गुस्साई जनता का नब्ज पहचान CM रघुवर और भाजपा कैंडिडेट सुनील ने मांगी माफी, सहयोग करने को कहा
चतरा से मिल रही जमीनी रिपोर्ट ने भाजपा उम्मीदवार सुनील सिंह और मुख्यमंत्री रघुवर दास की नींद उड़ा दी है। जनता और भाजपा कार्यकर्ताओं के अंदर चल रही नाराजगी अब धीरे–धीरे भाजपा के लिए भयावह रुप धारण करती जा रही है। आज नामांकन के अंतिम दिन भाजपा उम्मीदवार सुनील सिंह ने अपना नामांकन पर्चा भरा, जिसके लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रांची से चतरा तक की दौड़ लगाई।
इस दौरान चतरा में आयोजित एक सभा को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने संबोधित भी किया, तथा संबोधन में आम जनता और कार्यकर्ताओं से सुनील सिंह की ओर से माफी भी मांगी और कहा कि फिलहाल सभी सुनील सिंह को कम और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर ज्यादा ध्यान दें, क्योंकि जितनी सीटें भाजपा की झोली में जायेंगी, उतने ही मोदी मजबूत होंगे, इसलिए सारे गिले–शिकवे दूर कर भाजपा प्रत्याशी सुनील सिंह को जीताने में लग जाये।
इधर सुनील सिंह ने भी भाजपा कार्यकर्ताओं एवं चतरा की जनता से यह कहकर माफी मांगी कि अगर जाने–अनजाने में कुछ भी गलती हो गई हो, तो उन्हें माफ करें, अब सवाल उठता है कि क्या चतरा की जनता भाजपा प्रत्याशी सुनील सिंह को माफ कर देगी, क्योंकि जो चतरा की जनता है, अगर आप उनकी बातों पर ध्यान दें, तो कहीं से वह गलत नहीं। ज्यादातर जनता की शिकायत रही कि सुनील सिंह चुनाव जीतने के बाद उनके इलाके में कभी नजर नहीं आये, ऐसे में वे सुनील सिंह को अपना नेता कैसे माने और कैसे उन्हें वोट करें।
चतरा की जनता का यह भी कहना था कि चतरा की जनता अपने जनप्रतिनिधियों के द्वारा हमेशा से ठगी गई, किसी ने भी उनकी मूलभूत समस्याओं की ओर ध्यान ही नहीं दिया, आज भी टूटी–फूटी सड़कें, पेयजल और बिजली की हालत अन्य जगहों से भी ज्यादा यहां बदतर हैं, ऐसे में डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी उन्हें क्या मिला?
चतरा की जनता का कहना था कि वे जानते है कि उनकी मूल समस्याओं का कारण, हमेशा से बाहरी उम्मीदवार रहे हैं, साथ ही सभी राष्ट्रीय दलों व क्षेत्रीय दलों ने उन्हें ठगने का काम किया, और एक बार वोट लेने के बाद फिर ये कभी चतरा में दिखाई ही नहीं पड़े, ऐसे में उनकी इस बार मांग थी, कि उनका उम्मीदवार इस बार स्थानीय हो, पर किसी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों ने उन मांगों की ओर ध्यान ही नहीं दिया, ऐसे में मतदान के दिन क्यों न ऐसे प्रत्याशियों को सबक सिखाया जाये।
सही..यही नही कई समाज के लोग और पार्टी संगठन भी खिलाफ ही है.।