अपनी बात

सरयू राय का वनभोज कार्यक्रम मतलब राजनीति में लोग नहीं, उनका समय बोलता है और जरूरतें बोलती हैं, सरयू ने ठीक किया कि कार्यकर्ता सम्मेलन में जदयू का नाम नहीं लिखा, नहीं तो वनभोज की हवा तक निकल जाती

राजनीति में लोग नहीं, उनका समय बोलता है और ज़रूरतें बोलती हैं। एक समय जब सरयू राय, रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़े थे, उस समय  भाजपा के संगठन मंत्री धर्मपाल ने कहा था कि पार्टी के साथ विश्वासघात करने वालों के साथ हम किसी भी हाल में समझौता नहीं करेंगे। पार्टी से गद्दारी/विरोध करने वाले को पार्टी में कोई पद नहीं दिया जायेगा। परन्तु तुरंत बाद ही हुए राज्यसभा चुनाव में दीपक प्रकाश के लिए समर्थन मांगने प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री सभी सरयू राय के पास पहुंच गए थे।

वर्तमान में भी विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा के कुछ पदाधिकारी, संगठन मंत्री भाजपा के कर्मवीर सिंह के पास गए थे और उनसे कहा था कि सरयू राय को पार्टी में ले लेना पार्टी के लिए हितकर रहेगा क्योंकि भाजपा के सभी कार्यकर्त्ता और जनता लोग उनके संपर्क में है और सभी से उनका व्यवहार अच्छा है और वह सभी के प्रिय हैं। परंतु संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह ने यह कहते हुए बात को टाल दिया कि सरयू राय के पास मात्र पांच आदमी है।

वही सरयू राय भाजपा आलाकमान के निर्देश और गठबंधन धर्म का निर्वहण करते हुए  जमशेदपुर पश्चिम से चुनाव लड़ने की चुनौती को स्वीकार किया और मात्र 15 दिनों की तैयारी में पश्चिम विधानसभा जीत कर बता दिया कि वह एक सुलझे हुए जनप्रिय जननेता है और जनता में उनकी स्वीकार्यता बनी हुई है। आज उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के वन भोज में समस्त भाजपा कार्यकर्ताओं को भी बुलाया। साथ ही अपने विधानसभा से अलग अपने समर्थक अन्य विधानसभा से भी सामाजिक एवं राजनीति से जुड़े लोगो को भी बुलाया और सबको आदर-सम्मान, मान-सम्मान दिया।

सबके साथ वन भोज का आनंद लिया और उन्होंने साबित किया कि वह कार्यकर्ताओं के मान सम्मान और इज्जत में कोई कमी नहीं करते हैं क्योंकि वो जानते हैँ की राजनीती में कार्यकर्त्ता ही पूंजी होते हैं। आज के वनभोज कार्यक्रम सह कार्यकर्त्ता मिलन समारोह में बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, जमशेदपुर से सांसद विद्युत वरण महतो, उनके प्रतिनिधि संजीव कुमार, भाजपा जमशेदपुर महानगर के जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा, महामंत्री अनिल मोदी, भाजपा व्यापारिक प्रकोष्ठ के संयोजक नीरज सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर मिश्र, प्रदेश कार्यसमिति हरेंद्र पांडे, अजय श्रीवास्तव, रामनारायण शर्मा, मुरलीधर केडिया, सुरेश संथालिया, मानव केडिया, अशोक सिंह, नीरू सिंह, जिला परिषद के उपाध्यक्ष पंकज सिंह, समेत अन्य कई भाजपा कार्यकर्ता एवं सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हुए।

जमशेदपुर पश्चिम से जदयू विधायक सरयू राय के द्वारा आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन सह वन भोज में भाजपा के ही सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता पहुंचे थे और आपस में चर्चा हो रही थी कि यह विधायक जदयू के हैं या भाजपा के विधायक है। राजनीतिक पंडितों ने तो आज के वन भोज कार्यक्रम पर चुटकी लेते हुए कहा कि जमशेदपुर पूर्व हो या पश्चिम, इन इलाकों में जदयू के कितने कार्यकर्ता है? ये तो सरयू राय को भी पता है, सरयू राय तो भाजपा कार्यकर्ताओं के ही बल पर जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत गये, नहीं तो अगर निर्दलीय या स्वयं के द्वारा बनाई गई पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ते तो उनका सारा राजनीतिक नशा ही उतर जाता और उन्हें बड़ी ही आसानी से हार का स्वाद भी पता चल जाता।

ऐसे में अगर वे भाजपा कार्यकर्ताओं व उनके नेताओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए, उनके साथ कोई कार्यक्रम करते हैं या वन भोज का कार्यक्रम करते हैं तो निश्चय ही वे अपना कर्ज उतार रहे हैं। सरयू राय ने ठीक ही किया कि उन्होने आज के वन भोज कार्यक्रम के बैनरों में कार्यकर्ता सम्मेलन में किसी राजनीतिक दल का नाम नहीं लिखा, अगर गलती से भी ये जदयू का नाम लिख दिये होते, तो इनके वनभोज कार्यक्रम की हवा निकल जाती। रही बात इस वन भोज कार्यक्रम में पत्रकारों के शामिल होने की, तो जमशेदपुर के पत्रकार, रांची या धनबाद के पत्रकारों से अलग थोड़े ही हैं।

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