अपनी बात

रांची की चुटिया जिसे भाजपा का गढ़ माना जाता है और वहां अमित शाह की रोड शो कुछ कमाल नहीं दिखा सकी तो भाजपा को अब नये सिरे से सोचने की जरुरत

रांची की चुटिया जिसे भाजपा का गढ़ माना जाता है और वहां अमित शाह की रोड शो कुछ कमाल नहीं दिखा सकी तो भाजपा को अब नये सिरे से सोचने की जरुरत है कि आखिर क्या वजह है कि लोग भाजपा से अब उस तरह का प्रेम नहीं दिखा रहे हैं, जो 2014 व 2019 में दिखाई थी, ऐसा नहीं कि चुटिया में इस बार भाजपा का प्रदर्शन ठीक नहीं रहेगा या भाजपा हार जायेगी, लेकिन यह भी सही है कि इस बार कुछ न कुछ असर दिखेगा, ये लोगों का भाजपा से दुराव कुछ न कुछ गुल जरुर खिला देगा।

जिसका अंदाजा राजनीतिक पंडितों को तो हैं, लेकिन भाजपा के प्रदेशस्तरीय नेता जो भाजपा कार्यकर्ता और यहां की जनता को भेड़-बकरियों से ज्यादा अब कुछ नहीं समझ रहे, वे जानबूझकर न समझने का नाटक कर रहे हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि चुटिया के रोड शो में आम जनता का भाग नहीं लेना, इस बात का संकेत है कि वे भाजपा को समझ चुके हैं और इसे भी सामान्य दलों से ज्यादा कुछ नहीं समझते।

रही बात वोट देने की तो ये वोट दे आयेंगे, लेकिन भाजपा को जिस उत्साह से वोट देते थे। उसकी कमी दिन-प्रतिदिन दिखाई पड़ेगी। चुटिया के एक युवा व्यवसायी से जब विद्रोही24 ने बात की तो उसका कहना था कि जितनी भीड़ आज चुटिया में रोड शो में दिखाई दी। उतनी भीड़ तो यहां हमेशा रहती हैं। इसमें कौन सी बड़ी बात हो गई। इससे ज्यादा भीड़ तो श्रीरामनवमी में था।

रोड शो में ज्यादा भाजपा के वे कार्यकर्ता व नेता थे, जो बाहर से आये थे। चुटिया के भी कार्यकर्ता होंगे, लेकिन ज्यादातर बाहर के लोग दिखे। जिन्हें हम खुद ही नहीं पहचानते। युवा व्यवसायी ने कहा कि हम तो वो वोट भाजपा को ही देंगे, क्योंकि भाजपा कैंडिडेट के सामने दूसरा कैंडिडेट कही ठहर ही नहीं रहा। ऐसे में वोट तो संजय सेठ को ही जायेगा।

लेकिन, अगर कोई ये पैतरा दिखा रहा है कि इस आज के रोड शो से चुटिया के मतदाताओं में कोई प्रभाव पड़ेगा तो वो गलतफहमी में हैं और उसे गलतफहमी में रहने का अधिकार भी हैं। एक से डेढ़ घंटे में इन्दिरा चौक से लेकर लोअर चुटिया सरस्वती शिशु मंदिर तक की दूरी तय कर लेना, बताता है कि इस संकीर्ण मार्ग में रोड शो नहीं, बल्कि मैराथन दौड़ चल रहा था।

रोड शो में तो जनता उमडती हैं, अपने नेता को देखने के लिए, लेकिन यहां जनता कम, भाजपा कार्यकर्ता ज्यादा दिखे और दिखे वो जो इस प्रकार के रोड शो में चेहरा चमकाने में लगे थे। पैसे खर्च कर ये दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि वो हैं तो भाजपा है। कुछ मीडियावाले भी उनका चेहरा चमकाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन इसका फायदा न के बराबर था। सबेरे से दोनों तरफ से लोहे की बैरिकेडिंग कर देने से आमलोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा, सो अलग।

हालांकि जहां रोड शो समाप्त होना था। वहां विद्रोही24 पहुंचा हुआ था। विद्रोही24 ने देखा कि भाजपा कार्यकर्ताओं का दल अपने नेताओं के स्वागत के लिए खड़ा है। अमित शाह के वाहन के पहले भाजपा कार्यकर्ताओं का हुजूम आगे-आगे जा रहा था। लेकिन वाहन पर खड़े अमित शाह के चेहरे पर सिकन साफ दिख रही थी। चेहरे से हंसी गायब थी। आप इस आलेख में दिये गये फोटो से अंदाजा लगा सकते हैं कि अमित शाह क्या सोच रहे होंगे।