जेएसएससी पेपर लीक घोटाले को लेकर भाजपा विधायकों का सदन के अंदर और बाहर में हंगामा, सीबीआई जांच की मांग, सरकार ने मांग को नकारा
जेएसएससी पेपर लीक घोटाले को लेकर आज सदन के बाहर और सदन के अंदर भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया। जिसके कारण सदन का प्रश्नकाल करीब एक घंटे तक स्थगित रहा। जैसे ही सदन में स्पीकर ने अपना आसन ग्रहण किया तथा अल्पसूचित प्रश्नकाल शुरु करने के बाद भाजपा विधायक विरंची नारायण का नाम पुकारा। विरंची नारायण ने जेएसएससी का मामला उठा दिया। विरंची नारायण का कहना था कि जेएसएससी पेपर लीक की जांच एसआइटी द्वारा संभव नहीं हैं, इसलिए इसकी जांच सीबीआई से करायी जाय।
इधर इस मामले पर सरकार का उत्तर देते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि चूंकि पूरा मामला एसआइटी देख रही है। पहले एसआइटी इस मामले को देख लें, अगर वो इसमें सफल नहीं होगी तो फिर देखा जायेगा कि किससे जांच कराई जायेगी। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि एसआइटी जैसे ही बड़े लोगों तक पहुंचेगी, मामला दबा दिया जायेगा।
अमर कुमार बाउरी ने कहा कि यह मामला छोटा नहीं है। इस मामले में विधानसभा के कर्मचारी गिरफ्तार हुए हैं। इसमें ब्लैक लिस्टेड कंपनियां शामिल हैं। यहां जेएसएससी पेपर लीक मामले में खुद को बचाने के लिए सत्ता में शामिल लोग भी सक्रिय है। इसलिए एसआइटी से इसकी जांच संभव नहीं, इसलिए पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराना ही ठीक रहेगा।
इधर इसी बीच अपनी मांग को लेकर सदन में वेल में आकर भाजपा विधायक हंगामा करते रहे और अल्प सूचित प्रश्नकाल चलता रहा। जिसमें लोबिन हेम्ब्रम, समीर कुमार मोहन्ती, विकास कुमार मुंडा के सवाल आये। इसी बीच हंगामा होता देख स्पीकर ने सदन को 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। सदन जब दुबारा प्रारम्भ हुआ तब वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने झारखण्ड सरकार का आर्थिक सर्वेक्षण प्रतिवेदन 2023-24 को सभा पटल पर रखा।