SC संज्ञान लें, विपक्षी राज्यों में केन्द्रीय एजेंसियों का कितनी बार हुआ दुरुपयोग, आखिर ED/CBI की ओर से मीडिया के लिए ब्रीफिंग कौन करता है? – JMM
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान लें कि केन्द्र सरकार द्वारा विपक्षी राज्यों में कितनी बार केन्द्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया, नहीं तो जो देश में संघीय शासन व्यवस्था हैं, वो ध्वस्त हो जायेगा।
सुप्रियो ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि वो राज्य में कृत्रिम व्यवस्था बनाकर, ऐसी स्थिति यहां पैदा कर दी है कि ताकि सरकार काम ही न करें, लोगों का काम ही सदा के लिए बंद हो जाये, अव्यवस्था का माहौल उत्पन्न हो जाये, ताकि सत्ता का मूल दायित्व जनसेवा-जनकल्याण पूरी तरह से समाप्त हो जाये। उन्होंने कहा कि देश की केन्द्रीय एजेंसिंयों ने राज्य में ऐसी व्यवस्था खड़ी कर दी है कि अब कोई अधिकारी काम ही नहीं करना चाहता, उसे लगता है कि पता नहीं कब कौन सी एजेंसियां उसके पास आकर, उसे ही किसी न किसी कांड में न फंसा दें।
उन्होंने कहा कि राज्य के कोने-कोने से लोग सीएमओ कार्यालय, कभी-कभी पार्टी कार्यालय आते हैं, उनकी कई समस्याएं होती हैं, जो स्वास्थ्य, रोजगार व नाना प्रकार की समस्याओं को लेकर आते हैं। ऐसे में उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उन्हें कई विभागीय अधिकारियों को फोन करना ही पड़ता है। ये कोई नई चीजें तो नहीं। अब ऐसे में क्लर्क, चपरासी तक ईडी पहुंचने लगे तो ये तो अच्छी बात नहीं।
सुप्रियो ने आरोप लगाया कि आजकल देखने में आ रहा है कि सरकार की छवि को खराब करनेवाली खबरें जो केन्द्रीय एजेंसियों से संबंधित होती हैं, सभी अखबारों में अक्षरशः एक प्रकार की छपती है। चैनलों में इन समाचारों को लेकर एकरुपता होती हैं, आखिर इनकी ब्रीफिंग कौन करता है? आखिर ये खबरें अखबारों/चैनलों तक कौन पहुंचाता है? कौन वे सूत्र हैं जो मीडिया के लिए काम कर रहे हैं?
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जो दो वर्षों तक जन-सेवा का काम बंद रहा। जैसे ही कोरोना काल में काम शुरु हुआ तो इन एजेंसियों की मदद से केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार के कामों में ब्रेक लगाने का काम शुरु कर दिया। जो अधिकारी-कर्मचारी काम कर रहे हैं। उन्हें समन दिये जाने लगे। अगर ये सिस्टम ऐसे काम करेगा तो केन्द्र बताएं कि क्या ये अंधेर नगरी की तरह उनकी एजेंसिंया काम नहीं रही। मतलब इन एजेंसियों ने गजब का मकड़जाल फैला रखा है, किसी को काम ही नहीं करने दे रहे।
दूसरे राज्यों की घटना को ये झारखण्ड से जोड़ दे रहे हैं। हद हो गई, अब तो ये स्थिति हो गई है कि कोई एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन पर पर्यटन या कोई अन्य काम के लिए भी आये-जाये तो उसे किसी न किसी कांड से जोड़ दो। जब पूरे देश में यहीं स्थिति लानी हैं तो केन्द्र सरकार का तो लोकसभा में बहुमत हैं। वो ऐसा प्रस्ताव क्यों नहीं लाती कि देश में किसी भी राज्य में गैर भाजपा शासन नहीं होगा। जब तक सृष्टि हैं, भाजपा का ही शासन होगा।
आखिर इस प्रकार की नौटंकी करने की जरुरत ही क्या है? ये एजेंसिंयों के द्वारा शासन ठप कराने की योजना और उसे मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित कराने की जो प्लानिंग चल रही हैं, सरकार की फजीहत कराई जा रही है, झामुमो का मानना है कि ये अति हो रहा है और ये अति खत्म होनी चाहिए।