धनबाद में भाजपा प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ बगावत शुरु, सोशल साइट पर खुलकर विरोध दर्ज करा रहे हैं भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता व मंडल अध्यक्ष
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह और अन्य के खिलाफ धनबाद में बगावत शुरु हो गई है। भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता व मंडल अध्यक्ष खुलकर अपने ही नेता के खिलाफ अनाप-शनाप लिख रहे हैं और प्रदेश नेतृत्व किंकर्तव्यविमूढ़ हैं। इन समर्पित कार्यकर्ताओं व मंडल अध्यक्ष का कहना है कि प्रदेश नेतृत्व और धनबाद के कुछ नेता पार्टी को लगता है कि रसातल में ले जाने के लिए दिलोजान से लग चुके हैं।
सर्वाधिक चर्चा इन दिनों बाघमारा के मंडल अध्यक्ष बच्चू राय की हो रही हैं। बच्चू राय कोई नया नेता नहीं, बल्कि बहुत ही पुराने नेता है। दो-दो बार से मंडल अध्यक्ष है। ढुलू महतो के बहुत ही खासमखास है। ढुलू महतो को जानते है न, वही भाजपा के बाघमारा के दबंग विधायक, रघुवर दास व बाबूलाल मरांडी के अतिप्रिय विधायक, जिनके नाम से ही पूरा बाघमारा थरथराता है।
बच्चू राय का बयान का मतलब ही हो जाता है कि ढुलू महतो के इशारे पर दिया गया बयान ही होगा, सहमति होगी। क्योंकि बच्चू राय ऐसे ही बयान नहीं दे देते हैं। उन्होंने अपने सोशल साइट फेसबुक पर ऐसा लिख दिया है कि न तो भाजपा के प्रदेश नेतृत्व को उगलते बन रहा हैं और न ही निगलते बन रहा है। बच्चू राय ने अपने ही नेताओं के लिए बड़ा ही कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया है।
बच्चू राय का कहना है कि – ‘इग्गी उग्गी तिग्गी किसी को भी जिलाध्यक्ष, जिसको संगठन का कोई ज्ञान नहीं उनलोगों को बना देने के बाद लगता है अब हमलोग भी पदमुक्त हो जाते, वहीं ठीक होता जय पशुपतिनाथ सिंह, जय ढुलू महतो।’
यही नहीं, भाजपा के कट्टर समर्थक माने जानेवाले व समर्पित कार्यकर्ता सत्येन्द्र प्रकाश पांडेय सोशल साइट पर लिखते हैं कि ‘कहानी धनबाद महानगर भाजपा की, पहले मदारी भालू नचाते थें, पर अब भालू के इशारे पर मदारी नाच रहा है।’ सत्येन्द्र प्रकाश पांडेय ही लिखते हैं कि ‘राजनीतिक दर्पण – माननीय द्वारा अपने वफादार को पार्टी का कर्णधार बनवाने के बाद अपने जातिगत वफादार को महामंत्री बनवाने की तैयारी। पार्टी अब जमात से नहीं जात से चलेगी।’
इसी बीच कई ऐसे भी भाजपा कार्यकर्ता मिले, जिन्हें जिलाध्यक्ष के रुप में श्रवण यादव पच नहीं रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे थोड़े ही होता है कि किसी को भी कोई कही से लाकर बैठा दें और हम उसे मान लें। पहले तो पार्टी में इस प्रकार से होता नहीं था, अब चूंकि नये लोग आ चुके हैं तो पार्टी अब सिद्धांतों की जगह परिक्रमा व व्यक्तिवाद से चल रही हैं तो इसका भुगतान तो भाजपा को ही करना होगा। निश्चय ही भाजपा पूरे प्रदेश से साफ हो जायेगी, क्योंकि जो मसला धनबाद में हैं, ठीक वहीं मसला अन्य जगहों पर भी होगा।