी संस्थान में छापेमारी की नहीं होगी और रही बात पैसे नहीं मिलने का तो यह भी हो सकता है कि जहां छापेमारी की गई। उनके लोगों को पूर्व में ही छापेमारी की सूचना मिली होगी और उन्होंने उक्त अवैध पैसों को उचित जगह रखकर ठिकाने लगा दी हो।
क्योंकि अब तक जिन-जिन शिक्षण संस्थानों में छापेमारी की गई है। उक्त संस्थानों से बड़ी मात्रा में अवैध पैसे बरामद हुए। जिसमें भाजपा नेता व जमीन दलाल मदन सिंह द्वारा संचालित नामकुम का जीडी गोयनका स्कूल से मिले सवा करोड़ रुपये, वाईबीएन यूनिवर्सिटी चलानेवाले आजसू नेता रामजी यादव के ठिकानों से भी बड़ी मात्रा में अवैध राशि बरामद किये गये।
राजनीतिक पंडितों का यह भी मानना है कि रांची के बच्चा-बच्चा को यह भी पता था कि अब रांची पुलिस का अगला ठिकाना सरला बिरला स्कूल होनेवाला है। ऐसे में जब रांची के बच्चा-बच्चा को पता है कि अगला ठिकाना सरला बिरला स्कूल हो सकता हैं तो यह कैसे लोग मान लें कि सरला बिरला को चलानेवाले लोगों को इस बात की जानकारी न हो और वे इससे बचने के लिए कोई तैयारी पहले से नहीं की हो।
राजनीतिक पंडितों ही नहीं, बल्कि इस बात की सारी जानकारी रांचीवासियों को हैं कि टाटीसिलवे में स्थित सरला बिरला स्कूल या सरला बिरला यूनिवर्सिटी को चलाने का जिम्मा सरला बिरला संस्थान से जुड़े लोगों ने भाजपा सांसद प्रदीप वर्मा को दे रखा है। प्रदीप वर्मा भाजपा के प्रदेश महामंत्री है। उनके संबंध दिल्ली से लेकर रांची भाया नागपुर तक है।
यही नहीं प्रदेश हो या देशस्तरीय भाजपा के नेता या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े वरीय पदाधिकारी, प्रदीप वर्मा द्वारा दी जानेवाली सेवा से समय-समय पर उपकृत होते रहे हैं। इसी सेवा भावना ने उन्हें बहुत ही कम समय में प्रदेश भाजपा में एक बड़ा पद ही नहीं दिलाया, बल्कि वे देखते ही देखते राज्यसभा पहुंच गये और इनके साथ आये लोग या इनके पूर्व के लोग हाथ मलते रह गये। बुद्धि में तेज, किस पैसे को कहां और कैसे खर्च करना हैं इस कार्य में माहिर, प्रदीप वर्मा की कृतियों ने जहां प्रदीप वर्मा को ऊंचाई तक ले गया, वहीं सरला बिरला को कभी न मिटनेवाला दाग भी दे दिया।
राजनीतिक पंडित बताते है कि जब से सरला बिरला संस्थान टाटीसिलवे में पूर्ण रूप में आया। यहां संघ और भाजपा के बड़े-बड़े कार्यक्रम आयोजित होने लगे। संघ और भाजपा के वरीय पदाधिकारियों के लिए यह विश्राम व ठहरने का सर्वोत्तम केन्द्र बन गया। स्थिति ऐसी हो गई कि संघ और भाजपा के बड़े-बड़े लोग इनकी सेवा को पाने के लिए लालायित होने लगे। बिना इनकी सेवा पाये, रांची में संघ और भाजपा के नेताओं की रांची यात्रा पूर्ण ही नहीं होती।
एक टाटीसिलवे में रहनेवाले बहुत बड़े पत्रकार तो इनके इतने मुरीद हैं कि वे इनके आगे नतमस्तक रहते हैं, क्योंकि प्रदीप वर्मा ने किसको आनन्द नहीं दिया। लेकिन आज जिस प्रकार की घटना घटी। सरला बिरला से जुड़े लोगों को राहत सिर्फ इसी बात की हैं कि वहां रांची पुलिस को अवैध पैसा नहीं मिला, अगर मिल जाती तो सरला बिरलावालों बताओं आज कहां होते तुम? अतः थोड़ा आज गहरा ध्यान करना और पता लगाना कि किसने तुम्हें इस हाल में लाकर पटक दिया। फिर भी अगर ज्ञानचक्षु तुम्हारा नहीं खुलता है तो तुम्हारा भगवान ही मालिक है।