राजनीति

सरयू राय ने दी TSL और जिला प्रशासन को धमकी 31 मार्च तक केबुल टाउन गोलमुरी के घरों को बिजली का अलग-अलग कनेक्शन नहीं दिया गया तो वे करेंगे विद्युत सत्याग्रह

टाटा स्टील लिमिटेड और पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन से अनुरोध है कि 31 मार्च 2024 तक केबुल टाउन, गोलमुरी के घरों में बिजली का अलग-अलग कनेक्शन उपलब्ध करा दें, अन्यथा बाध्य होकर हमें इसके लिए विद्युत सत्याग्रह आरंभ करना पड़ेगा। सत्याग्रह के दौरान अप्रैल 2024 से केबुल टाउन के विद्युत उपभोक्ता उतना ही बिजली बिल देंगे, जितना बिल उनके बिजली मीटर में उठेगा।

टाटा स्टील द्वारा नियुक्त नौ वेंडरों द्वारा बिजली मीटर का अतिरिक्त लिया जा रहा सेवा शुल्क वे नहीं देंगे। यदि वेंडरों को अतिरिक्त शुल्क देना ही है तो यह शुल्क टाटा स्टील मिमिटेड खुद दे क्योंकि वेंडरों की नियुक्ति टाटा स्टील ने ही की है। यह वक्तव्य है जमशेदपुर पूर्व से विधायक सरयू राय का, जिन्होंने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अपने वक्तव्य को जारी किया।

उल्लेखनीय है कि लंबे समय से केबुल टाउन इलाके में बिजली का सीधा कनेक्शन उपभोक्ताओं के घरों में टाटा स्टील द्वारा नहीं दिया जा रहा है। इसके लिए टाटा स्टील ने नौ वेंडर नियुक्त किये हैं जिन्हें कंपनी एकमुश्त बिजली देती है और ये वेंडर इस बिजली को अलग-अलग घरों में बांटते हैं। नतीजा यह कि केबुल टाउन इलाके के उपभोक्ताओं को वास्तविक ऊर्जा खपत के बिल से करीब डेढ़ गुणा अधिक बिल देना पड़ रहा है।

काफी दिनों से केबुल टाउन के उपभोक्ता मांग कर रहे हैं कि कंपनी उनके घरों में सीधी बिजली दे और मीटर के हिसाब से शुल्क वसूले, परंतु ऐसा नहीं हो रहा है। नौ वेंडरों से कंपनी बिजली का एकमुश्त शुल्क वसूल रही है और ये वेंडर अपने-अपने क्षेत्र के उपभोक्ताओं से बिल वसूलते हैं जो वास्तविक बिल से डेढ़ गुणा होता है। यह घोर अन्याय है। इसके विरोध में लोग दबी जुबान से आवाज उठा रहे हैं परंतु टाटा स्टील लि. और पूर्वी जिला प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।

सरयू राय का कहना है कि उन्होंने विगत दो वर्ष के भीतर इस बारे में प्रशासन और कंपनी से अलग-अलग एवं एक साथ कई बार बातचीत की है। हर बार इसके लिए आज-कल किया जा रहा है। सिद्धांततः टाटा स्टील इसके लिए तैयार हो गया है कि वह केबुल टाउन इलाके के घरों में अलग-अलग विद्युत कनेक्शन देगा परंतु अभी तक ऐसा हो नहीं पाया। सरयू राय ने कहा कि यह विषय उन्होंने विधानसभा में भी उठाया।

इसके लिए ऊर्जा सचिव ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को निर्देश भी दिया। ऊर्जा सचिव के निर्देश पर उपायुक्त के कार्यालय में बैठकें भी बुलाई गईं। सभी बैठकों में निर्णय हुआ कि सभी घरों में अलग-अलग बिजली नहीं देना और उपभोक्ताओं को वास्तविक खपत के डेढ़गु णा से अधिक बिजली बिल देने के लिए विवश करना न्यायपूर्ण नहीं है। सभी घरों में अलग-अलग कनेक्शन देकर वास्तविक खपत के हिसाब से उनसे बिल लिया जाएगा।

उपभोक्ताओं के घरों में अलग-अलग बिजली देने का निर्णय होने के बाद भी केबुल कंपनी के लिए एनसीएलटी से नियुक्त आरपी (रिजोल्यूशन प्रोफेशनल) से अनापत्ति नहीं मिलने का हवाला देकर अलग-अलग घरों में बिजली कनेक्शन देने में विलंब किया जा रहा है जबकि उनकी पहल पर ही केबुल टाऊन इलाके के सभी घरों में पानी का कनेक्शन दे दिया गया है। कंपनी ने पूरे इलाके में सफाई की व्यवस्था का दायित्व भी स्वीकार कर लिया है परंतु बिजली का अलग-अलग कनेक्शन उपभोक्ताओं को देने में रोज आज-कल किया जा रहा है।

हकीकत है कि टाटा स्टील द्वारा केबुल कंपनी को दिया गया 177 एकड़ के भूखंड का लीज 2019 में ही समाप्त हो गया है। चंद रोज पहले समाप्त हुए झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में सरयू राय के प्रश्न के उत्तर में सरकार ने स्पष्ट कहा था कि केबुल टाउन क्षेत्र के भूखंड पर अब टाटा स्टील का स्वामित्व है। इस प्रश्नोत्तर की प्रति भी उन्होंने टाटा स्टील और पूर्वी जिला प्रशासन को भेज दी है।

इसके बावजूद दिवालिया घोषित हो चुकी केबुल कंपनी के आरपी से अनापत्ति नहीं मिलने की बात कहना समझ से परे है। चूंकि जिस समय टाटा स्टील ने केबुल टाउन के उपभोक्ताओं को बिजली देने के लिए नौ वेंडरों की नियुक्ति की, उस समय आरपी से कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया। अब नौ वेंडरों की जगह 900 से अधिक उपभोक्ताओं को सीधे बिजली का कनेक्शन देना है तो आरपी को बीच में लाना कहीं से भी उचित नहीं है।

उन्होंने कहा कि वे कंपनी को धन्यवाद देना चाहते है कि उन्होंने सभी घरों में अलग-अलग बिजली कनेक्शन देना सिद्धांततः स्वीकार कर लिया है। अब जरूरत केवल इसके क्रियान्वयन की है। बार-बार कंपनी, जिला प्रशासन और राज्य सरकार का दरवाजा खटखटाते हुए उनका धैर्य जवाब दे रहा है। इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया है कि यदि 31 मार्च, 2024 यानी वर्तमान वित्तीय वर्ष समाप्त होने के दिन तक, कंपनी अलग-अलग घरों में बिजली देने के अपने सैद्धांतिक सहमति का क्रियान्वयन नहीं करती है तो वे केबुल टाउन क्षेत्र के उपभोक्ताओं से आह्वान करूंगा कि वे अगले वित्तीय वित्तीय वर्ष के प्रथम महीना, यानी अप्रैल 2024 से बिजली का उतना ही बिल दें, जितना बिल वास्तव में उनके मीटर में उठता है। नौ वेंडरों के बीच में आ जाने के कारण बढ़ा हुआ बिल अब उपभोक्ता नहीं देंगे। यह बात वेंडरों को भी कंपनी के अधिकारियों के पास पहुंचा देनी चाहिए। इसी आह्वान को उन्होंने केबुल टाउन में विद्युत सत्याग्रह की संज्ञा दी है।

यदि उनके इस आह्वान के कारण कंपनी अथवा वेंडर उपभोक्ताओं के घरों का विद्युत संयोजन विच्छेद करेंगे तो विवश होकर उन्हें सीधी कार्रवाई पर उतरना पड़ेगा। इसके लिए वे आमरण अनशन पर बैठने तक का निर्णय लेने के लिए तैयार है, क्योंकि यह जनहित का मामला है और वे जो कह रहा है, वह शत-प्रतिशत सही है। इसलिए कंपनी और जिला प्रशासन को उनकी सही बात सुन कर शीघ्र ही समुचित निर्णय समय सीमा के भीतर लेने की पहल करनी चाहिए।