बांगलादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल ने किया प्रस्ताव पेश
धारवाड़ में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल ने बांगलादेश में हिन्दुओं पर उन्मादी इस्लामिक आक्रमण को गंभीरता से लिया है, जिसको लेकर उसने एक प्रस्ताव भी जारी किया है। अपने प्रस्ताव में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल ने जो लिखा है, वह इस प्रकार है- अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल (अ. भा. का. मंडल) बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हुए हिंसक आक्रमणों पर अपना गहरा दुःख व्यक्त करता है और वहाँ के हिन्दू अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रही क्रूर हिंसा और बांग्लादेश के व्यापक इस्लामीकरण के जिहादी संगठनों के षडयन्त्र की घोर निंदा करता है।
बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिन्दू समाज व हिन्दू मंदिरों पर हिंसक आक्रमण का क्रम बिना रोकटोक चल रहा है। गत समय में दुर्गा-पूजा के पवित्र पर्व काल में प्रारम्भ हुई इस साम्प्रदायिक हिंसा में अनेक निरपराध हिन्दुओं की हत्या हुई, सैकड़ों लोग घायल हुए और हज़ारों परिवार बेघर हो गए। गत दो सप्ताह में ही हिन्दू समाज की अनेक माता-बहनें अत्याचार की शिकार हुईं तथा मंदिरों व दुर्गा-पूजा पंडालों का विध्वंस हुआ।
निराधार झूठे समाचार प्रसारित कर साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने वाले कुछ दोषियों की गिरफ़्तारी से यह स्पष्ट हुआ है कि कट्टरपंथी इस्लामिक शक्तियों का वर्तमान आक्रमण एक सुनियोजित षड्यन्त्र था। हिन्दू समाज को लक्षित कर बार-बार हो रही हिंसा का वास्तविक उद्देश्य बांग्लादेश से हिन्दू समाज का संपूर्ण निर्मूलन है, फलस्वरूप भारत विभाजन के समय से ही हिन्दू समाज की जनसंख्या में निरंतर कमी आ रही है।
विभाजन के समय पूर्वी बंगाल में हिन्दुओं की जनसंख्या जहाँ लगभग अठ्ठाईस प्रतिशत थी, वह घटकर अब लगभग आठ प्रतिशत हो गई है। जमात-ए-इस्लाम (बांग्लादेश) जैसे कट्टरपंथी इस्लामी समूहों द्वारा अत्याचारों के कारण विभाजन काल से और विशेषकर 1971 के युद्ध के समय बड़ी संख्या में हिन्दू समाज को भारत में पलायन करना पड़ा। बांग्लादेश निर्माण के उपरान्त आज भी वही तत्व सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ रहे हैं, जिसके कारण अल्पसंख्यक हिन्दू समाज में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई है।
अ. भा. का. मंडल का यह मत है कि बांग्लादेश सरकार अपने ही देश के अल्पसंख्यक समाज के खिलाफ बढ़ रही हिंसक घटनाओं को रोकने हेतू कठोर कदम उठाये। सरकार यह भी सुनिश्चित करे कि हिन्दू विरोधी हिंसा के अपराधियों को कठोर दंड प्राप्त हो ताकि हिन्दू समाज में ऐसा विश्वास उत्पन्न हो कि बांग्लादेश में वे अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए सम्मानपूर्वक सुरक्षित जीवन जी सकते हैं।
अ. भा. का. मंडल मानवाधिकार के तथाकथित प्रहरी संगठनों और संयुक्त राष्ट्र संघ से संबंधित संस्थाओं के गहरे मौन पर चिंता व्यक्त करता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आवाहन करता है कि वह इस हिंसा की निंदा करने के लिए आगे आए व बांग्लादेश के हिन्दू, बौद्ध व अन्य अल्पसंख्यक समाज के बचाव व सुरक्षा हेतु अपनी आवाज़ उठाए। हम यह भी आगाह करना चाहते हैं कि बांग्लादेश या विश्व के किसी भी अन्य भाग में कट्टरपंथी इस्लामिक शक्ति का उभार विश्व के शांतिप्रिय देशों की लोकतांत्रिक व्यवस्था और मानवाधिकार के लिए गम्भीर ख़तरा सिद्ध होगा।
अ. भा. का. मंडल भारत सरकार से भी यह अनुरोध करता है कि वे उपलब्ध सभी राजनयिक माध्यमों का उपयोग करते हुए बांग्लादेश में हो रहे आक्रमणों व मानवाधिकार हनन के बारे में विश्व भर के हिन्दू समाज एवं संस्थाओं की चिंताओं से बांग्लादेश सरकार को अवगत कराये ताकि वहाँ के हिन्दू और बौद्ध समाज की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
कट्टरपंथी हिंसा से पीड़ित बांग्लादेश के हिन्दू भाई-बहनों के साथ जुड़कर संपूर्ण सहयोग करने वाले इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, विश्व हिन्दू परिषद एवं अनेक हिन्दू संगठनों-संस्थाओं की अ. भा. का. मंडल सराहना करता है। हम यह भी विश्वास दिलाते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित संपूर्ण हिन्दू समाज बांग्लादेश के हिन्दू और अन्य प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के इस कठिन एवं चुनौतीपूर्ण समय में उनके साथ डटकर खड़ा है।