नहीं रहे संजय कुमार मिश्र उर्फ संजय बाबा, पूरे शाकद्वीपीय समाज में शोक की लहर
अन्तरराष्ट्रीय मग महोत्सव के अध्यक्ष रहे संजय कुमार मिश्र उर्फ संजय बाबा अब दुनिया में नहीं रहे, उनके निधन का समाचार सुनते ही, पूरे शाकद्वीपीय समाज में शोक की लहर दौड़ गई हैं। अपने विनम्र स्वभाव के लिए पूरे शाकद्वीपीय समाज में जाने जानेवाले संजय कुमार मिश्र के निधन की खबर पूरे शाकद्वीपीय समाज में जंगल की आग की तरह फैल गई और चारों ओर से उनके निधन पर श्रद्धांजलि देने के लिए लोग उमड़ पड़े। सोशल साइट में हर जगह से उनके निधन के समाचार पर शोक-श्रद्धांजलि चल रही हैं, सभी ने एक स्वर से उनके द्वारा मग समाज को एकत्रित करने के लिए किये गये प्रयास की सराहना की जा रही है।
बिहार के औरंगाबाद के देव प्रखण्ड के सरगांवा के रहनेवाले संजय बाबा ने आज रांची में अंतिम सांस ली, वे काफी समय से बीमार थे। उनका इलाज दिल्ली में भी चल रहा था, पर उसके बाद भी वे समाज सेवा से कभी अपने आप को अलग नहीं किया। वे हर प्रकार से सभी का सहयोग करते थे, वे समाज सेवा के कारण ही शाकद्वीपीय समाज ही नहीं, बल्कि अन्य लोगों के बीच भी काफी लोकप्रिय रहे।
औरंगाबाद के देव में नवम्बर 2017 में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय मग महोत्सव के अध्यक्ष संजय कुमार मिश्र ही थे, जिनके देख रेख में अन्तरराष्ट्रीय मग महोत्सव ने अपनी विशेष पहचान बनाई, केवल बिहार ही नहीं बल्कि इस मग महोत्सव की चर्चा, जहां-जहां मग बंधु रहा करते हैं, वहां विशेष रुप से हुई, यहीं नहीं यह देव में आयोजित मग महोत्सव का ही देन रहा कि एक प्रकार से पूरे देश के विभिन्न शहरों में मग महोत्सव के नाम से कार्यक्रमों की होड़ सी लग गई। अन्तरराष्ट्रीय मग महोत्सव के लिए उनके द्वारा किये गये कार्य के लिए समाज सदैव उनका ऋणी रहेगा।
देव में आयोजित मग-महोत्सव में उन्होंने काफी समय दिया तथा तन-मन-धन से सक्रिय रहकर मग महोत्सव को उन्होंने सफल बनाया था। सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण कल्याण समिति कोलकाता के विमल मिश्र ने कहा कि संजय बाबा के निधन से परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की अपूरणीय क्षति पहुंची है। इधर सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा, झारखण्ड के हरिहर प्रसाद पांडेय, वैदेहीशरण मिश्र, आचार्य मिथिलेश कुमार मिश्र, डा. अमिताभ कुमार, आचार्य नरोत्तम शास्त्री समेत कई शाकद्वीपीय विद्वानों ने उनके निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है।
दुखद खबर।