सरयू राय ने बोकारो में फ्लाई ऐश से फैल रहे प्रदूषण, BPSCL द्वारा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के निर्देशों का पालन न करने तथा राज सिन्हा ने एक-एक शिक्षक के भरोसे राज्य में चल रहे विद्यालयों का मामला सदन में उठाया
झारखण्ड विधानसभा के बजट सत्र का आज छठा दिन सात मिनट विलम्ब से शुरू हुआ। प्रश्नकाल के दौरान अल्पसूचित प्रश्नों के प्रत्युत्तर में पहले सवाल के जवाब को पूरा होने में कुल 15 मिनट लग गये, जबकि दूसरे सवाल में सात मिनट, तीसरे सवाल में आठ मिनट और चौथे सवाल को पूर्ण होने में दस मिनट लग गये और इसके बाद तारांकित प्रश्न पूछे जाने लगे। प्रश्न काल के दौरान राज सिन्हा का सवाल था कि राज्य गठन के बाद प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक विद्यालयों के संसाधनयुक्त होने के बावजूद 8353 स्कूल वैसे है, जहां सिर्फ एक-एक शिक्षक के भरोसे विद्यालय संचालित है, जबकि 4.10 लाख बच्चे नामांकित हैं।
जिसके जवाब में मंत्री ने कहा कि यू-डायस+ के अनुसार ऐसे विद्यालयों की संख्या 7930 हैं, जबकि बच्चों की संख्या 3,81,455 हैं। राज सिन्हा का दूसरा सवाल था कि राज्य के 199 विद्यालय ऐसे हैं, जहां एक भी विद्यार्थी नामांकित नहीं हैं, परन्तु 398 शिक्षक कार्यरत है। इस पर मंत्री का कहना था कि यू डायस+ के अनुसार राज्य में ऐसे विद्यालयों की संख्या 103 तथा ऐसे विद्यालयों में कुल 17 शिक्षक पदस्थापित है।
अन्य सवालों के जवाब में मंत्री ने कहा कि राज्य के प्रारम्भिक विद्यालयों में कुल 26001 सहायक आचार्य की नियुक्ति की कार्रवाई झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा प्रक्रियाधीन है। अनुशंसा प्राप्त होने के उपरांत छात्र शिक्षक अनुपात में पदस्थापन की कार्रवाई की जा सकेगी। मंत्री ने यह भी कहा कि वर्ष 2016 में प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा सोनी कुमारी मामले में पारित आदेश के अनुपालन में विज्ञापित 17786 पदों के विरुद्ध 13923 पदों पर नियुक्ति की गई है। +2 उच्च विद्यालयों में 2612 स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। जिनका छात्र-शिक्षक अनुपात में पदस्थापन की कार्रवाई की गई है।
राज सिन्हा ने धनबाद जिले के औद्योगिक एवं खनिज पदार्थ उत्खननवाली क्षेत्रों से जुड़ी मामले को भी सदन में उठाया। उनका कहना था कि क्या पिछले एक वर्ष मं मध्यम उद्योगों में बढ़ोत्तरी हुई है, परन्तु 34 हजार सूक्ष्म और लघु उद्योगों में रोजगार में अप्रत्याशित कमी आई है, जबकि प्रोक्योरमेंट पॉलिसी के तहत सरकार द्वारा छोटे उद्योग से 25 प्रतिशत माल खरीदने का प्रावधान है। मंत्री का कहना था कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में ऐसे उद्योंगी संख्या 4518 है, जिसमें निवेश 97202.98 लाख रुपये का निवेश हुआ है और इन उद्योंगों में नियोजन की संख्या 22248 है। झारखण्ड प्रोक्योरमेंट पॉलिसी 2014 संशोधित 2019 के निहित प्रावधानानुसार राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को कुल वार्षिक खरीद का 20 प्रतिशत सूक्ष्म एव लघु औद्योगिक इकाईयों के उत्पादों एवं सेवाओं से खरीद किया जाना है।
भूषण बाड़ा ने पर्यटन से संबंधित कुछ सवाल पूछे, जिसके जवाब में विभागीय मंत्री ने कहा कि सिमडेगा जिलान्तर्गत रामरेखा धाम श्रेणी ए, केलाघाघ श्रेणी बी, क्रुसटोंगरी श्रेणी डी पर्यटक स्थल के रुप में अधिसूचित है। उपायुक्त कार्यालय द्वारा सूचित किया गया है रामरेखा धाम पर्यटन स्थल का पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के स्वदेश दर्शन 2.0 के चैलेन्ज बेस्ड डिस्टिनेशन डेवलेपमेन्ट के अंतर्गत पर्यटकीय विकास योजना हेतु 18 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। उक्त योजना का डीपीआर तैयार कर स्वीकृति हेतु केन्द्र को भेजा गया है। केलाघाघ के पर्यटकीय विकास के लिए प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के लिए उपायुक्त प. सिंहभूम एवं निदेशक पर्यटन निदेशालय रांची से अनुरोध किया गया है। बसतपुर पिकनिक स्थल पर आधारभूत संरचनाओं का विकास के लिए विभागीय स्वीकृत्यादेश द्वारा योजनाओं को स्वीकृति दी गई है।
दूसरी ओर सरयू राय ने बोकारो में फ्लाई ऐश के कारण फैल रहे प्रदूषण, बीपीएससीएल द्वारा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के निर्देशों का पालन नहीं किया जाना, झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा बीपीएससीएल के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं किये जाने का मामला सदन में उठाया। जिसके उत्तर में विभागीय मंत्री ने कहा कि पर्यावरणीय मानकों के उल्लंघन के संबंध में झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने पूर्व में इकाई को 71,32,031 रुपये का पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति जमा करने का निर्देश दिया था। जिसके आलोक में इकाई ने प्रत्युत्तर समर्पित किया था।
जिसके जांचोपरांत पुनः इकाई को अंतिम स्मार पत्र 10.12.2024 को दिया गया। चूंकि इकाई एक सरकारी उपक्रम है इसलिए इकाई के विरुद्ध पुनः 18.02.2025 को कारण पृच्छा नोटिस जारी की गई है। जिसकी सुनवाई 6 मार्च को निर्धारित है। यदि कारण पृच्छा में संतोषजनक प्रत्युत्तर समर्पित नहीं किया जाता है, उस स्थिति में इकाई के विरुद्ध पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1966 की सुंसगत धाराओं के अनुरूप कार्रवाई किये जाने का निर्णय लिया जायेगा।
इकाई की संपूर्ण जांच हेतु एक तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है, जिसमें मुख्यालय स्तर के पदाधिकारी एवं क्षेत्रीय पदाधिकारी धनबाद सम्मिलित रूप से अपना जांच प्रतिवेदन समर्पित करेगी। मंत्री द्वारा दिये गये प्रश्नों के उत्तर से असंतुष्ट सरयु राय ने कहा कि जिनके खिलाफ जांच होनी हैं। वे ही लोग जांच कमेटी में हैं, जिनके खिलाफ फाइन हुई है, उनके खिलाफ आप कुछ कर नहीं सकें, फाइन तक नहीं वसूल सकें। आप कहते है कि प्रतिवेदन संलग्न हैं, जबकि प्रतिवेदन दिखाई नहीं दे रहा। आखिर ये सब क्या है?
ताराकिंत प्रश्नों में शशिभूषण मेहता ने सवाल पूछा कि पलामू जिलान्तर्गत प्रखण्ड नीलाम्बर-पीताम्बरपुर के बसौरा में राजकीय पोलिटेक्निक संस्थान जो बनकर तैयार है, उसमें क्या वर्तमान शैक्षणिक से पढ़ाई आंरभ करने का सरकार विचार रखती है? मंत्री का कहना था शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से वहां पठन-पाठन कार्य प्रारंभ करने के लिए कार्रवाई की जा रही है। एआईसीटीई से एप्रूवल प्राप्त करने संबंधी कार्य के लिए प्रभारी प्राचार्य प्राधिकृत किया गया है।
शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से पठन-पाठन कार्य प्रारंभ करने के लिए संबंधित नोडल पदाधिकारी/प्राचार्य द्वारा एआईसीटीई से एप्रूवल प्राप्त करने की कार्रवाई की जा रही है। इस उत्तर पर शशिभूषण मेहता का कहना था कि वे इस प्रकार का जवाब 2023 से सुनते आ रहे हैं, आश्वासन ही मिलता रहेगा या चालू भी होगा। मंत्री ने कहा कि इस वर्ष चालू हो जायेगा। इसके बात सुरेश कुमार बैठा ने खलारी में हो कोयला परिवहन के कारण फैल रहे प्रदूषण का मामला उठाया, जबकि उदय शंकर सिंह ने सारठ विधानसभा अंतर्गत में महाविद्यालय/महिला डिग्री कॉलेज नहीं होने का मामला उठाया।