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RPC ISSUE : AGM मीटिंग में हुई शर्मनाक घटना की जांच तीन सदस्यीय टीम करेगी, चारों सदस्यों ने धरना-प्रदर्शन किया स्थगित

रांची प्रेस क्लब की मैनेजिंग कमेटी की बैठक कल समाप्त हो गई। बैठक में अनुशासन समिति की क्रियाकलापों, चार सदस्यों को दिये गये कारण बताओ नोटिस व इनको लेकर बनाई जानेवाली तीन सदस्यीय जांच कमेटी पर विस्तार से चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि रांची प्रेस क्लब की अनुशासन समिति के संयोजक के रुप में वर्तमान में कार्यरत जयशंकर ने खुद को इससे अलग कर लिया।

ज्ञातव्य है कि इसके पूर्व अनुशासन समिति के संयोजक राजेश कुमार सिंह थे, चूंकि इनके उपर खुद ही आरोप है, इसलिए इनकी ऐसे भी नैतिक जिम्मेवारी बनती थी कि ये खुद अलग हो जाये। फिलहाल प्रेस क्लब की मैनेजिंग कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया, कि एजीएम की मीटिंग में हुई घटनाओं की जांच स्वतंत्र रुप से कराई जायेगी, जिस जांच टीम में तीन लोग होंगे। संभवतः तीन लोगों के नामों पर भी विचार कर लिया गया है।

पहला नाम वरिष्ठ पत्रकार किसलय और दूसरा नाम दिव्यांशु का है, जबकि तीसरा नाम ओम रंजन मालवीय का आया है, जिसमें ओम रंजन मालवीय ने इस जांच कमेटी से कुछ व्यक्तिगत कारणों से अलग रहने का फैसला ले लिया है, जल्द ही तीसरा नाम का अनुमोदन होगा, और जांच कमेटी अपना काम करने लगेगी।

सूत्र बताते है कि ये गहमागहमी इसलिए शुरु हुई कि रांची प्रेस क्लब ने एजीएम की मीटिंग में हुई घटनाओं को लेकर व्हाट्सएप के माध्यम से चार सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, इन चार सदस्यों में से कुछ सदस्यों ने उनका जवाब भी उसी माध्यम से दे दिया था, जिसको लेकर रांची प्रेस क्लब ने फिर से उन्हें इसके लिए दोषी माना, जिस पर इन चार सदस्यों ने क्रमिक धरना-प्रदर्शन शुरु कर दिया।

अब चूंकि इन सारे मामलों में एक स्वतंत्र जांच कमेटी बना दी गई है, ऐसे में इन चार सदस्यों ने भी इस पर खुशी का इजहार किया है, इन सब ने संभावना जताई है कि अब न्याय होगा। तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाने के समाचार आने के बाद इन चारों सदस्यों ने अपना धरना-प्रदर्शन फिलहाल स्थगित कर दिया है। इधर रांची प्रेस क्लब के एक अधिकारी ने इन चारों सदस्यों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें न्याय मिलेगा।

इधर कई वरिष्ठ पत्रकारों का कहना है कि रांची प्रेस क्लब के अंदर जो भी कुछ हो रहा है, दरअसल यह विशुद्ध बचकाना हरकतें हैं, आप की गलती, सही और दूसरे की गलती, गलती कैसे हो सकती है, जब गलत हैं तो दोनों गलत है, और सही हैं दोनों सही हैं। पद का अहंकार लेकर, अगर आप गलत फैसले करेंगे, तो वही होगा, जो आज देखने को मिल रहा है।

वरिष्ठ पत्रकारों ने रांची प्रेस क्लब के अधिकारियों को एक प्रकार का सुझाव दिया है कि इस मुद्दे को ज्यादा लंबा नहीं किया जाय और इसे आपसी भाईचारे के साथ निबटाया जाये, साथ ही कोशिश की जाये कि रांची प्रेस क्लब का जो संविधान है, उस संविधान का अक्षरशः पालन करते हुए, रांची प्रेस क्लब का सम्मान बढ़ाया जाय।