राजीव अरुण एक्का मामले की जांच करेंगे JHC के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता, अधिसूचना जारी
पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी द्वारा भाजपा प्रदेश कार्यालय में जारी किये गये भ्रष्टाचार से संबंधित एक वीडियो पर राज्य सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। ज्ञातव्य है कि यह वीडियो राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का से संबंधित था। जिसमें वे एक अन्य स्थान पर सरकारी फाइलों को निबटाते हुए दिख रहे हैं।
यह मामला उठते ही सर्वप्रथम राजीव अरुण एक्का को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव पद से हटाकर उन्हें पंचायती राज विभाग में भेज दिया गया था, जिसको लेकर भाजपा नेता सरकार पर हमलावर थे और इस मामले को लेकर सरकार को बराबर घेरे जा रहे थे।
राज्य सरकार ने अब इस पूरे मामले की जांच कराने की ठान ली है और उसने मान लिया कि उक्त वीडियो क्लिप ने महत्वपूर्ण पदों पर आसीन सरकारी सेवक के पद के दुरुपयोग के आरोपों को जन्म दिया है। इसलिए राज्य सरकार ने पूरे मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की ओर कदम बढ़ा दिया। राज्य सरकार ने कमीशन ऑफ इन्कवायरी एक्ट 1952 की धारा तीन के तहत निहित शक्ति का प्रयोग करते हुए जांच कराने की घोषणा कर दी।
झारखण्ड सरकार ने जांच का जिम्मा एक सदस्यीय कमेटी को दिया है। जांच का जिम्मा झारखण्ड उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता को सौंपा गया है। राज्य सरकार ने उन्हें छह महीनों के अंदर इस मामले से संबंधित निष्कर्षों की सारी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने की जिम्मेदारी उन्हें दी है।