अपनी बात

सरयू राय का बयान – VVIP कैदियों के लिए होटवार जेल के वार्ड 11ए को नये सिरे से क्यों सजाया गया, ED ने इन्हें जेल भेजा है या ऐशगाह?

भाई, इस बात में तो दम है। जो बातें ट्विट के माध्यम से निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय ने रखी हैं। पूरे बिहार व झारखण्ड में भ्रष्टाचार को लेकर मुखर रहनेवाले सरयू राय ने आज ऐसी टिप्पणी कर दी कि इस टिप्पणी से रांची के होटवार जेल में रह रहे VVIP कैदियों की नींद अवश्य उड़ गई होगी। नींद तो उनकी भी उड़ी होगी जो इन VVIP कैदियों की सेवा में दिलो जान से लगे हैं।

आखिर इन VVIP कैदियों को VVIP ट्रीटमेंट कौन दे या दिलवा रहा है, अवश्य इसमें वे लोग शामिल हैं, जिनको इन VVIP कैदियों से पूर्व में लाभ मिला हैं या इनसे लाभ लिये हैं और अब जबकि ये प्रवर्तन निदेशालय की कृपा से जेल में हैं तो उन्हें लगता हैं कि अगर उनको VVIP ट्रीटमेंट नहीं दिये तो हो सकता है कि अभी जेल में बंद ये VVIP समय आने पर उनके नाक में दम न कर दें, इसलिए जेल में भी इनकी खातिरदार जारी रखना चाहिए।

ऐसे भी अमित अग्रवाल की गिरफ्तारी ने सत्ता संरक्षण में चल रहे भ्रष्टाचार की एक तरह से कलई खोल कर रख दी है। साथ ही राज्य के उन भ्रष्ट आईएएस/आईपीएस की भी पोल खोलकर रख दी हैं, जो राज्य को दीमक की तरह खोखला किये जा रहे हैं, सूत्र बता रहे हैं कि जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय सीएमओ आवास के एक बड़े व होनहार व्यक्ति को भी जेल में लाने की तैयारी कर रहा है, अगर ऐसा होता है तो सरकार के लिए स्थिति और नाजुक हो जायेगी।

आखिर सरयू राय ने कौन सा ट्विट कर दिया कि जो आज चर्चा का विषय बनता जा रहा हैं, आप स्वयं देखिये कि सरयू राय के ट्विट में आज क्या है? “होटवार जेल, रांची के सभी वार्डों में क्षमता से दोगुना क़ैदी रह रहे हैं. पर वार्ड नं॰ 11ए में केवल 5 क़ैदी हैं। इन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने जेल भेजा है या ऐशगाह? दो दिन पहले पहुँचे नवागंतुक क़ैदी के लिए तो वार्ड 11ए की सुविधाएं नये सिरे से सजाई गई हैं। क्या वार्ड 11ए वीवीआईपी वार्ड घोषित है?” सरयू राय की एक अन्य ट्विट भी वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक पटल पर उभर रही भ्रष्ट आचरण को रेखांकित कर रही हैं। आप स्वयं सरयू राय का ट्विट देखें –

“22 वर्षीय झारखंड के सामाजिक-राजनीतिक पटल पर उभर रहीं भ्रष्ट आचरण की आकृतियाँ उलझन पैदा करने वाली हैं। संसदीय सत्ता तंत्र में यह कैसे संभव हो रहा है कि लोभ उन्मादी बिचौलिये शीर्ष सरकारी पदों के आँख-नाक-कान बन जा रहे हैं और सरकार बदलते ही दूसरी सरकार पर पूर्ववत हावी हो जा रहे हैं।”