मंत्री सरयू राय ने सीएस के खिलाफ खोला मोर्चा, CM रघुवर को भी पत्र के माध्यम से घेरा
संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय इन दिनों मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा लिये जा रहे निर्णयों से बेहद नाराज चल रहे हैं और इसे लेकर वे समय-समय पर अपनी नाराजगी पत्र के माध्यम से कर दे रहे हैं। एक बार फिर उन्होंने सीएम रघुवर दास को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर दी है। इस बार उनकी नाराजगी सीएम राजबाला वर्मा को लेकर है। उन्होंने साफ कहा है कि कैबिनेट की बैठक में सीएस के आने का क्या औचित्य है? कैबिनेट की बैठक में वह दलील और अपुष्ट जानकारी क्यों परोसती है? इनकी भूमिका और सीमा क्या होना चाहिए?
सरयू राय ने यह भी कहा कि उन्होंने एक रुपये में 62 एकड़ जमीन देने की वकालत क्यों की? ज्ञातव्य है कि सरयू राय ने महान भारत प्रतिभा संस्थान को एक रुपये टोकन शुल्क पर 62 एकड़ जमीन देने का विरोध किया था। जिसके कारण यह प्रस्ताव स्थगित कर दिया गया। बाद में पिछले साल 21 नवम्बर को कैबिनेट की बैठक में इसे फिर से लाया गया, राजस्व विभाग ने सशुल्क जमीन देने का प्रस्ताव पुराना ही लाया, लेकिन बैठक में जमीन निशुल्क देने का प्रस्ताव रख दिया गया, इस पर सर्वप्रथम अपनी असहमति दो मंत्रियों ने दी थी, जिसमें एक सरयू राय और दूसरे नगर विकास मंत्री सी पी सिंह थे। आश्चर्य इस बात की है दो मंत्रियों के नकारात्मक बयानों के बाद भी, असहमति के बावजूद कैबिनेट से संस्थान को निशुल्क जमीन बंदोबस्त करने का प्रस्ताव पास कर दिया गया।
सरयू राय ने पत्र के माध्यम से कहा है कि कोई भी विषय अगर कैबिनेट में लाया जाता है तो उसकी प्रकिया होती है, आखिर उन प्रकियाओं को यहां क्यों नही अपनाया जाता। सरयू राय ने सीएस राजबाला वर्मा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्य सचिव के सामने से फाइल गुजरती है पर वह जिस सक्रियता के साथ कैबिनेट की बैठक में लीज बंदोबस्ती निशुल्क करने की वकालत करती है, वैसा कोई आदेश उन्होंने फाइल में क्यों नहीं दिया, मुख्य सचिव जो कैबिनेट में अपना एडवाइस दे रही थी, वह फाइल में लिख सकती थी, पर मामला कैबिनेट में लाकर, सबकी जिम्मेदारी कैबिनेट के मत्थे मढ़ देना, इसका क्या मतलब हुआ?