अपनी बात

अध्यक्ष संजय मिश्र के नेतृत्व में रांची प्रेस क्लब ने बनाया इतिहास, क्लब की बेहतरी के लिए लाये गये सभी महत्वपूर्ण प्रस्ताव बहुमत से पारित, अध्यक्ष ने प्रेस क्लब से बनाई दूरियां

रांची प्रेस क्लब में 27 को क्लब की एसजीएम की बैठक थी। यह बैठक रांची प्रेस क्लब को बेहतर बनाने के उद्देश्य तथा उसकी गरिमा को शिखर पर ले जाने के लिए बुलाई गई थी। बैठक का मूल उद्देश्य क्लब के संविधान/बाईलॉज में आमूल-चूल परिवर्तन करना था। इस महत्वपूर्ण एसजीएम पर सभी की नजर थी। सभी ने हिस्सा लिया और मिलकर सारे प्रस्तावों को बहुमत से पास कराया। इधर प्रस्ताव पारित होते ही रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष ने नये बाईलॉज के अनुसार स्वयं को रांची प्रेस क्लब से अलग होने का फैसला ले लिया और दूरियां बना ली।

हालांकि कुछ लोगों ने एक-दो प्रस्तावों पर आपत्ति दर्ज कराई थी। पर उनकी एक नहीं चली। विरोध करने वालों की संख्या भी तीन से चार थी, इसलिए ये सारे लोग चुप्पी साधने में ही भलाई समझी। कुछ लोगों का कहना है कि ये तो थी एसजीएम की बैठक, पर इस एसजीएम की बैठक में रांची से प्रकाशित होनेवाले करीब-करीब सारे अखबारों के धुरंधर संपादकों की भी नजर थी। इसमें वे लोग भी शामिल थे, जो कभी चुनाव लड़कर भाग्य भी आजमाये थे, पर सफलता हाथ नहीं लग सकी और फिर से स्वयं को सफल कराने के लिए कुछ तो बहुत पहले और कुछ दिन पहले से अपनी सक्रियता दिखानी शुरु कर दी है।

प्रस्तावों के पास होने से ऐसे कई चुनावी योद्धा जो हमेशा से विभिन्न पदों पर जोर-आजमाइश करते रहे थे और सफलता जिनके कदम चूम रही थी, उन्हें प्रस्तावों के पास होने से घोर निराशा हाथ लगी हैं, क्योंकि अब ये चुनाव लड़ पायेंगे, इसकी संभावना बहुत कम दिख रही हैं या नहीं के बराबर है। वैसे पत्रकार जिनका रांची से कभी जुड़ाव नहीं था, वे भी जो पूर्व में रांची प्रेस क्लब का तमगा लगाकर भाव दिखाते थे, उन्हें भी जोर का झटका धीरे से लगा हैं।

आश्चर्य की बात है कि इस रांची प्रेस क्लब का सदस्य बनने के लिए कई ऐसे लोग भी हैं, जो पत्रकार न होते हुए भी यहां का सदस्य बनने में रुचि रखते हैं, कई बने हुए भी हैं, उन पर भी इस बार तलवार लटक रही हैं, क्योंकि प्रस्ताव में ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई करने का प्रावधान है। जल्द ही ऐसे सारे लोग रांची प्रेस क्लब से बाहर दिखेंगे।

कई लोगों का कहना था कि इन प्रस्तावों के पास होने से निश्चय ही रांची प्रेस क्लब में काफी सुधार होगा। अच्छे लोग पदों पर चुन कर आयेंगे। जो लोग कई बार इन पदों पर चुनकर भी कोई खास काम नहीं कर पायें, उन्हें अब आराम करने का मौका मिलेगा, नये लोग बेहतरी का मार्ग तलाशेंगे, हो सकता है कि नये प्रस्तावों के अनुसार नवम्बर में प्रेस क्लब का चुनाव भी हो जाये।

इसी बीच जो रांची के पत्रकार हैं या नहीं हैं, जिसने भी सुना कि रांची प्रेस क्लब की बेहतरी के लिए कई प्रस्ताव लाये गये और उसे एसजीएम में पास कराया गया। जिन्होंने उन प्रस्तावों को पढ़ा या सुना हैं, सभी ने सराहना की है, साथ ही संजय मिश्र और उनकी पूरी टीम को इसके लिए सराहना भी की है। आशा की जानी चाहिए कि रांची प्रेस क्लब में इसका प्रभाव भविष्य में दिखेगा।