राजनीति

रांची में राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव मेला का ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने किया उद्घाटन, जीवंत प्रदर्शन और साबरमती आश्रम मेले बने आकर्षण का केन्द्र

राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के सिद्धांतों को गांव तक ले जाने का एक सार्थक प्रयास है। खादी से जुड़कर बुनकरों और कारीगरों को एक बाजार मिला है। जहां उनकी प्रतिभा को उचित दाम मिल रहा है। उम्मीद करती हूं कि यह मेला हम सभी की उम्मीदों पर खरा उतरे। यह वक्तव्य ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका सिंह का हैं, जो उन्होंने शुक्रवार को मोरहाबादी मैदान में आयोजित राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव 2024-25 के उद्घाटन समारोह के दौरान कही।

उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की दूरदर्शी सोच से राज्य उन्नति की पथ पर आगे बढ़ रहा है। हमें  खादी को बहुत आगे लेकर जाना है इसलिए खादी से जुड़े बुनकरों की समस्याओं पर ध्यान देना है। उन्हें प्रशिक्षित करना है ताकि पलायन रोका जा सके और झारखंड आगे बढ़े। विभाग से जुड़ी योजनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि खादी से जुड़कर गांव में रहने वाले लोगों की आर्थिक उन्नति संभव है।

उद्योग सचिव जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि 20 दिसंबर से 6 जनवरी तक चलने वाले इस मेले का मुख्य उद्देश्य खादी को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि इस बार 500 से ज्यादा स्टाल लगे हैं। कला और संस्कृति विभाग की ओर से हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस बार मेले में स्टॉल के नाम पेड़ों के नाम पर रखे गए हैं।

वहीं खादी संस्थाओं के साथ साथ विभिन्न सरकारी, पीएमईजीपी, सरस एवं गैर सरकारी संस्थाओं के स्टॉल भी लगाए गए हैं। मेले में चलंत शौचालय और चलंत एटीएम की भी व्यवस्था की गई है। कार्यक्रम में उद्योग निदेशक सुशांत गौरव, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्योग के सीईओ हिमांशु मोहन, झारक्राफ्ट की एमडी कीर्ति सहित अन्य गणमान्य लोग मंच पर उपस्थित थे।

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