रघुवर द्वारा अपहृत भाजपा से लगातार अपमानित हो रहे सरयू अब सिखायेंगे सबक, विद्रोही24. कॉम की खबर पर लगेगी मुहर
भगवान कृष्ण की तरह अंतिम-अंतिम तक युद्ध को टालने के प्रयास के बावजूद जैसे महाभारत का युद्ध हुआ, ठीक उसी प्रकार राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा अपहृत भाजपा से बार-बार मिल रहे अपमान के बावजूद जमशेदपुर पश्चिम के विधायक एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने अंतिम-अंतिम तक कोशिश की, कि वे भाजपा और रघुवर के खिलाफ युद्ध न लड़ें।
फिर भी अब जो स्थिति हैं, वह साफ कह रहा हैं कि सरयू राय को रघुवर दास के भ्रष्टाचार एवं क्रूर तानाशाही के खिलाफ युद्ध का बिगुल फूंक देना चाहिए। ये उद्गार हैं, उन सारे भाजपाइयों और संघ के उन आनुषांगिक संगठनों से जुड़े लोगों का जो झारखण्ड से बहुत प्यार करते हैं तथा संघ और भाजपा में रहना उनकी लाचारी है, क्योंकि वे जन्मजात संघी तथा भाजपाई हैं।
इन लोगों का कहना है कि सरयू राय की निष्ठा और ईमानदारी पर कोई भी अंगूली नहीं उठा सकता, जिस प्रकार भाजपा के पूर्व अध्यक्षों तथा समर्पित व निष्ठावान भाजपा के पदाधिकारियों को एक-एक कर साइड किया गया, और उनके जगहों पर दलबदलूओं, हत्या व यौन-शोषण तथा दवा घोटालों के आरोपियों को टिकट दी गई, इसके तुरन्त बाद सरयू राय को ठिकाने लगाने का काम शुरु किया गया।
भाजपा की ओर से चौथी सूची जारी हो गई, उस सूची में भी सरयू राय का नाम नहीं होना, बताता है कि भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं ने अपनी आत्मा को रघुवर दास के आगे गिरवी रख दी हैं, ऐसे में कोई भी व्यक्ति चुप रहता हैं, तो वह झारखण्ड का नुकसान कर रहा हैं, भाजपा व संघ का नुकसान कर रहा हैं।
इन लोगों का कहना है कि भाजपा और संघ से जुड़े लोग, जो आजकल भाजपा का टिकट रेवड़ियों की तरह बांट रहे हैं, उन्हें समझना होगा कि यह भाजपा पं. दीन दयाल उपाध्याय के पद-चिह्नों पर चलेगा या रघुवर दास जैसे लोग इसे चलायेंगे। इधर सरयू राय ने जमशेदपुर पूर्व और जमशेदपुर पश्चिम दोनों जगहों से नामजदगी का पर्चा खरीद लिया है।
लोग उन पर दबाव बना रहे है कि वे जमशेदपुर पूर्व से मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़े और अगर ऐसा होता हैं, जिसकी संभावना अब बलवती हो गई हैं, तब रघुवर दास की हार शत प्रतिशत सुनिश्चित हैं, इससे इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि जमशेदपुर पूर्व की जनता रघुवर दास की हरकतों से आजिज हो चुकी हैं, उनके परिवार की दबंगई से त्रस्त हैं, उनके बड़बोलेपन से त्रस्त हैं, यही कारण है कि वह एक ऐसे जनप्रतिनिधि की खोज में थी, जो उसका दर्द सुन सकें और सरयू राय इसमें पूरी तरह फिट हैं।
सूत्र बता रहे हैं कि आज साढ़े चार बजे जमशेदपुर में सरयू राय एक संवाददाता सम्मेलन करेंगे, और अपना पत्ता खोलेंगे, जमशेदपुर पूर्व की जनता की पहली पसन्द बन चुके सरयू राय जैसे ही अपने पत्ते खोंलेंगे, भाजपा में भूकम्प होना तय हैं, साथ ही विद्रोह के स्वर उन जगहों से भी उठेंगे, जहां दलबदलूओं, हत्या के आरोपी, अश्लील विडियो बनानेवालों, दवा घोटाले के आरोपियों ने कब्जा जमा लिया हैं, ऐसे लोगों के लिए काल के रुप में भी सरयू राय का इस्तेमाल होना तय हैं। इधर सरयू राय ने साफ कह दिया है कि न तो उनकी उम्र हुई हैं और न ही उनको ऐसी बीमारी है कि चुनाव ही नहीं लड़ सकें, वे आज भी जनता की सेवा के लिए उतने ही प्रभावशाली हैं, जितने कल थे।
राजनीतिक पंडित बताते है कि सरयू राय को मिल रहे अपार जन-समर्थन को शायद संघ और भाजपा के लोग समझ नहीं रहे हैं, पर ये समझेंगे जरुर, वह भी तब जब चुनाव परिणाम सामने आयेंगे, और रघुवर की जमशेदपुर पूर्व से विदाई हो चुकी होगी। इधर सरयू राय द्वारा जमशेदपुर पूर्व और जमशेदपुर पश्चिम दोनों जगहों से नामजदगी का पर्चा खरीद लिये जाने पर इनके समर्थकों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा हैं।
शायद यहीं कारण है कि आज सरयू राय जमशेदपुर पूर्व की जनता से मिलने के लिए सुबह-सुबह ही निकल पड़ें, शायद वे उनका मन टटोलना चाहते थे कि अगर वे चुनाव लड़ते हैं, तो उन्हें इनका समर्थन मिलेगा या नहीं, पर जानकार बता रहे हैं, गजब का परिवर्तन दिखने जा रहा हैं, शायद किसी का अहं टूटने जा रहा हैं, ये अहं किसका टूटेगा, बताने की जरुरत नहीं, यानी अबकी बार आर या पार, जमशेदपुर पूर्व में सरयू राय यार।
बुद्धिजीवियों का कहना है कि ऐसे भी रघुवर को सरयू ही ठिकाने लगा सकते है, क्योंकि सरयू में हमेशा से क्षमता रही हैं रघुवर को ठिकाने लगाने की, इस बार वो दिखेगा भी, और हो सकता है कि झारखण्ड की जनता की बहुप्रतीक्षित मांग भी पूरी हो जाये, जैसे लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्र, मधु कोड़ा जेल की शोभा बढ़ा चुके हैं, वैसे कई भ्रष्टाचार के आरोप को अपने माथे पर धारण किये रघुवर दास, सरयू राय के सक्रिय होने से जेल भी चले जाये, क्योंकि कुछ महीने पहले ही तो सरयू राय ने कहा था कि जब तीन-तीन मुख्यमंत्री जेल जा चुके हैं, तो चौथे क्यों नहीं जा सकते, जनता तो इस बार सरयू राय को अपने माथे पर बिठाने को तैयार हैं, और रघुवर दास को बाहर करने की तैयारी भी कर ली हैं।