संजय सेठ ने झारखंड में जल जीवन मिशन की गड़बड़ियों का मामला लोकसभा में उठाया, केन्द्रीय मंत्री ने स्वीकारा झारखण्ड को बड़ी राशि देने के बावजूद अपेक्षित परिणाम नहीं मिले
सांसद संजय सेठ ने आज लोकसभा में झारखंड में जल जीवन मिशन को लेकर हो रही गड़बड़ियों की तरफ केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप करने, दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की। सांसद श्री सेठ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह प्रयास है कि देश के हर घर को, हर परिवार को नल के माध्यम से स्वच्छ और शुद्ध जल मिल सके। इसके लिए सरकार अपने स्तर पर बहुत व्यापक काम कर रही है।
झारखंड को भी मोदी सरकार ने लगभग 10000 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई परंतु दुर्भाग्य है कि झारखंड सरकार इस मिशन के क्रियान्वयन में रुचि नहीं दिखा रही है। सांसद ने सदन में यह आरोप लगाया कि राज्य की सरकार जानबूझकर इस योजना को फ्लॉप करने पर तुली हुई है। कहीं ठेकेदार 100-200 फीट बोरिंग कर रहे हैं।
कहीं पुरानी बोरिंग में ही जल जीवन मिशन चालू कर दे रहे हैं। ऐसी कई तरह की शिकायतें आने लगी है। सांसद ने इस मामले में सरकार को यह सुझाव दिया कि इसकी समीक्षा के लिए कमेटी बनाई जाए ताकि योजना का क्रियान्वयन सही तरीके से हो सके। साथ ही ऐसे लोगों पर कार्रवाई की मांग भी सांसद ने सरकार से की।
श्री सेठ के सवाल के जवाब में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में रिकॉर्ड समय में भारत के 72% घरों तक नल के माध्यम से जल पहुंच गया है। कई राज्यों ने तो 100% का आंकड़ा पूर्ण कर लिया। परंतु कुछ राज्य हैं, जहां योजना का क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने सदन में यह स्वीकार किया कि झारखंड को जितनी बड़ी मात्रा में राशि दी गई, उसे अनुपात में परिणाम नहीं मिल रहे हैं। कार्य नहीं हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि शिकायत मिलने पर हम ऐसे दोषियों पर कार्रवाई करते हैं हालांकि झारखंड सरकार के साथ हमारा समन्वय जारी है ताकि इस मिशन को यहां बेहतर तरीके से पूरा किया जा सके। सत्र के बाद सांसद श्री सेठ ने कहा कि रांची लोकसभा क्षेत्र से ही बहुत शिकायतें आती रहती हैं। राज्य सरकार ने इस पर संज्ञान नहीं लिया तो भारत सरकार के स्तर से वह इस योजना को सफल नहीं बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करवाएंगे।