अपनी बात

200 एकड़ से भी अधिक जमीन हड़पनेवाले ढुलू महतो के खिलाफ सरयू राय ने राज्यपाल व CM को लिखा पत्र, पुलिस प्रशासन रीढ़विहीन, ग्रामीणों को ढुलू के अत्याचार से मुक्त कराने की मांग

जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन को एक स्मार पत्र भेजा है जिसमें धनबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के घोषित प्रत्याशी द्वारा बाघमारा विधानसभा क्षेत्र में, जहां से वे सम्प्रति विधायक हैं, ग्रामीणों पर उनके द्वारा किए गए अत्याचार का संक्षिप्त ब्यौरा है। विधायक ढुलू महतो के अत्याचार से ग्रामवासी भी अछूता नहीं है। उन्होंने ग्रामीणों और सरकार की क़रीब 200 एकड़ ज़मीन पर जबरन क़ब्ज़ा कर लिया है और जेल की ऊंची दीवार की तरह ऊंची चहारदीवारी खड़ाकर चारों ओर से घेर लिया है।

एक ग्रामीण पथ को भी चहारदीवारी के भीतर कर उस पर बड़ा सा गेट लगा दिया है। इस स्मार पत्र में उपर्युक्त के बारे में ग्रामीणों के नाम सहित आँखों देखा ब्यौरा दिया गया है जो स्वतः स्पष्ट है। श्री राय ने ग्रामीणों की रैयती जमीन पर से क़ब्ज़ा हटाने और सरकारी ज़मीन एवं सरकारी परिसंपत्ति को कब्जा मुक्त कराने की मांग राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन से की है। चूंकि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन दोनों फ़िलहाल राज्य से बाहर हैं। उनके आने पर श्री राय स्वयं उनसे मिलकर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराएँगे। फिलहाल दोनों को भेजे गये स्मारपत्र में निम्नलिखित बातें उल्लेखित है।

सरयू राय के शब्दों में गत 22 अप्रैल को ग्रामीणों के बुलावे पर उन्होंने धनबाद जिले के बाघमारा विधानसभा के कतिपय गांवों का भ्रमण करने के बाद पाया कि वहां भय, आतंक, दबंगई, अत्याचार और अनाचार का वातावरण व्याप्त है। बाघमारा विधानसभा क्षेत्र के विधायक व धनबाद लोकसभा से भाजपा के घोषित प्रत्याशी ढुलू महतो की दंबगई से डरकर दुबके रहनेवाले ग्रामीणों में से दो दर्जन से अधिक परिवारों के सदस्यों ने खुलकर अपनी व्यथा कथा सुनाई। उन्होंने अत्याचार और दबंगई के ऑडियो, वीडियो, फोटोग्राफ भी दिखाये, जिसमें ढुलू महतो स्वयं महिलाओं के विरुद्ध आपत्तिजनक अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि उनके अत्याचार से पीड़ित करीब आधा द्जन ग्रामीणों ने करीब दो माह पूर्व धनबाद के उपायुक्त कार्यालय के सामने तीन सप्ताह तक धरना दिया था। तब जाकर उनके घरों में बीसीसीएल ने बिजली पानी का कनेक्शन पुनः बहाल किया। इसके साल भर पूर्व विधायक के गांव के निवासी अशोक महतो ने गांव में बने रामराज मंदिर की बाउंड्री वॉल से सटे अपनी जमीन पर दुकान खोला था। विधायक ने दुकान के सामने पानी का टैंकर खड़ा कर आवागमन अवरुद्ध कर दिया ताकि वह व्यक्ति वहां से दुकान हटा ले।

इसके खिलाफ अशोक महतो के परिवार ने उपायुक्त धनबाद के कार्यालय के सामने कई दिनों तक धरना दिया था। इसके पूर्व मार्च 2022 में ग्रामीणों ने विधायक की गिरफ्त से अपनी जमीन छुड़ाने के लिए उपायुक्त धनबाद के कार्यालय के सामने और बाद में रांची आकर राजभवन के समक्ष नंग-धड़ंग प्रदर्शन किया था। फिर भी इन पर हो रहे अत्याचार और इनके जमीन हड़पे जाने के मामले में प्रशासन से इन्हें अब तक राहत नहीं मिली है।

सरयू राय लिखते हैं कि तीन दिन पूर्व वे धनबाद गये थे तो कतिपय पीड़ित ग्रामीण उनसे मिलने आये और अपना दुखड़ा सुनाया। उन्होंने गांव जाकर स्वयं अत्याचार, अनाचार, दबंगई तथा रैयती एवं सरकारी जमीन पर विधायक द्वारा किये गये जबरन कब्जा और उनकी जमीन के सामने ऊँची दीवार खड़ा करके उनकी जमीन की घेराबंदी कर देने का परिदृश्य देखने का आग्रह किया। उनके आग्रह पर गत 22 अप्रैल 2024 को वे वहां गये और बड़ी संख्या में भयमुक्त होकर पीड़ित ग्रामीण गाजे-बाजे के साथ सड़क पर निकले और उनकी रैयती तथा सरकारी भूखण्डों की घेराबंदीवाले स्थलों को दिखाया।

उनके अनुसार करीब दो सौ एकड़ रैयती एवं सरकारी जमीन को बाउंड्री वॉल बनाकर घेर दिया गया है, जिसके अपनी जमीन पर उनका आना-जाना बंद हो गया है। उक्त स्थलों की घेराबंदी देखकर वे स्वयं हतप्रभ रह गये। ऐसा महसूस हुआ कि यह दीवार जेल की चहारदिवारी जैसी ऊंची है। सहसा विश्वास नहीं हुआ कि संसदीय लोकतंत्र के शासन में खूलेआम ऐसा अत्याचार भी संभव है।

ग्रामीणों की शिकायतों के बावजूद सरकार एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों द्वारा न्यायोचित कार्रवाई नहीं किये जाने के उनके रीढ़विहीन आचरण पर उन्हें शर्मिंदगी महसूस हुई। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया। तदनुसार इस पत्र के माध्यम से वे जमीन कब्जे के एक संक्षिप्त विवरण आप सभी (राज्यपाल व मुख्यमंत्री) को प्रस्तुत कर रहे हैं। यह विवरण वास्तविक स्थिति से काफी कम है। असलियत है कि अनेक पीड़ित ग्रामीण भयभीत होकर सामने नहीं आ पाये। जितने लोग सामने आये, उन्हीं की जुबान से सुनाया और दस्तावेज आपके सामने रखा गया है।

सरयू राय ने कहा है कि जनहित में, लोकतांत्रिक प्रशासन व्यवस्था के हित में एवं मानवीय दृष्टिकोण से आपदोनों इस संबंध में गहन विचार करें। इसकी समुचित जांच करवायें तथा दोषी चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उस पर विधिसम्मत कार्रवाई कराये और गरीब व भयभीत ग्रामीणों की हड़पी गई रैयती जमीन को तथा सरकारी जमीन को बाघमारा विधायक व भाजपा के घोषित धनबाद के लोकसभा प्रत्याशी ढुलू महतो के कब्जा से मुक्त करायें।