अपनी बात

संजय सेठ यानी मोदी आहार के जन्मदाता, जिन्होंने कोरोना काल में अपनी सेवा से सभी का जीता दिल

आज पूरे रांची में ही नहीं, बल्कि पूरे झारखण्ड में जहां भी भाजपाई भोजन का पैकेट लेकर पहुंचते हैं, तो इसका लाभ लेनेवाले लोग यही कहते हैं कि जरुर ये मोदी आहार लेकर आये होंगे। आखिर ये मोदी आहार है क्या? मोदी आहार में भोजन की वो सारी वस्तुएं होती है, जो एक परिवार के लिए बहुत ही जरुरी होता है, लोग इस पैकेट को लेकर गदगद हो जाते हैं, तथा भोजन के संकट से खुद को उबार लेते हैं। आप आश्चर्य करेंगे कि सांसद संजय सेठ अकेले रांची लोकसभा में करीब 62000 मोदी आहार का वितरण कर चुके हैं, जो आज तक किसी भी भाजपा सांसद ने नहीं की हैं।

इस मोदी आहार के असली जन्मदाता, रांची के भाजपा सांसद संजय सेठ ही है। जैसे ही कोरोना संक्रमण का भारत में आगाज हुआ। लोग भोजन के संकट से जूझने लगे। उन्होंने तनिक देर नहीं की और दिल्ली से ही अपने लोगों को गाइडलाइन्स जारी किया, कि वे तनिक देर न करें, एक बोरे का पैकेट बनाये तथा उसमें चावल, दाल, सोयाबीन बड़ी, नमक, आलू, प्याज रखकर, उसे मोदी आहार का नाम दें, तथा रांची संसदीय क्षेत्र के सभी इलाकों में जरुरतमंदों तक पहुंचाये, और देखते ही देखते भाजपा कार्यकर्ताओं का समूह रांची सांसद संजय सेठ की बातों को हाथो-हाथ लिया और जरुरतमंदों तक मोदी आहार पहुंचाने लगे।

अब आप पूछेंगे कि संजय सेठ ने इस अनाज से भरे बोरियों को मोदी आहार का नाम क्यों दिया? या वे जो पके हुए भोजन जो जनता तक पहुंचा रहे हैं, उसका नाम मोदी पैकेट क्यों रखा, तो हमें लगता है कि संजय सेठ को जो हमने जाना है, वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बड़े फैन है, उनकी भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के प्रति निष्ठा को कोई चुनौती नहीं दे सकता, और यह निष्ठा ही उन्हें मोदी आहार का नाम देने को लगता है कि प्रेरित कर दिया।

संजय सेठ ने इसमें भाजपा से जुड़े सभी लोगों का सहारा लिया और देखते ही देखते सभी के जुबान पर मोदी आहार आसानी से आ गया। यहीं नहीं यह मोदी आहार जो रांची से बंटना शुरु हुआ था, वो सिर्फ रांची में ही नहीं अटका, बल्कि पूरे प्रदेश में लोकप्रिय हो गया। अन्य जगहों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने मोदी आहार के नाम से सूखे अनाजों की बोरियां जन-जन तक पहुंचाने लगे।

दिल्ली से अपने रांची संसदीय क्षेत्र के नागरिकों को ठीक से सेवा न देने की स्थिति में, संजय सेठ दिल्ली से अचानक रातों-रात रांची पहुंचे, हालांकि उनकी इस गलती को विद्रोही24डॉट कॉम ने भी जनता के बीच रखा, पर उनकी ये गलती भी उनकी सेवा के आगे बौनी दिखती नजर आ रही है।

आज भी रांची के कई इलाकों में मोदी आहार बंटने का सिलसिला थमा नहीं है। हालांकि झारखण्ड में 14 सांसद है, जिसमें भाजपा के 12 सांसद है, पर जो सेवा संजय सेठ ने की, उनकी इस सेवा के आगे-पीछे अन्य भाजपाई सांसद कही नहीं ठहरते, इस सत्य को आप झूठला भी नहीं सकते।

जरा देखिये, संजय सेठ ने क्या-क्या किया है? उन्होंने मोदी आहार ही नहीं बांटे, बल्कि अपने रांची संसदीय सीट के सभी छः विधानसभा के पंचायतों में एक लाख अस्सी हजार नमो सुरक्षा कीट का वितरण भी किये हैं। जिस प्रत्येक कीट के माध्यम से मास्क, साबुन, एवं सैनिटाइजर दिये गये हैं। दीदियों के लिए 40000 सेट सैनिटेरी पैड का भी वितरण कर चुके हैं। शुरुआत के दिनों में करीब दस थर्मल स्कैनर रांची के उपायुक्त को इन्होंने सौंपा, जब थर्मल स्कैनर कही नहीं था।

विगत 24 मार्च से ही पका हुआ करीब 1500 पैकेट भोजन प्रतिदिन वितरण वे करा रहे हैं। प्रधानमंत्री कोष व जिला के उपायुक्त को एक-एक करोड़ रुपये अपनी ओर से उन्होंने प्रदान किया है। हमारे विचार से झारखण्ड के सभी भाजपा सांसदों, व अन्य दलों के जनप्रतिनिधियों को संजय सेठ के इस सेवा भाव से सीखना चाहिए, अगर मन में कुछ कर गुजरने की भाव हैं, तो किसने आपको रोक रखा है, सेवा के लिए उतर जाइये।

चुटिया के भाजपा कार्यकर्ता विक्की सिंह बताते है कि निश्चय ही सांसद संजय सेठ का सेवा भाव सराहनीय योग्य है, क्योंकि उन्होंने उन सभी जगहों पर पहुंचने की कोशिश की जहां अभाव था, जब लोग इस संकट में खुद को असहाय महसूस कर रहे थे, ऐसे जनप्रतिनिधि से ही आम जनता खुद को गौरवान्वित महसूस करती है।

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