धिक्कार है, झारखण्ड के उस मंत्री को, जिसने एक सैनिक को अपने सुरक्षाकर्मियों से पीटवाया
एक ओर हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने जवानों, अपने सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए सीमाओं का दौरा करते हैं, उनके साथ मिलकर दीपावली मनाते हैं, तो दूसरी ओर झारखण्ड में उन्हीं की सरकार में शामिल एक मंत्री एक सैनिक को अपने सामने पीटवाता है, उसकी सम्मान के साथ खेलता है, सैनिक के बच्चे अपने पिता को पीटते हुए देखकर रो रहे होते हैं, और मंत्री मुस्कुरा रहा होता है। मंत्री के सुरक्षाकर्मी सैनिक के साथ बदसलुकी करते हैं, पीटते हैं पर उक्त सैनिक के सम्मान की रक्षा के लिए कोई आगे नहीं आता। यह हैं झारखण्ड की कानून व्यवस्था का हाल, ये हैं झारखण्ड के एक मंत्री का चाल-चलन।
हम जिस संदर्भ की चर्चा कर रहे हैं, उसका संदर्भ रामगढ़ में हुई घटना से है। ये घटना 21 अक्टूबर 2017 की है। ये घटना एक लांस नायक सुनील कुमार के साथ घटी हैं। सुनील कुमार रामगढ़ कैंट की ही रहनेवाले है और जो मंत्री, जिनके सुरक्षाकर्मियों ने उक्त सैनिक के साथ बदसलुकी की, मारपीट की, वह भी मंत्री के सामने, उस मंत्री का नाम हैं – चंद्र प्रकाश चौधरी जो आजसू कोटे से मंत्री बना है।
यानी बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां सुभान अल्लाह। मुख्यमंत्री बिना हेलमेट के स्कूटी चलाता हैं और धड़ल्ले से कानून तोड़ता हैं और उसका मंत्री कानून को ही अपने हाथ में ले लेता है, और सैनिक की अपने सामने ही पिटाई करवा देता है, हालांकि सुनील कुमार ने इस मामले की प्राथमिकी दर्ज करा दी है, पर उसे न्याय मिलेगा, इसकी संभावना कम ही दीखती है, क्योंकि झारखण्ड में जहां का मुख्यमंत्री स्वयं कानून का सम्मान नहीं करता, भला वहां का पुलिसकर्मी इस सैनिक को क्या न्याय दिलायेगा और क्या सम्मान करेगा?
सुनील कुमार ने ठीक ही कहा कि वोट की बात आयेगी तो फिर देखिये इन नेताओं की जनता के सामने कैसे पेश आते है, और वोट प्राप्त कर लेने के बाद, सत्ता प्राप्त होने के बाद, फिर देखिये इनकी दादागिरी? क्या उक्त सैनिक को केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय या पीएमओ न्याय दिला पायेगा? या ऐसे ही उसके सैनिक सत्तारुढ़ दल में शामिल मदांध मंत्रियों के सामने, उनके सुरक्षाकर्मियों के हाथों पीटते रहेंगे, अपमानित होते रहेंगे…