मोदी जी याद रखिये, पाकिस्तान जैसे लरछूत और बेहाया देश से आप बेहतरी की उम्मीद कर ही नहीं सकते
मि. मोदी, आप या आप के लोग कितना भी कुछ कर ले, चाहे आप पाकिस्तान की बेहतरी के लिए ही आप अपना समय क्यों न जाया कर दें, याद रखिये हम पाकिस्तानी जो शत प्रतिशत लरछुत और लतखोर हैं, भारत के खिलाफ जहर उगलना कभी बंद नहीं करेंगे, हम वो हर जगह भारत के खिलाफ विषवमन करेंगे, जहां हमें मौका मिलेगा। शायद यही सोच कर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य मामलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा ने वो सारी हरकतें पेश कर दी, जब सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों का समूह कोरोना वायरस से कैसे निपटे? विषय पर परामर्श कर रहा था।
ऐसे जो भी लोग पाकिस्तान के बारे में जानते हैं, वो यह भी जानते है कि जब तक पाकिस्तान रहेगा, भारत से किसी न किसी बात को लेकर लड़ता ही रहेगा, क्योंकि उसकी बुनियाद ही भारत विरोध पर टिकी है, ऐसे में वो कोरोना वायरस पर भारत के प्रधानमंत्री द्वारा की गई पहल में कैसे नहीं आग लगाता? इसलिए उसने इस पहल को भी भंडोल करने में ज्यादा रुचि दिखा दी।
जरा देखिये, इस बेशर्म पाकिस्तान को, देखिये इसकी लरछुतई, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस पहल पर पाकिस्तान को छोड़ सार्क से जुड़े सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने विमर्श से खुद को जोड़ा पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को इसके लिए समय नहीं था, उसने भारत के प्रधानमंत्री मोदी को नीचा दिखाने के लिए, अपने यहां के विशेष सहायक को भाग लेने के लिए कहा, अब इस मूर्ख को कौन समझाएं कि सूरज पर थूकने से वह थूक खुद थूकनेवाले के चेहरे पर ही पड़ता है।
जरा देखिये, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस पहल पर किसने-किसने भाग लिया। इस वीडियो कांफ्रेसिंग में पीएम मोदी के अलावा श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग, बांगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भाग लिया।
सभी ने पीएम मोदी के इस पहल की सराहना की, पर लरछूत और विश्व का सबसे बड़ा बेशर्म व लतखोर देश पाकिस्तान ने मोदी और भारत के इस पहल की सराहना करना तो दूर, स्वयं एवं चीन की प्रशंसा करने में ही सारी समय लगा दी और बचा तो जम्मू-कश्मीर का राग अलाप दिया, हालांकि सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्ष पाकिस्तान के इस हरकत को खूब समझते हैं, इसलिए वे इनके इस बयान से खुद को अलग रखा, जबकि पूरा विश्व इस वक्त नरेन्द्र मोदी के इस पहल की सराहना कर रहा है।
हालांकि पाकिस्तान के इस सोच के अनुरुप भारत में भी ऐसे कई लोग हैं, जो मोदी को पसंद नहीं करते, पर कहा जाता है कि घर पर विपत्ति आये तो सभी को एक हो जाना चाहिए, न कि पुरानी बातों को लेकर एक दूसरे पर दोषारोपण करते हुए, किसी को नीचा दिखाना चाहिए, याद रखिये ऐसा करते रहने से नुकसान देश को ही होता है।
कम से कम कोरोना मुद्दे पर जिस प्रकार से पीएम मोदी ने देश और वैश्विक स्तर पर जो भारतीय पक्ष रखा है, उसकी सर्वत्र प्रशंसा हो रही हैं, जिसकी सराहना सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने भी की हैं, कोरोना वायरस से हम मिलकर ही मुकाबला कर सकते हैं, फिलहाल जिस प्रकार पीएम मोदी ने कोरोना को लेकर पहल की हैं, उसकी जितनी सराहना की जाय कम है।