लॉ की छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म ने झारखण्ड पर लगाया कलंक, अक्षय कुमार के टविट् में रांची का जिक्र
पूरे झारखण्ड के मुंह पर कालिख पुतवा देनेवाली रघुवर सरकार और उनकी पुलिस अगर टीओपी लॉ यूनिवर्सिटी के आस-पास बनवा देती तो हो सकता था कि कल जैसी पूरे झारखण्ड के मुंह पर कालिख पुतवा देनेवाली घटना नहीं घटती। कल की घटना ने पूरे देश में झारखण्ड की नाक कटवा दी हैं, पर राज्य सरकार को इससे कोई मतलब नहीं, राज्य सरकार तो फिर से सत्ता प्राप्त करने के जुगाड़ में लगी हैं, हालांकि विपक्ष ने इस घटना को लेकर सरकार पर सवाल दागे हैं, पर क्या सरकार को होश है?
सरकार तो कहने को कह देगी कि हमारी पुलिस ने त्वरित एक्शन लिये और सारे दुष्कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया, पर जो उस छात्रा के साथ घटना घटी, क्या उसके सम्मान को सरकार लौटा पायेगी? इसका जवाब सरकार के पास नहीं हैं, पूरे झारखण्ड में बलात्कार की घटना अब सामान्य हो चली है, कहने को तो सरकार हर थाने में महिला डेस्क बनवाने की अपने 2014 के घोषणा पत्र में जिक्र की थी,पर जरा पूछिये जनाब से कि वो महिला डेस्क किस थाने में और कहां हैं, तो इसका भी जवाब नहीं।
खैर कल लॉ यूनिवर्सिटी की एक छात्रा के साथ 12 दुष्कर्मियों ने दुष्कर्म किया और वे सारे दुष्कर्मी पकड़े गये, ये सारे के सारे दुष्कर्मी संग्रामपुर गांव के रहनेवाले हैं, जबकि घटनास्थल कांके थाना के रिंग रोड से सटे संग्रामपुर गांव का है। बताया जाता है कि छात्रा अपने मित्र के साथ सड़क के किनारे बातचीत कर रही थी, तभी इन दुष्कर्मियों ने छात्रा को अपनी गाड़ी में अगवा किया और उसे नजदीक के खेत में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया।
जिन्हें इस दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया, उसके नाम है – सुनील मुंडा, कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, संदीप तिर्की, अजय मुंडा, राजन उरांव, नवीन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, अमन उरांव, रोहित उरांव और ऋषि उरांव। लोग बताते है कि घटना शाम के समय की है। इस समय इस इलाके में सन्नाटा पसरा रहता है तथा यहा पुलिस गश्ती नहीं के बराबर होती है, जबकि सनद रहे, वहां लॉ यूनिवर्सिटी है, जहां एक हॉस्टल भी रन कर रहा है। यूनिवर्सिटी का गेट करीब रात के आठ बजे तक खुला रहता है।
बनाना था TOP लॉ यूनिवर्सिटी के पास और बनवा दिया पूर्व DGP एवं भाजपा नेता डी के पांडेय ने अपने आवास के पास
आम तौर पर जहां-जहां यूनिवर्सिटियां होती है, वहां एक टीओपी बना दिया जाता है, ताकि छात्र-छात्राओं को कोई दिक्कत न हो, वह स्थल असामाजिक तत्वों का अड्डा न बने। बताया जाता है कि लॉ यूनिवर्सिटी के पास टीओपी बनना भी था, पर यह टीओपी लॉ यूनिवर्सिटी में न बनाकर पुलिस हाउसिंग कॉलोनी में बना कर रख दिया गया, मतलब समझे कि नहीं। यह टीओपी वहां बनाया गया, जहां पूर्व डीजीपी डी के पांडेय का आवास बन रहा है।
ये वही पूर्व डीजीपी डी के पांडेय हैं, जो आज भाजपा के नेता है। वे भाजपा में शामिल होकर कही से विधानसभा का टिकट लेकर विधायक बनने की जुगाड़ में भी लगे थे, पर सीएम रघुवर की कृपा उन पर नहीं हुई, जबकि जब वे सेवा में थे तो कोई ऐसी प्रेस वार्ता नहीं हुई, जिसमें उन्होंने सीएम रघुवर की प्रशंसा न की हो, भाजपा की प्रशंसा नहीं की हो, उनकी इसी रवैये से तो कई लोग उन्हें उस वक्त भाजपा का प्रवक्ता कहने भी लगे थे।
अब सवाल उठता है कि पूर्व डीजीपी जिन्होंने लॉ यूनिवर्सिटी के पास टीओपी न बनाकर, अपने घर के पास टीओपी बनवा लिया और लॉ यूनिवर्सिटी को ऐसे ही छोड़ दिया, क्या इस घटना के लिए वह दोषी नहीं? क्या राज्य का मुख्यमंत्री इस घटना के लिए दोषी नहीं, जो गृह मंत्रालय संभाल रहे हैं, बिना उनके आदेश के यह टीओपी, पूर्व डीजीपी के आवास के पास कैसे रन करने लगा? क्या राज्य की जनता विश्वास करें कि राज्य सरकार अपनी गलतियों को सुधारेगी और वहां लॉ यूनिवर्सिटी के पास टीओपी बनवाकर तथा प्रतिदिन गश्ती चलवाकर लोगों में सुरक्षा की भावना जगायेगी।
रांची में सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने झारखण्ड में भय का वातावरण तैयार कर दिया, लोग इसके लिए दोषी ठहरा रहे पूर्व DGP और राज्य के CM रघुवर दास को
अरे मुख्यमंत्री रघुवर दास जी, आपने जो पांच वर्षों में जो किया हैं, उसका कल की सामूहिक दुष्कर्म की घटना,यह बताने के लिए काफी है कि किस प्रकार यहां विधि-व्यवस्था चौपट हो गई है, अब तो लोग अपने बच्चों को अकेले क्या, संग ले चलने से डरेंगे, कि पता नहीं कौन गुंडा, कौन अपराधी उनके बच्चों को उठा कर ले जाये, जरा देखिये सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार जो पीएम नरेन्द्र मोदी के चहेते हैं तथा करोड़ों भारतीयों के दिलों पर राज करते हैं, क्या लिखा हैं? हो सके तो थोड़ा शर्म करिये,पर आप शर्म करेंगे, हमें तो नहीं लगता, फिलहाल देखिये अक्षय कुमार के इस टिवट् को…
“Whether it is Priyanka Reddy in Hyderabad, Roja in Tamilnadu or the law student gangraped in Ranchi, we seem to be losing it as a society. It has been 7 years to the gut-wrenching Nirbhya case & our moral fabric continues to be in pieces. We need stricter laws. This needs to STOP!”
यानी अक्षय कुमार के इस टिवट् में हैदराबाद है, तमिलनाडू है तो रांची भी दिख रहा हैं, क्या हम ऐसी राजधानी की कल्पना किये थे? क्या हम ऐसी व्यवस्था के शिकार होने के लिए 2014 में आपको सत्ता सौंपी थी, अगर नहीं तो फिर ये टीओपी का क्या खेल है? और यह मानिये कि आज पूरा झारखण्ड इस घटना को लेकर शर्मसार है, और वह महसूस कर रहा है कि आज झारखण्ड की इज्जत धूल में मिल गई और इसके लिए कोई जिम्मेवार हैं तो आप है, सिर्फ आप है।